15.1 C
Ranchi
Saturday, February 8, 2025 | 08:30 am
15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Explainer: बिहार में जातीय गणना को लेकर लोहार व ठठेरा समाज क्यों है नाराज? जानिए क्या है दोनों की मांग…

Advertisement

Explainer: बिहार में जातीय गणना का काम फिर एकबार शुरू हो गया है. हाईकोर्ट ने रोक को हटाते हुए सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया है. एकतरफ जहां मामला फिर से सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है वहीं दूसरी ओर सूबे में चल रहे सर्वे कार्य में लोहार व ठठेरा समाज की नाराजगी सामने आयी है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Explainer: बिहार में जाति गणना पर लगी रोक को हटा दिया गया और पटना हाईकोर्ट के हाल में दिए गए फैसले के बाद एकबार फिर से प्रदेश में जातीय गणना का काम शुरू कर दिया गया है. वहीं सर्वे का काम शुरू होते ही अब कई जातियों की ओर से नाराजगी सामने आने का सिलसिला फिर एकबार शुरू हो गया है. इनमें लोहार जाति का विरोध भी शामिल है. लोहार समाज की मांग को लेकर पटना में प्रदर्शन तक किए जा चुके हैं. प्रदर्शनकारियों ने रेल चक्का जाम करने की कोशिश पिछले दिनों की तो पुलिस को हल्का बल प्रयोग करके भीड़ तो तितर-बितर करना पड़ा.

- Advertisement -

लोहार बिरादरी की मांग क्या है?

लोहार को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग की जा रही है. लोहार विकास मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजकिशोर शर्मा ने कि केंद्र व राज्य सरकार पक्षपात कर रही है. पूर्व में कांग्रेस की सरकार ने लोहार को लोहारा बना दिया. एक्ट 23/2016 में (लोहारा नहीं) लोहार करके भारत सरकार का राजपत्र जारी करने की उन्होंने मांग की. उन्होंने कहा कि अगर ये नहीं किया गया तो लोहार आर-पार की लड़ाई लड़ेगा. गांव-गांव जाकर आंदोलन किया जाएगा. उन्होने कहा कि लोहार जाति सब जगह है लेकिन लोहारा जाति नहीं है. वहीं बिहार राज्य लोहार संघ का कहना है कि लोहार जाति को अलग से कोड देने की मांग तब से की जा रही है जब से जाति गणना का काम शुरू हुआ हे. लिस्ट में लोहार के बदले कमार कर दिया गया है. लोहार जाति का अलग कोड दिया जाए. अभी लोहार कमार या लोहारा जाति में जनगणना कराने को बाध्य है.

सूचि में क्या है स्थिति?

बता दें कि जाति गणना के लिए सरकार की ओर से 215 जातियों का कोड जारी किया जा चुका है. इस सूचि में 13वें नंबर पर कमार जाति को रखा गया है. इसमें लोहार और कर्मकार, दोनों आते हैं. लेकिन लोहार समाज में इसे लेकर नाराजगी है. उन्होंने शुरू से इसे लेकर विरोध किया है. वो अलग जाति कोड की मांग करते आए हैं. इसे लेकर पूर्व में भी आंदोलन की चेतावनी वो देते आए हैं.

Also Read: Explainer: क्या नीतीश कुमार 20 साल बाद अब फिर लड़ेंगे लोकसभा चुनाव? जानिए क्यों छिड़ी है ये चर्चा..
पटना में बहिष्कार..

पटना के मसौढ़ी समेत कई जगहों पर जातिगत गणना के काम का लोहार जाति ने बहिष्कार किया है. स्वतंत्र कोड नहीं मिलने से आक्रोशित इस समाज के लोगों ने गणना काम में सहयोग करने से मना कर दिया. धनरुआ के तेतरी गांव में इसका बहिष्कार किया गया. जिसके बाद एसडीएम प्रीति कुमारी को वहां पहुंचना पड़ा. लेकिन कोई बात मानने को तैयार स्थानीय लोहार नहीं हुए.

जहानाबाद में जाति गणना का लोहार समाज ने किया विरोध

जहानाबाद के सदर प्रखंड क्षेत्र के जाति गणना को लेकर प्रगणक टीम अमैन पंचायत के मोहनपुर गांव पहुंची. गांव में अन्य जाति की गणना करते हुए लोहार समाज के घर के पास टीम पहुंची. लोहार समाज के लोगों ने गणना का बहिष्कार किया और कुछ भी जवाब देने से साफ मना कर गए. उनलोगों ने बताया कि पहले हम लोग अनुसूचित जनजाति में थे लेकिन वर्तमान में सरकार ने हमें अतिपिछड़ा कर दिया है इसलिए हमलोग जाति गणना का बहिष्कार करते हैं. इस मामले में उत्क्रमित उच्च विद्यालय अमैन के प्रधानाध्यापक राजेश कुमार से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि प्रगणक सोनी शर्मा मोहनपुर गांव में जाति गणना करने गई थी. उस गांव में अन्य जाति के लोगों ने इसका सहयोग किया लेकिन लोहार समाज के लोगों ने इसका बहिष्कार किया.

ठठेरा समाज की क्या है मांग?

वहीं ठठेरा समाज भी अपनी मांग को लेकर अब बहिष्कार और आंदोलन की राह पर है. बिहार राज्य ठठेरा संघ के प्रदेश महामंत्री सत्यनारायण प्रसाद ने कहा कि ठेठरा को अति पिछड़ा वर्ग में शामिल नहीं किया गया तो चरणबद्ध आंदोलन किया जायेगा. इस समाज के प्रति सरकार का कोई ध्यान नहीं जाने के कारण लोग आज भी बद से बदतर जीवन जीने को मजबूर हैं. पिछले दिनों नवादा शहर में जिला स्तरीय सम्मेलन का आयोजन किया गया. जिसकी अध्यक्षता नवादा जिला ठठेरा संघ के जिलाध्यक्ष सत्येंद्र प्रसाद आर्य ने की. प्रदेश महामंत्री ने कहा कि राज्य में ऐसे कई जातियां हैं जिसे आरक्षण दिया जा रहा है. लेकिन, ठठेरा समाज वर्षों से उपेक्षित रखा गया है. उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा समाज है जिसमें बच्चे कलम-किताब के जगह पर ठेला थाम रखा है. उन्होंने कहा कि इस समाज के उत्थान को लेकर अब एकजुटता जरूरी हो गयी है. उन्होंने कहा कि अति पिछड़ा वर्ग में शामिल करने के लिए आयोग को पत्र दिया गया है, जहां से अनुमति तो मिली, परंतु मुख्यमंत्री को दिए गए पत्र पर कोई जवाब नहीं मिला है.

संसद में उठ चुकी है मांग..

ठठेरा संघ के जिलाध्यक्ष ने कहा कि जदयू अध्यक्ष सह सांसद ललन सिंह के द्वारा लोकसभा में एक बार ठठेरा जाति को अति पिछड़ा वर्ग में शामिल करने के लिए आवाज भी उठायी जा चुकी है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में 85 प्रतिशत ठठेरा जाति के लोग अत्यंत गरीबी में जीने को विवश हैं. हमारी मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया, तो राजधानी में प्रदेश स्तर का आंदोलन किया जायेगा.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें