12.7 C
Ranchi
Sunday, February 9, 2025 | 07:46 am
12.7 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

खतियान की कॉपी लेने में छूट रहे पसीने

Advertisement

विशेष सर्वेक्षण को लेकर आये दिन सैकड़ों की संख्या में लोग खतियान के लिए जिले के रिकॉर्ड रूम पर प्रतिदिन आते हैं लेकिन निराश हो कर लौट जाते हैं

Audio Book

ऑडियो सुनें

बक्सर . विशेष सर्वेक्षण को लेकर आये दिन सैकड़ों की संख्या में लोग खतियान के लिए जिले के रिकॉर्ड रूम पर प्रतिदिन आते हैं लेकिन निराश हो कर लौट जाते हैं. हां यह जरूर है कि कर्मचारियों की कमी से लोगों की खतियान नहीं मिल पा रहा है. हालांकि विशेष सर्वेक्षण में खतियान अगर आपके पास नहीं है तो घबराने की आवश्यकता नहीं है.आपकी तमाम जमीनों के खतियान जिले के रिकॉर्ड रूम में उपलब्ध है.आपको वहां पहुंच कर रिकॉर्ड रूम के बड़ा बाबू से संपर्क करना है. उनके सहयोग से अपनी जमीनों का खाता, खेसरा और थाना नंबर देकर चिरकूट फार्म करना है.फिर दस्तावेज मिल जाएगा. लेकिन विभाग के वेबसाइट पर डाटा कम उपलब्ध व स्टाफ की कमी के कारण आम लोग को प्रतिदिन निराशा होकर जाना पड़ता है. जिले में बीते एक अगस्त को ग्रामीण इलाकों में जमीन सर्वे का काम शुरू हुआ.जिले के 1142 गांवों में सर्वे की प्रक्रिया जारी है.जमीन पर हक जताने के लिए सर्वे कर्मी जमीन धारकों से आवश्यक दस्तावेज की मांग कर रहे हैं. जिनमें जमीन का खतियान महत्वपूर्ण कागज है.अगर आपकी जमीन पुस्तैनी है जो आपको अपने पिता, चाचा, दादा जैसे पारिवारिक संबंधियों से हासिल हुआ है तो खतियान पेश करना आवश्यक है. इसी से आपकी जमीन पर आप अपना मालिकाना हक साबित कर सकते है. जमीन सर्वे को लेकर लोग अपनी पुश्तैनी जमीन के खतियान की नकल के लिए जिला राजस्व एवं अभिलेखागार कार्यालय में दौड़ लगाना शुरू कर दिया है.इसे हासिल करने में जमीन धारकों के पसीने छूट रहे हैं.इन दिनों सभी जिलों के अंचल कार्यालय में भी भीड़ देखी जा रही है.रिकार्ड रूम में रखे गए खतियान की प्राप्ति के लिए जिला रिकार्ड रूम में लोग वहां तैनात कर्मियों से गुहार लगाते हैं. कैसे हासिल करें खतियान : आपकी पैतृक जमीन का खतियान अगर आपके पास नहीं है तो घबराने की आवश्यकता नहीं है.आपकी तमाम जमीनों के खतियान जिले के रिकॉर्ड रूम में उपलब्ध है.आपको वहां पहुंच कर रिकॉर्ड रूम के बड़ा बाबू से संपर्क करना है.उनके सहयोग से अपनी जमीनों का खाता, खेसरा और थाना नंबर देकर चिरकूट फार्म करना है.चिरकूट में दर्ज खाता खेसरा से कर्मी आपकी जमीन का खतियान खोज देंगे. जिसका पक्का नकल आपको उपलब्ध करा दिया जाएगा.इन दिनों खतियान की कॉपी निकालवाने के लिए प्रतिदिन सैकड़ों लोग चिरकूट फार्म कर रहें. रिकॉर्ड रूम में उमड़ी भीड़ : हालांकि खतियान की कॉपी हासिल करने में इतनी भीड़ इन दिनों लगी है कि काफी परेशानी हो रही है। जमीन सर्वे के टेंशन में लोगों की नींद उड़ गई है.कार्यालय के खुलते ही लोगों की भीड़ गेट पर जमा हो जा रही है.निबंधन कार्यालय व जिला अभिलेखागार से कागजात निकालने के लिए जुटी भीड़ में बहुत सारे चेहरे ऐसे नजर आ रहे हैं जो किसान या गरीब हैं.उनका दोहन भी किया जा रहा है.सूचना मिलने पर दूसरे राज्यों में रह रहे युवा भी अपना जॉब छोड़कर भागे-भागे आ रहे हैं.मौखिक रूप से पुस्तैनी बंटवारा के आधार पर ही जमीन जोतते आ रहे लोग इस सर्वे में अपनी स्पष्ट हिस्सेदारी करा लेना चाह रहे हैं .कई ऐसे लोग हैं जिनकी जमीन की जमाबंदी पिता या दादा के नाम पर न होकर निकट पट्टीदार के नाम पर ही रह गया है. अब उस जमीन पर मालिकाना हक साबित करने के लिए लोगों को वंशावली के अलावा अमीन शिड्यूल, मृत पिता या दादा की मृत्यु प्रमाणपत्र व नया-पुराना सर्वे खतियान निकलवाना है.इन सभी में हजारों रुपए खर्च किये जा रहे हैं.आगे उन्हें और भी खर्च करने होंगे.जमीन सर्वे की सूचना का प्रचार-प्रसार होते ही लोगों की बेचैनी बढ़ गई है. कागजातों की खोजबीन अचानक बढ़ी : दरअसल, जिला रजिस्ट्री कार्यालय एवं समाहरणालय के रिकॉर्ड रूम अभिलेखागार में रखे गये पुरखों के केवाला के कागजात साथ ही खतियानी जमीन के रजिस्टर्ड दस्तावेज की खोजबीन इन दिनों बढ़ गयी है.जिले के सभी निबंधन कार्यालयों के रिकॉर्ड रूम में दस्तावेजों की खोजबीन के सर्टिफाइड कॉपी लेने वालों की भीड़ बढ़ने लगी है.विभागीय सूत्रों की माने तो रजिस्ट्री ऑफिस रोजाना करीब सौ नये और पुराने दस्तावेजों के लिऐ लोग आ रहे हैं.

- Advertisement -

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें