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सीबीआई ने फर्जी जॉब रैकेट गिरोह का किया भंडाफोड़, पटना-अररिया समेत 9 जगहों पर छापेमारी, तीन गिरफ्तार

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सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर चल रहे एक फर्जी गिरोह का सीबीआई ने खुलासा किया है. इस मामले में सीबीआई ने 6 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की है. इसके लिए सीबीआई ने देश भर में तीन दिनों में 9 जगहों पर छापेमारी की.

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केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने एक फर्जी नौकरी रैकेट के अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है. इस मामले में शुक्रवार को एजेंसी ने पुख्ता जांच करने के बाद छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. साथ ही बिहार के अररिया जिला के विशाल उर्फ अभिषेक समेत तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है. गिरफ्तार अभियुक्त को कोर्ट के सामने प्रस्तुत किया जायेगा. इस मामले में सीबीआई ने बीते तीन दिनों में पटना और अररिया के साथ-साथ धनबाद, मुंबई, मंगलुरु, बेंगलुरु समेत नौ स्थानों पर एक साथ छापेमारी की है. इस गिरोह ने बीते दो वर्षों में सरकारी नौकरी दिलाने का वादा कर अभ्यर्थियों से करोड़ों रुपये इकट्ठा किए थे.

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नौकरी दिलाने के नाम पर 10-15 लाख रुपये तक की रकम लेता था गिरोह

सीबीआई से मिली जानकारी के अनुसार यह गिरोह सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर 10-15 लाख रुपये तक की रकम लेता था. यह गिरोह उन नौजवानों को अपना शिकार बनाता था, जो विभिन्न सरकारी नौकरियों के लिए तैयारी कर रहे होते हैं और परीक्षा में सफल नहीं होने की वजह से हताश रहते हैं. नौकरी की चाहत रखने वाले लोगों को टारगेट में लेने कके बाद इस गिरोह के सदस्य विभिन्न तरह के शुल्क लगा कर लोगों से धन की वसूली करते हैं. यह रैक्ट एक साथ देश के कई राज्यों में फैला हुआ है.

व्यवस्थित तरीके से हो रहा था गिरोह का संचालन

सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर चल रहा यह फर्जी रैकेट इतना व्यवस्थित तरीके से काम कर रहा था कि एक बार कोई इसके चंगुल में फंसने के बाद पैसा वापस लेना चाहे तो यह उसके लिए मुमकिन नहीं था. इसके लिए गिरोह ने खुद को ऐसे संगठित किया था कि कोई संगठन के तो में रहे लोगों से संपर्क नहीं कर सके. इसके गिरोह ने देश भर में कई जगहों पर प्रशिक्षण और फर्जी नियुक्ति पत्र आदि बांटने की भी व्यवस्था कर रखी थी.

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नौकरी चाहने वालों को दिया गया था फर्जी प्रशिक्षण

इस मामले में सीबीआइ ने पटना, मुंबई, बेंगलुरु, मैंगलोर और धनबाद सहित नौ स्थानों पर तलाशी ली, जिसमें मुंबई के साकीनाका में दो फर्जी प्रशिक्षण केंद्र पटना और बक्सर में एक फर्जी प्रशिक्षण केंद्र शामिल था, जिसमें कथित तौर पर नौकरियों के लिए फर्जी नियुक्तियों के बाद लगभग 25 नौकरी चाहने वालों को प्रशिक्षण दिया जा रहा था. तलाशी के दौरान फर्जी कॉल लेटर, फर्जी नियुक्ति पत्र, नौकरी चाहने वालों के फर्जी प्रशिक्षण डोजियर जैसे आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए. मामले में आगे की जांच जारी है. वहीं गिरफ्तार कीये गए आरोपियों को कोर्ट में पेस किया जाएगा.

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