13.1 C
Ranchi
Saturday, February 8, 2025 | 06:22 am
13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

बिहार में नदी किनारे अचानक क्यों दिखने लगे मगरमच्छ, लोगों को क्यों बना रहे शिकार? जानें एक्सपर्ट से हकीकत

Advertisement

बिहार में गंगा समेत अन्य नदियों में अचानक मगरमच्छ दिखने लगे हैं. ये मगरमच्छ अचानक ही दिखने लगे हैं. इसके पीछे की वजह क्या है और ये मगरमच्छ कबतक ऐसे रहेंगे. जानिये...

Audio Book

ऑडियो सुनें

पहले भागलपुर में गंगा के घाटों पर घड़ियाल दिखा करते थे, लेकिन पिछले करीब एक महीने से मगरमच्छ देखा जाने लगा है. मगरमच्छ कभी सुलतानगंज के घाटों पर, तो कभी गोपालपुर के समीप गंगा किनारे देखा गया है. बिहार में कई जिलों में ये देखे गये. कुछ जगहों पर यह हमलावर भी हो गया है. इस पर विशेषज्ञों की राय जानें…

- Advertisement -

चंबल से ही आया मगरमच्छ?

विशेषज्ञों का कहना था कि बारिश से नदियों के आपस में मिल जाने व तेज बहाव में मगरमच्छ के आने की संभावना है. मगरमच्छ सबसे अधिक चंबल नदी में पाये जाते हैं. लिहाजा इस बात की पूरी संभावना है कि यह चंबल से ही आया हो. हालांकि अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है कि भागलपुर में गंगा में इसकी कितनी संख्या है.

विभाग के पास पकड़ने के लिए उपलब्ध हैं तमाम संसाधन, पर कानून है बाधक

वन विभाग के पास मगरमच्छ को पकड़ने के तमाम साधन उपलब्ध हैं. जानकारी के अनुसार नायलोन के मोटे धागे से बना जाल, टेंक्यूलाइजर गन, दवा और इंजेक्शन के साथ रेस्क्यू टीम भी है, लेकिन जलीय जीव को पकड़ना उचित नहीं है. मगरमच्छ लुप्तप्राय प्राणी है. इस कारण उसे पकड़ने के लिए मुख्य वन्य प्राणी प्रतिपालक से अनुमति लेना जरूरी है. इसके बाद अगर एक पकड़ भी लिया जाये, तो यह जरूरी नहीं कि दूसरा या तीसरा नहीं हो. खास बात यह कि इसकी दुनिया जल ही है.

Also Read: बिहार का पाकिस्तान पट्टी: जहां मां दुर्गा का है प्रसिद्ध मंदिर, श्रद्धालुओं की उमड़ती भीड़, जानें महत्व
गंगा के घाटों पर लोग हैं भयभीत

सुलतानगंज में घाट किनारे मगरमच्छ दिखने और स्नान कर रहे एक व्यक्ति पर हमला होने के कारण लोग भयभीत हैं. पिछले दिनों गंगा स्नान के दौरान एक युवक का पैर मगरमच्छ ने काट दिया था. गंगा के तट पर रहनेवाले लोग परेशान हैं. दरअसल जिले में गंगा पर सब आश्रित हैं, तो दूसरी ओर सुलतानगंज, भागलपुर व बटेश्वर स्थान में बिना गंगा स्नान के कोई धर्म-कर्म संभव नहीं इससे भी परेशान हैं लोग.

इसलिए घाटों पर दिख रहे मगरमच्छ

गंगा में मगरमच्छ रहते ही हैं. यह मांसाहारी होते हैं. हाल में गंडक में कुछ मगरमच्छ को छोड़ा गया था. उससे गंगा में आने का अनुमान है. चंबल नदी से भी आ सकते हैं. यह सीजन मछलियों की ब्रीडिंग का होता है. ब्रिडिंग के लिए मछलियां किनारे पर रहती हैं. उसे खाने मगरमच्छ आ जाता है. मछली अगर कम मिली, तो जो मिलता है उस पर हमला कर देता है.

-प्रो फारुक अली, कुलपति, जयप्रकाश विवि छपरा

Published By: Thakur Shaktilochan

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें