15.1 C
Ranchi
Friday, February 7, 2025 | 10:38 am
15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Chhath Puja 2023: महंगाई पर आस्था भारी, बाजारों में फल- सूप से लेकर बर्तन की बढ़ी डिमांड, जानें कीमत

Advertisement

Chhath Puja 2023: छठ पूजा को लेकर तैयारी जारी है. बाजारों में फल, सूप से लेकर बर्तनों की डिमांड बढ़ चुकी है. लोग जमकर खरीददारी कर रहे हैं. बाजारों में लोगों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Chhath Puja 2023: छठ पूजा को लेकर तैयारी तेज है. लोग खरीददारी कर रहे हैं. छठव्रतियां तैयारी व खरीदारी कर रही है. छठव्रती बताते है कि छठ पूजा में मिट्टी निर्मित बर्तन भी लेना हम लोगों की परंपरा है. कुम्हार से मिट्टी का बर्तन खरीदा जाता है. फिर, उसी के बेटे-पोते से अभी भी मिट्टी के बर्तन लिए जाने का परंपरा है. कुम्हार बताते है कि हम लोगों का भी यजमान होता है. छठ पर्व के दौरान अपने ही जजमान में मिट्टी के बर्तन देते हैं. इसके लिए एडवांस में ऑर्डर लेकर सामानों की आपूर्ति की जाती है. आस्था का महापर्व छठ (बड़का पर्व) शुक्रवार 17 अक्तूबर से नहाय-खाय के साथ आरंभ हो जायेगा. वहीं महापर्व छठ को लेकर तैयारी जोरों पर है. एक ओर जहां छठ पर्व को लेकर लोग खरीदारी में जुट गये हैं. वहीं छठ पर्व का मुख्य केंद्र बांस का बना सूप व दौरा (डलिया) को बाजार में उपलब्ध कराने के लिए लगातार कारीगर इसे तैयार में लगे हैं.

- Advertisement -

महादलित तैयार करते हैं सूप व डलिया

मुंगेर शहर के कौड़ा मैदान मनसरी तल्ले एक महादलित बस्ती है. जहां महादलितों का पूरा कुनबा ही सूप व डलिया तैयार में जुटा हुआ है. लेकिन, महंगे बांस और उससे बने समानों का बाजार में उचित मूल्य नहीं मिलने से वह निराश तो है. बावजूद इसके अपने कारीगरी को जिंदा रखने के लिए आज भी दिन- रात एक कर सूप व डाला का निर्माण कर रहे हैं. मुंगेर में छठ पर्व का अपना विशेष महत्व है. छठव्रती श्रद्धालु हाथ में सूप लेकर अस्तलगामी सूर्य और उदयमान सूर्य को अर्ध दान करती है. जिस सूपों को महादलितों द्वारा तैयार किया जा रहा है. छठ पर्व आते ही बांस से सूप व टोकरी बनाने वाले महादलित समुदाय के लोगों की पूछ बढ़ जाती है. लोग बांस से निर्मित सूप व डाला में ही प्रसाद रख कर गंगा घाट जाते हैं. इस कारण बांस से निर्मित उत्पाद की डिमांड भी काफी बढ़ जाती है. बाजार में सूप व टोकरी की कमी न हो इसके लिए छठ पर्व से छः माह पूर्व से ही यहां के महादलित कारीगर सूप निर्माण के कार्य में जुट जाते है. सूप बनाने वाले कारीगर अपने पूरे परिवार के साथ मिलकर बांस के टुकड़े- टुकड़े करते है और फिर उसको पतला- पतला कर मकड़े की जाल की तरह मेढ कर सूप तैयार करते है. इस काम में न सिर्फ बड़े ही हाथ बंटाते है. बल्कि उनके छोटे-छोटे बच्चे भी लगे रहते है. मनसरी तल्ले मोड़ से सीधे कुछ कदमों की दूरी पर सड़क किनारे सूप तैयार करते महादलित आपको मिल सकता है. महादलित लालू कुमार के अनुसार एक सूप तैयार करने में करीब एक घंटा लग जाता है.

Also Read: Chhath Puja: विदेशों में भी महापर्व की धूम, सात समंदर पार एडिनबर्ग में छठ मनाएंगे 75 प्रवासी बिहारी परिवार
बाजार में उचित मूल्य नहीं मिलने से परेशान है कारीगर

बांस का बढ़ा मूल्य और उत्पादित समानों का बाजार से नहीं मिल रहे है. उचित मूल्य के कारण कारीगरों की परेशानी काफी बढ़ गयी है. सूप तैयार करने वाले बताते है कि यह हमलोगों का पुश्तैनी धंधा है. बांस की बहुत किल्ल्त है. झारखंड के साहेबगंज से बांस मंगाया जा रहा है. जिसकी कीमत 300 से 350 रुपये पड़ता है. ऐसे में जो कीमत सूप एवं टोकरी बनाने में पड़ता है, वह भी मुश्किल से निकल पाता है. इस कार्य में पूरा परिवार जिसमें बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक दिन रात एक करके सुप तैयार करते हैं. पर कमाई के नाम पर ज्यादा मुनाफ नहीं होता है. बाजार में एक सूप 70 से 100 रूपये में बिकता है. जबकि एक बांस से मात्र 4 से 5 सूप ही बनता है. उसके बाद इसे बनाने में मेहनत अधिक लगती है. पहले बांस को काटना और छीलना पड़ता है. जिसके बाद बांस को पतला- पतला छीलकर सूप बनाया जाता है. ऐसे में जो दाम बाजार में एक सूप का मिलता है. वहीं, फलों के दाम में इस बार 20 से 25 फीसदी का इजाफा हुआ है. बाजारों में चिनिया केला 400 रूपए से 700 रूपए प्रति घौंद है. अन्नानास 80 से 100 रूपए का जोड़ा बिक रहा है.

Also Read: बिहार: छठ को लेकर ट्रेनों में लोगों की खचाखच भीड़, खिड़की से ही ट्रेन में घुस रहे कई यात्री, देखिए तस्वीरें..

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें