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नर्वदेश्वर सरोवर में फैला है गंदगी का अंबार, अस्तित्व खतरे में

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सिद्धाश्रम के बक्सर में पग-पग पर धार्मिक धरोहर है. जिले में पंचकोसी मेला प्रभु श्रीराम से जुड़ी है.

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बक्सर.

सिद्धाश्रम के बक्सर में पग-पग पर धार्मिक धरोहर है. जिले में पंचकोसी मेला प्रभु श्रीराम से जुड़ी है. प्रभु श्रीराम पंचकोसी के पांचों पड़ाव परिक्रमा कर परिक्रमा कर ऋषि मुनियों का आशीर्वाद लिए और प्रसाद ग्रहण किये. इसी स्मृति में हर साल पंचकोसी परिक्रमा यात्रा का आयोजन होता है. विश्व प्रसिद्ध पंचकोसी यात्रा का दूसरा पड़ाव है नारद मुनि का आश्रम. यहां पर नारद सरोवर है. धार्मिक मान्यताओं से महत्वपूर्ण इस सरोवर की पहचान धूमिल हो रही है. सरोवर के ही परिसर में गंदगी का अंबार है और आस-पास के लोग यहां गोबर रखकर परिसर को गंदा करते हैं. स्थानीय लोगों की मानें तो इस सरोवर को परिसर में कभी साफ-सफाई भी नहीं होता है. उन्होंने कहा कि लोगों की आस्था से जुड़ी इस सरोवर के प्रति प्रशासन और जनप्रतिनिधि उदासीन हैं. सरोवर परिसर में साफ-सफाई, पानी और लाइटिंग की कोई व्यवस्था नहीं है. असामाजिक तत्वों के द्वारा शराब पीने का सेफ जोन बन गया है.

नर्वदेश्वर सरोवर में नहीं है पानी :

त्रेता युग में प्रभु श्री राम के द्वारा पंचकोसी परिक्रमा के दौरान भगवान शंकर के दर्शन करने के बाद यह धार्मिक स्थल में शामिल हो गया था. उसके बाद यहां पर लोग देश के कोने-कोने से आते हैं. भगवान शंकर के दर्शन करने के बाद पोखरा में नहाने से कई प्रकार के रोगों से मुक्ति मिलती है. लेकिन सरोवर की यह स्थित है कि नहाना तो दूर देखने के लिए भी पानी नहीं है. यही नहीं पोखरा के वर्तमान स्थिति यह है कि सरोवर के चारों तरफ जंगल झाड़ से घिरा हुआ है. जो स्नान करने के लिए सरोवर में सीढ़ी बनाई गई है. वह सीढ़ी कई जगह पर टूट गया है.

सरोवर को परिक्रमा करने के लिए बनाया गया पीसीसी सडक भी टूटा :

स्थानीय लोगों को माने तो भगवान शंकर के दर्शन करने के बाद सरोवर का परिक्रमा करने का महत्व है. लेकिन सरोवर के परिक्रमा करने के लिए बनाया गया पीसीसी सड़क पर कई जगह पर टूटी हुई है. इस पर न तो ध्यान जिला प्रशासन की है न ही स्थानीय प्रतिनिधि को है.

सरोवर पर और सामाजिक तत्वों के द्वारा शराब का किया जाता है सेवन :

सरोवर पर सामाजिक तत्वों के द्वारा शाम में खुलेआम शराब का सेवन किया जाता है. बिक्री तथा शराब का किया जाता है. प्रभात खबर की टीम जब पहुचीं तो जगह – जगह पर 25 – 30 के संख्या में शराब का खाली पैकेट पाया. स्थानीय लोगों द्वारा बताया गया कि शाम को प्रतिदिन और सामाजिक तत्वों के द्वारा शराब पीने वाले का जमावड़ा लगता है.वही सूत्रों को माने तो शाम को समय शराब क्या बिक्री खुलेआम किया जाता है. पुलिस प्रशासन के द्वारा कभी सरोवर पर गस्ती भी नहीं किया जाता है. ताकि इस पर रोक लग सके.

सरोवर के किनारे गोबर से किया गया है अतिक्रमण :

सरोवर के परिक्रमा करने के लिए बनाए गए पीसीसी सड़क पर स्थानीय लोगों के द्वारा गोबर रखकर अतिक्रमण कर दिया गया है जो की सरोवर का चौड़ीकरण को खराब कर रहा है.

सरोवर की बोरिंग 15 साल से है खराब :

सरोवर में पानी भरने के लिए लगाया गया बोरिंग 15 साल से खराब होने के कारण सरोवर में पानी नहीं भरा जा रहा है जिसके वजह से पारंपरिक स्नान करने का जो परंपरा है उसे लोग वंचित रह जाते हैं.

सात निश्चय के तहत सरोवर को करना है सौंदर्यीकरण :

मुख्यमंत्री के साथ निश्चय योजना के तहत सरोवर को करना है सौंदर्यीकरण, लेकिन जिले के नदांव के नर्वदेश्वर सरोवर को देखने पर लगता है कि मुख्यमंत्री की सात निश्चय योजना धरातल पर नहीं दिख रहा है. सरोवर पर लाइट की व्यवस्था नहीं होने के कारण देश के कोने-कोने से आए लोगों को शाम को टहलने में होती है समस्या. मगर इस पर जिला प्रशासन का ध्यान नहीं है. सरोवर पर अगर लाइट होता तो प्रति दिन शाम को स्थानीय लोग टहलने भी आते. यही नहीं जिला मुख्यालय से नदांव सरोवर को जोड़ने वाला रास्ता कीचड़ और पानी से सना हुआ है. लोग को जाने में जान जोखिम में डालकर जाना होता है.

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डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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