16.1 C
Ranchi
Tuesday, February 11, 2025 | 08:04 am
16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

बिहार में जमीन की खरीद-बिक्री अब होगी महंगी, रजिस्ट्री के लिए लागू होगा नया MVR, जानें पूरी बात

Advertisement

बिहार के जिलों में गठित मूल्यांकन समितियों का मानना है कि पिछले छह-सात वर्षों में जमीन का बाजार मूल्य काफी बढ़ा है, लेकिन एमवीआर में बढ़ोतरी नहीं हो सकी. आखिरी बार 2016 में बड़े स्तर पर एमवीआर में बदलाव हुआ था

Audio Book

ऑडियो सुनें

बिहार में एक अप्रैल से जमीन की खरीद-बिक्री महंगी हो सकती है. सभी जिला मूल्यांकन समितियों ने जमीन के मिनिमम वैल्यू रेट (एमवीआर) में बदलाव को लेकर मद्यनिषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग को प्रस्ताव भेज दिया है. विभागीय अधिकारी इसकी समीक्षा में जुटे हैं. विभाग के स्तर पर विस्तृत समीक्षा के बाद राज्य सरकार को प्रस्ताव दिया जायेगा. सरकार की मंजूरी मिलने पर एक अप्रैल से संशोधित एमवीआर लागू हो सकता है. एमवीआर जमीन का वह न्यूनतम निर्धारित मूल्य होता है, जिसके आधार पर उसकी खरीद-बिक्री पर रजिस्ट्री शुल्क वसूल की जाती है.

- Advertisement -

सात साल में बाजार दर बढ़ी, पर एमवीआर नहीं

जिलों में गठित मूल्यांकन समितियों का मानना है कि पिछले छह-सात वर्षों में जमीन का बाजार मूल्य काफी बढ़ा है, लेकिन एमवीआर में बढ़ोतरी नहीं हो सकी. आखिरी बार 2016 में बड़े स्तर पर एमवीआर में बदलाव हुआ था, जिसमें अलग-अलग जिलों में इसकी दर 10 से 40 फीसदी तक बढ़ायी गयी थी. उसके बाद से एमवीआर नहीं बढ़ा है. उल्टे 2017 में कुछ इलाकों के एमवीआर में संशोधन कर उसमें कमी की गयी थी. समितियों का मानना है कि वर्तमान में कई इलाकों में एमवीआर से अधिक कीमत पर जमीन की खरीद-बिक्री हो रही है, जिससे राजस्व की हानि हो रही है.

डीएम की अध्यक्षता में गठित कमेटियों ने भेजी रिपोर्ट

नये एमवीआर के निर्धारण को लेकर जिलों में संबंधित डीएम की अध्यक्षता में गठित जिला मूल्यांकन कमेटियों ने विभाग को रिपोर्ट भेजी है. इस कमेटी में संबंधित जिला अवर निबंधक, अपर समाहर्ता (राजस्व), सभी भूमि उप सुधार समहर्ता, अंचलाधिकारी व राजस्व पदाधिकारी शामिल होते हैं. इनके द्वारा जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों का समेकित रूप से सर्वे कर बाजार दर को ध्यान में रखते हुए एमवीआर का आकलन किया जाता है.

बढ़े शहरी क्षेत्रों में दो फीसदी अधिक शुल्क रहा विभाग

सूबे में पिछले दो-तीन वर्षों के दौरान शहरी निकायों की संख्या 142 से बढ़ कर 261 हो गयी है. ऐसे में इन क्षेत्रों में होने वाली रजिस्ट्री से स्टांप शुल्क के रूप में निबंधन कार्यालयों को दो फीसदी अतिरिक्त राशि मिल रही है. ग्रामीण निकायों में एमवीआर का आठ फीसदी, जबकि शहरी निकायों में एमवीआर का दस फीसदी रजिस्ट्री शुल्क लगता है. सरकारी परियोजनाओं के लिए अधिग्रहित की जाने वाली भूमि दर का मुआवजा भी एमवीआर के आधार पर ही भुगतान किया जाता है.

Also Read: बिहार में हाईटेक होगी जमीन म्यूटेशन की प्रक्रिया, राजस्व अधिकारियों को नामांतरण अधिकार देने के लिए ट्रायल रन
एमवीआर में बदलाव को लेकर भेजा गया प्रस्ताव

मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग के आयुक्त बी कार्तिकेय धनजी ने बताया कि जिला मूल्यांकन समितियों ने एमवीआर में बदलाव को लेकर प्रस्ताव भेज दिया है, जिसकी समीक्षा हो रही है. इसको लेकर राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा जायेगा. सरकारी की मंजूरी मिलने पर ही इसमें कोई बदलाव होगा.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें