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बिहार का रबर डैम केरल के लिए बना मिसाल, ‘गयाजी डैम’ के तर्ज पर पम्बा नदी में बांध बनाने पर हो रहा विचार

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गया में विश्व प्रसिद्ध विष्णुपद मंदिर के निकट फल्गु नदी में निर्मित 'गयाजी डैम' मॉडल को केरल में ऐतिहासिक पम्बा नदी के जल को संग्रहण के किए उपयुक्त मॉडल के तौर पर गहन विचार किया जा रहा है. यह बात बिहार के जल संसाधन मंत्री ने कही.

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गया में विश्व प्रसिद्ध विष्णुपद मंदिर के निकट फल्गु नदी में जल संसाधन विभाग द्वारा निर्मित ‘गयाजी डैम’ देश का सबसे बड़ा रबड़ डैम है. अब जल संकट से जूझ रही केरल सरकार इसी ‘गयाजी डैम’ के मॉडल को अपनाने पर विचार कर रही है. विशेषज्ञों के सुझाव के बाद केरल में ऐतिहासिक पम्बा नदी के जल संग्रहण के लिए रबर डैम के निर्माण पर विचार हो रहा है. सूचना एवं जनसंपर्क सह जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने खुशी जताते हुये कहा है कि ऐसा कर बिहार ने जल प्रबंधन की नयी राह दिखाई है.

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बीते 123 वर्षों में सबसे कम बारिश

मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि दरअसल जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम और पर्यावरण के साथ-साथ धार्मिक परंपराएं भी प्रभावित हो रही हैं. इसका एक ज्वलंत उदाहरण केरल की पम्बा नदी के तट पर स्थित अरनमुला गांव में हर वर्ष लगने वाला जल मेला यानी जलोत्सवम् है. मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार देश के कई हिस्सों के साथ- साथ केरल में इस वर्ष अगस्त माह में बीते 123 वर्षों में सबसे कम बारिश हुई है. यह सामान्य से 48 प्रतिशत कम है.

पम्बा नदी में बेहद कम पानी

मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि सेंटर फॉर वॉटर रिसोर्स एंड मैनेजमेंट, कोझीकोड (केरल) के अनुसार केरल के उत्तरी जिले अत्यंत शुष्क हैं. इस कारण पम्बा नदी में बेहद कम पानी उपलब्ध है. ऐसे में जलोत्सवम् के दौरान आयोजित होने वाले अरनमुला नौका दौड़ (बोट रेस) को लेकर संकट पैदा हो गया है. यह केरल में आयोजित होने वाला सबसे बड़ा नौका दौड़ उत्सव है. इसमें हजारों पर्यटक शामिल होते हैं.

विशेषज्ञों ने अरनमुला में डैम बनाने का दिया सुझाव

मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि केरल में बादल के फटने से कई घटनाओं के कारण बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है. इससे उबरने के लिए कई जल विशेषज्ञों ने बिहार के गया में फल्गु नदी पर बने रबड़ डैम के तर्ज पर पम्बा नदी पर अरनमुला में डैम बनाकर जल को नियंत्रित रूप से संग्रहित करने का सुझाव दिया है. स्थानीय सरकार द्वारा इस पर विचार किया जा रहा है.

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गयाजी डैम के निर्माण पर खर्च हुए 324 करोड़

बता दें कि फल्गु नदी पर देश के सबसे लंबे रबर बांध ‘गयाजी डैम’ के निर्माण और विकास पर लगभग 324 करोड़ रुपये खर्च किये गये. इस परियोजना में आईआईटी (रुड़की) के विशेषज्ञ शामिल थे. यहां तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए बैरियर में हमेशा पर्याप्त जल रहेगा. इसके विकास से विष्णुपद घाट पर फल्गु नदी पर पिंडदान करने आने वाले श्रद्धालुओं को अब पूरे साल कम से कम 2 फीट पानी उपलब्ध मिलेगा.

सितंबर 2020 को सीएम नीतीश ने राखी थी डैम की आधारशिला

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 22 सितंबर 2020 को रबर डैम की आधारशिला रखी थी. इसके पूरा होने की तिथि अक्टूबर 2023 निर्धारित की गई थी. हालांकि, नीतीश कुमार ने इसे सितंबर 2022 तक पूरा करने का निर्देश दिया. इसे साकार करने के लिए इंजीनियरों ने दिन और रात के सभी घंटों में अथक परिश्रम किया. वहीं रबर डैम के निर्माण से पहले फल्गु नदी गंदे पानी और कचरे से भरी रहती थी, लेकिन डैम के निर्माण के बाद से स्थिति बदल गई है. इसके साथ ही डैम पर एक स्टील फुटब्रिज का भी निर्माण किया गया है. जिसकी वजह से विष्णुपद देवघाट से पूर्व की ओर पिंडवेदी के बीच की लंबाई कम कर दी गयी है. पहले बाइपास से होकर निजी गाड़ी से जाना पड़ता था.

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क्यों पड़ी रबर डैम की जरूरत

धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से गया महत्वपूर्ण शहर है. यहां हर वर्ष हजारों हिंदू, बौद्ध और जैन पर्यटक आते हैं. पितृपक्ष के दौरान यहां कई ऐसे श्रद्धालु आते हैं जो अपने पूर्वजों को मोक्ष दिलाने के लिए पिंडदान, स्नान और तर्पण करते हैं. विश्व प्रसिद्ध विष्णुपद स्मारक के पास स्थित मोक्ष दायिनी फल्गु तालाब में बरसात के मौसम को छोड़कर बाकी दिनों में सतही एवं भूजल का बहाव नहीं रुक पाता है. इस समस्या के समाधान के लिए प्लास्टिक सामग्री विकसित की गई. विष्णुपद मंदिर के पास फल्गु नदी अब पूरे साल पानी से लबालब रहेगी.

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