16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Buxar News: राजपुर की सभी 19 पंचायतों में नहीं हो रहा कचरे का उठाव

Advertisement

Buxar News: प्रखंड के सभी 19 पंचायतों में स्वच्छता अभियान का असर नहीं दिख रहा है. स्वच्छता के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है

Audio Book

ऑडियो सुनें

राजपुर

. प्रखंड के सभी 19 पंचायतों में स्वच्छता अभियान का असर नहीं दिख रहा है. स्वच्छता के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है. सभी के घरों में सूखे व गीले कचरे को रखने के लिए लाखों रुपये खर्च कर डस्टबिन दे दिया गया है. इन कचरों को नियमित नहीं हटाया जा रहा है. डस्टबिन कचरे से भरा हुआ है. जिसका उदाहरण सभी पंचायतों के दलित बस्ती एवं अन्य जगहों पर देखा जा सकता है. विभाग के तरफ से मिली जानकारी के अनुसार पिछले कई महीने से कचरा प्रसंस्करण इकाई का निर्माण किया जा रहा है. जहां सभी ठोस एवं तरल कचरों को अलग-अलग रखना है.

पंचायतों में स्वच्छता अभियान का नहीं दिख रहा असर

लाखों रुपये की लागत से पंचायत में कचरा प्रसंस्करण इकाई का भी निर्माण कर दिया गया है. फिर भी कचरा प्रबंधन हाउस में कहीं भी कचरा का ढेर नहीं है. आमतौर पर ग्रामीण इलाके में इकट्ठा किए गए कचरे को जहां-तहां ही जलकर समाप्त कर दिया जाता है. सबसे बड़ी बात है कि ग्रामीण इलाके में खरपतवार को इकट्ठा करके जैविक खाद बनाना है. जिसका ढेर कहीं नहीं देखा जा रहा है. शहरों की तर्ज पर गांव की गलियों में कचरा उठाव के लिए ठेला भी संबंधित स्वच्छता कर्मियों को दिया गया है. फिर भी शायद ही कोई पंचायत है. जहां ठेला पहुंचकर कचरे का उठाव करता हो इसमें कई तरह की कमियां सामने आ रही है. सबसे बड़ी बात है कि अभी तक रसेन, खरहना एवं सिकठी पंचायत में सही तरीके से इस अभियान को धरातल पर नहीं लाया गया है. अभियान को गति देने के लिए स्वच्छताग्रही की भी नियुक्ति की गई है.जिन्हें प्रत्येक वार्ड के लिए एक ठेला गाड़ी एवं एक ई रिक्शा भी दिया गया है. गांव के लोग भी अब साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दे रहे हैं. सबसे बड़ी बात है कि अभी तक रसेन, खरहना एवं सिकठी पंचायत में सही तरीके से इस अभियान को धरातल पर नहीं लाया गया है. अभियान को गति देने के लिए स्वच्छताग्रही की भी नियुक्ति की गई है.कुछ कचरा प्रबंधन हाउस से अभी तक पुनः निस्तारण के लिए इन कचरों को दूसरे जगह पर नहीं भेजा गया है. सरकार के तरफ से चयनित पंचायत में कचरा उठाव के लिए प्रति घर से 30 रुपये प्रतिमाह स्वच्छता शुल्क भी लेना था. यह शुल्क महज कुछ ही पंचायत में लिया जा रहा है. अन्य पंचायत में इसकी वसूली का काम बहुत धीमी गति से है. ग्रीन एवं क्लीन पंचायत बनाने के लिए सरकार पूरी तरह से संकल्पित है. फिर भी लाखों खर्च के बाद इसका असर कम दिख रहा है.

- Advertisement -

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें