पटना के स्कूलों में अब बच्चों को पढ़ाया जायेगा साइबर सुरक्षा का पाठ, दी जाएगी इन बातों की जानकारी
स्कूली बच्चों को साइबर सुरक्षा की जानकारी देने और अभिभावकों को डिजिटल पैरेंटिंग के महत्व को समझाने के लिए स्कूलों में साइबर सुरक्षा के पाठ पढ़ाये जायेंगे. डिजिटल युग में पढ़ाई के लिए बच्चों के हाथों में स्मार्टफोन आने की वजह से डिजिटल सुरक्षा के खतरे भी बढ़ गये हैं.
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स्कूली बच्चों को साइबर सुरक्षा की जानकारी देने और अभिभावकों को डिजिटल पैरेंटिंग के महत्व को समझाने के लिए स्कूलों में साइबर सुरक्षा के पाठ पढ़ाये जायेंगे. डिजिटल युग में पढ़ाई के लिए बच्चों के हाथों में स्मार्टफोन आने की वजह से डिजिटल सुरक्षा के खतरे भी बढ़ गये हैं. डिजिटल खतरे से बच्चों को बचाने के लिए सीबीएसइ की ओर से स्कूल प्रबंधकों को साइबर सुरक्षा के पाठ पढ़ाने का निर्देश दिया गया है.
पीपीटी के माध्यम से बच्चों को पढ़ाया जायेगा
वर्तमान समय में साइबर क्राइम काफी तेजी से बढ़ रहा है ऐसे में साइबर सुरक्षा एक बड़ी चुनौती बनकर उभरी है. शहर के संत कैरेंस हाइ स्कूल की प्राचार्या सीमा सिंह ने बताया कि स्कूल की ओर से अलग-अलग क्लास के बच्चों को सप्ताह में एक दिन साइबर सुरक्षा के पाठ पढ़ाये जायेंगे. इसके लिए स्कूल के शिक्षकों ने पीपीटी तैयार किया है. उन्होंने बताया कि सीनियर और जूनियर सेक्शन के बच्चों के लिए अलग-अलग पीपीटी तैयार की गयी है.
शिक्षकों के लिए स्पेशल क्लास
वहीं बेली रोड स्थित केंद्रीय विद्यालय के प्राचार्य पीके सिंह ने बताया कि बच्चों के साथ ही शिक्षकों को भी साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए स्पेशल क्लास आयोजित किये जायेंगे. इसमें बच्चों को बैकिंग सुरक्षा, साइबर बुलिंग, ट्रोलिंग, फिशिंग, स्टाॅकिंग से बचाव के तरीके की भी जानकारी दी जायेगी. साइबर क्राइम के बढ़ते हुए मामलों को देखकर स्कूली बच्चों को इसके प्रति जागरूक करने के लिए ये पहल कि गयी है.
सीबीएसइ ने पहले भी जारी की है किताब
बता दे कि सीबीएसइ की ओर से समय-समय पर साइबर सुरक्षा से संबंधित निर्देश जारी किये जाते रहते हैं. बोर्ड की ओर से अभिभावकों, शिक्षकों और विद्यार्थियों के लिए साइबर सुरक्षा पर किताबें भी प्रकाशित की गयी हैं. साइबर सुरक्षा के क्लास में किताब में दिये गये दिशा-निर्देश की भी जानकारी बच्चों को दी जायेगी. सीबीएसइ ने सीआइइटी व एनसीइआरटी की ओर से विकसित किताबों को ऑनलाइन भी प्रकाशित किया गया है. इनमें स्कूलों, शिक्षकों, अभिभावकों व विद्यार्थियों के लिए अलग-अलग विस्तृत निर्देश दिये गये हैं.