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दवाओं के सेवन से ही संभव है फाइलेरिया से बचाव : सीएस

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फाइलेरिया उन्मूलन के लिए जिला में 10 अगस्त से मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) अभियान शुरू होने वाला है.

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बक्सर. फाइलेरिया उन्मूलन के लिए जिला में 10 अगस्त से मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) अभियान शुरू होने वाला है. ऐसे में एमडीए को सफल बनाने के लिए जिला और प्रखंड स्तर पर तैयारियां तेज कर दी गई है. जिसके तहत प्रभारी जिलाधिकारी सह उप विकास आयुक्त डॉ. महेंद्र पाल की अध्यक्षता में जिला समन्वय समिति की बैठक संपन्न हुई. जिसमें स्वास्थ्य विभाग और सहयोगी संस्थानों के विभागाध्यक्ष और पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया. बैठक में एमडीए को सफल बनाने के लिए गहन चर्चा की गई. जिसमें प्रभारी जिला पदाधिकारी ने कहा कि इस बार एमडीए को हर हाल में सफल बनाना है. सफल बनाने का मतलब ये नहीं की आशा कार्यकर्ताओं द्वारा दवाओं का वितरण किया जाए, बल्कि आशा कार्यकर्ताएं अपने समक्ष लाभुकों को दवाओं का सेवन कराएं। उन्होंने सभी सहयोगी विभागों यथा जिला पंचायती राज विभाग, जिला शिक्षा विभाग, आईसीडीएस, जीविका व अन्य संस्थानों को एमडीए को सफल बनाने के लिए हर संभव प्रयास करें. उन्होंने जिला पंचायती राज पदाधिकारी को निर्देशित किया कि जिले के सभी पंचायतों में ग्राम सभा का आयोजन कर लोगों को जागरूक किया जाए.

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बैठक में सिविल सर्जन डॉ. सुरेश चंद्र सिन्हा ने बताया कि फाइलेरिया एक गंभीर रोग है जिससे फाइलेरिया की दवा सेवन करने के बाद ही बचा जा सकता है. कभी-कभी फाइलेरिया के परजीवी शरीर में होने के बाद भी इसके लक्षण सामने आने में वर्षों लग जाता है. इसलिए फाइलेरिया की दवा का सेवन सभी लोगों के लिए लाभप्रद है. उन्होंने बताया कि फाइलेरिया से मुक्ति के लिए दो तरह की दवा यथा डीईसी एवं अल्बेंडाजोल की खिलाई जाएगी. अभियान के दौरान फाइलेरिया की दवा का वितरण नहीं किया जाएगा. बल्कि इसे सभी ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर घर घर जाकर अपने सामने खिलाएंगे. इसके लिए लोगों में जागरूकता जरूरी है. इसलिए एमडीए कार्यक्रम की जन जागरूकता के लिए ग्रामीण क्षेत्र में जीविका के स्वयं सहायता समूहों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं शिक्षकों का भी सहयोग लिया जाएगा.

अभियान के 14 दिनों के बाद लगाए जाएंगे बूथ :

अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सह जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. शैलेंद्र कुमार ने कहा कि अभियान के विषय में जन-जागरूकता बढ़ाने में आईसीडीएस, पंचायती राज विभाग, शिक्षा विभाग, जन वितरण प्रणाली, जीविका, डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ, पीसीआई व सीएफएआर की अहम भूमिका होगी. जिले के सभी स्कूलों में अभियान को लेकर प्रभात फेरी के साथ प्रार्थना सभा में इसके विषय में बच्चों को जागरूक किया जाना है. जिले में जीविका दीदियां अभियान के दौरान फाइलेरिया दवा के बारे में लोगों को अवगत कराएंगी. साथ ही, एमडीएम के पहले 14 दिनों तक घर घर जाकर आशा कार्यकर्ताओं द्वारा घर घ जाकर दवाओं का सेवन कराया जाएगा. जिसके बाद 15वें दिन से स्कूलों, आंगनबाड़ी, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स, कॉलेजों व सरकारी संस्थानों में बूथ लगाकर दवाओं का सेवन कराया जाएगा.

क्यूलेक्स नामक मच्छर के काटने से फैलता है फाइलेरिया :

डब्ल्यूएचओ के जोनल एनटीडी समन्वयक डॉ. अरुण कुमार ने बताया कि फाइलेरिया को हाथीपांव रोग के नाम से भी जाना जाता है. बुखार का आना, शरीर पर लाल धब्बे या दाग का होना एवं शरीर के अंगों में सूजन का आना फाइलेरिया की शुरुआती लक्षण होते हैं. यह क्यूलेक्स नामक मच्छर के काटने से फैलता है. आमतौर पर बचपन में होने वाला यह संक्रमण लसीका (लिंफेटिक) प्रणाली को नुकसान पहुंचाता है. फाइलेरिया से जुड़ी विकलांगता जैसे लिम्फेडेमा (पैरों में सूजन) एवं हाइड्रोसील (अंडकोष की थैली में सूजन) के कारण मरीज को इसके कारण आजीविका एवं काम करने की क्षमता प्रभावित होती है

दो से पांच साल तक के बच्चों को दी जाएगी डीईसी व अल्बेंडाजोल एक एक गोली :

पीसीआई इंडिया के असिस्टेंट स्टेट प्रोग्राम मैनेजर अम्रेश कुमार ने बताया कि दो साल से कम उम्र के बच्चे, गंभीर रोग से ग्रसित एवं गर्भवती महिला को फाइलेरिया की दवा नहीं खिलाई जाएगी. इस अभियान में डीईसी एवं अल्बेंडाजोल की गोलियां लोगों की दी जाएगी. दो से पांच वर्ष तक के बच्चों को डीईसी की एक गोली एवं अल्बेंडाजोल की एक गोली, छह से 14 वर्ष तक के बच्चों को डीईसी की दो गोली एवं अल्बेंडाजोल की एक गोली एवं 15 वर्ष से अधिक लोगों को डीईसी की तीन गोली एवं अल्बेंडाजोल की एक गोली दी जाएगी. अल्बेंडाजोल का सेवन चबाकर किया जाना है. दो वर्ष के के कम के बच्चों, गर्भवती महिला एवं गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को यह दवा नहीं खिलाई जाएगी. सबसे जरूरी बात यह कि खाली पेट इन दवाओं का सेवन नहीं करना है. जिसका स्कूल, कॉलेजों और आंगनबाड़ी केंद्रों में प्रचार प्रसार किया जाएगा.

बैठक में जिला परिषद अध्यक्ष सरोजा देवी, पंचायती राज पदाधिकारी उमेश कुमार भारती, आईसीडीएस की डीपीओ रंजना कुमारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी अनिल कुमार द्विवेदी, जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम मनीष कुमार, डब्ल्यूएचओ के जोनल एनडीटी समन्वय डॉ. अरुण, जीविका डीपीएम, पीरामल डीटीएल के डीएल अविकल्प मिश्रा, सभी पीएचसी के एमओआईसी समेत अन्य विभागों के प्रतिनिधि शामिल हुए।

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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