Darbhanga News: दरभंगा. एक माह पहले नौ अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक महिला चिकित्सक के साथ अमानवीय कुकृत्य को लेकर पूरा देश सहम गया था. घटना के बाद प्रमुख रूप से महिला चिकित्सकों के मन में असुरक्षा की भावना घर कर गयी. इसे लेकर स्थानीय स्तर पर दरभंगा मेडिकल कॉलेज के जेडीए ने सुरक्षा की मांग की थी. मामले को लेकर अस्पताल प्रशासन की ओर से जरूरी कदम उठाने की बात कही गयी थी. लेकिन, चिकित्सकों के लिये सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम का आश्वासन देने के बाद अस्पताल प्रशासन इस पर अमल करना भूल गया. खासकर मुख्य आपातकालीन विभाग में मरीजों की चिकित्सा के दौरान परिजनों की भीड़ लगी रहती है. इसके मद्देनजर अस्पताल प्रशासन की ओर से कहा गया था, कि अब चिकित्सा के दौरान मरीज के साथ एक ही परिजन भीतर जा सकेंगे. पास सिस्टम लागू किया जायेगा. एक माह बीत गये, पर अस्पताल प्रशासन की ओर से इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी है.
परिसर में जगह-जगह रोशनी नहीं, महिला चिकित्सक रहती परेशान
डीएमसीएच में 24 घंटे चिकित्सा प्रक्रिया संचालित की जाती है. देर रात अस्पताल पहुंचने को लेकर महिला चिकित्सकों के मन में भय रहता है. अस्पताल परिसर में कई जगह अंधेरा छाया रहता है. अस्पताल चारों तरफ से खुला है. देर रात अस्पताल परिसर में असामाजिक तत्वों का जमावड़ा रहता है. इस स्थिति में महिला चिकित्सक असहज महसूस करती है. इसे लेकर अस्पताल प्रशासन की ओर से आवश्यकतानुसार परिसर में लाइट व सीसीटीवी कैमरा लगाने की बात कही गयी थी. इस पर भी अमल नहीं हो सका है. जूनियर चिकित्सकों ने नाका छह व कर्परी चौक की ओर से परिसर में आम जनों के आवागमन पर रोक लगाने को लेकर गेट लगाने की मांग की थी. बेंता थाना पुलिस की परिसर में मौजूदगी को लेकर पुख्ता इंतजाम करना था. दोनों में से कोई आश्वासन धरती पर अबतक नहीं उतरा है. प्रभारी अधीक्षक डॉ यूसी झा ने बताया कि 25 तक अधीक्षक अलका झा अवकाश पर हैं. उनके आने के बाद स्थिति स्पष्ट हो पायेगी.
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