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चमकी-बुखार केस मुजफ्फरपुर: डॉक्टर ने जिस बच्चे को बताया स्वस्थ उसकी बिगड़ी सेहत, अस्पताल में कराया भर्ती

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मीनापुर पीएचसी के डॉक्टर ने कांटी प्रखंड के मोरसर गांव जाकर की बच्चे की जांच की थी , डॉक्टर ने हालत ठीक बताया लेकिन डॉक्टर के जाते ही बच्चे की हालत फिर खराब होने पर उसे केजरीवाल अस्पताल लेकर जाना पड़ा.

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मुजफ्फरपुर में एइएस पीड़ित बच्चे को मीनापुर पीएचसी से रेफर करने वाले पीएचसी प्रभारी ने शुक्रवार को जिस बच्चे की हालत में सुधार होने की पुष्टि की थी, उसकी तबियत बिगड़ने पर देर शाम उसे केजरीवाल अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. कांटी के जामिन मठिया पंचायत के मोरसर गांव निवासी विजय राम अपने डेढ़ वर्षीय पुत्र आयुष को चमकी होने पर गुरुवार को मीनापुर पीएचसी में में इलाज कराने गये थे. वहां से बच्चे को रेफर किया गया था.

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विजय राम बच्चे को लेकर केजरीवाल अस्पताल गये और वहां से बच्चे को दिखा कर लौट गये. मीनापुर पीएचसी ने बच्चे के रेफर किये जाने की सूचना मुख्यालय को नहीं दी. जब इसकी जानकारी मिली तो स्वास्थ्य विभाग करीब दो घंटे तक एसकेएमसीएच और केजरीवाल अस्पताल में बच्चे की खोज करता रहा. बाद में उसके गांव संपर्क करने पर पता चला कि विजय राम बच्चे को लेकर घर आ चुका है.

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एइएस के नोडल प्रभारी डॉ सतीश कुमार ने पीएचसी द्वारा बच्चे को एंबुलेंस उपलब्ध नहीं कराने और मुख्यालय को सूचना नहीं दिये जाने को लापरवाही मानते हुए कड़ी आपत्ति जतायी थी और पीएचसी प्रभारी को बच्चे के घर पर डॉक्टर भेजने काे कहा था. निर्देश के आलोक में शुक्रवार को डॉक्टर एइएस पीड़ित बच्चा के घर पहुंचे और जांच कर दवाएं दी, लेकिन डॉक्टर के जाते ही बच्चा सीरियस हो गया. आनन-फानन में परिजन बच्चे को लेकर केजरीवाल अस्पताल आएं. हालांकि मीनापुर पीएचसी प्रभारी ने मुख्यालय को भेजे पत्र में कहा है कि बच्चे के घर डॉक्टर को भेजा गया था. बच्चे को जन्मजात चमकी की बीमारी है. दवा दी गयी है. बच्चे की हालत में सुधार है.

इधर, बच्चे के साथ केजरीवाल अस्पताल पहुंचे पड़ोसी रवींद्र यादव ने कहा कि बच्चे का पेट फूल गया था और दस्त भी हो रहा था. हमलोग एंबुलेंस के लिए कांटी और मीनापुर पीएचसी में फोन भी किये, लेकिन एंबुलेंस नहीं मिला़ बच्चे को कांटी से यहां लाने में 800 रुपये खर्च करने पड़े और केजरीवाल अस्पताल में भी इलाज के लिए खर्च करना पड़ रहा है.

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