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पूर्व सिविल सर्जन पर लगे आरोप के मामले में डीएम ने दिया जांच का आदेश

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जिले के पूर्व सिविल सर्जन की कार्य कलापों पर लगी आरोप की जांच की जायेगी

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बक्सर. जिले के पूर्व सिविल सर्जन की कार्य कलापों पर लगी आरोप की जांच की जाएगी. जिसका रिपोर्ट गठित जांच दल को तीन दिनों में देने का निर्देश दिया गया है. जिला पदाधिकारी अंशुल अग्रवाल ने जांच का आदेश एवं जांच दल का गठन किया है. इसको लेकर पत्र जारी कर दिया है. जांच दल में उप विकास आयुक्त डॉ महेंद्र पाल एवं समाहर्ता सह जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी को शामिल किया गया है. ज्ञात हो कि समानता सिक्युरिटी एण्ड इन्टेलिजेंस सर्विसेज प्रा० लि० द्वारा आवेदन पत्र के माध्यम से शिकायत किया गया है कि जिले के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में सुरक्षा गार्ड एवं साफ-सफाई की एजेंसी के रूप में बीएमएसआईसीएल द्वारा चयन किये जाने एवं जिला स्वास्थ्य समिति की शासी निकाय की बैठक में लिये गये निर्णय का सिविल सर्जन बक्सर द्वारा अनुपालन नहीं किया जा रहा है. साथ ही उल्लेखित है कि कार्यादेश निर्गत करने के बाद भी उनकी एजेंसी के साथ एकरारनामा नही किया जा रहा है. इसको लेकर उदय आदित्य द्वारा डीएम से उचित न्याय किये जाने का अनुरोध किया गया है. वहीं मित्रलोक कॉलोनी बक्सर शम्भूनाथ चौधरी के द्वारा आवेदन पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया है कि सिविल सर्जन के द्वारा नियमों के विपरीत स्थानान्तरण आदेश निर्गत किया जा रहा है. सिविल सर्जन के संरक्षण में अवैध जांच घर एवं अस्पताल का संचालन किया जा रहा है. इसके साथ-साथ जिले के कई डॉक्टरों के द्वारा फर्जी तरीके से बायोमैट्रिक अटेंडेंस बनाये जाने के संबंध में शिकायत किया गया है. शिकायतों की जांच को लेकर डीएम ने जांच दल का गठन किया है. जांच दल वर्णित तथ्यों की सम्यक जांच करते हुए मंतव्य सहित जांच प्रतिवेदन 3 दिनों के अंदर उन्हें उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. डीएम ने उक्त लोगों से प्राप्त आवेदनों मे लगाये गये आरोपों को गंभीरता से लेते हुए जांच दल गठित कर जांच कराने का निदेश दिया है.

समानता सिक्युरिटी एंड इंटेलिजेंस सर्विसेज प्रा. लि. ने लगाया है आरोप

समानता एजेंसी के निदेशक ने आराेप लगाते हुए जिला पदाधिकारी को आवदेन दिया है. जिसमें एजेंसी के निदेशक उदय आदित्य ने बताया कि है कि समानता सिक्युरिटी एंड इंटेलिजेंस सर्विसेज प्रा. लि. आईसीएल के द्वारा चयनित किया गया है. 5 अगस्त 2024 को स्वास्थ्य समिति की शासी निकाय की बैठक में मेरी एजेंसी को जिले के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में सुरक्षा एवं साफ-सफाई का कार्यादेश निर्गत करने एवं एकरारनामा हेतु सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया था. शासी के अध्यक्ष जिलाधिकारी होते हैं. बावजूद एकरारनामा नहीं करना आपके आदेश की खुली चुनौति देने के बराबर है. निर्गत आदेश के आलोक में ऐजेंसी द्वारा सावधि जमा जिसकी राशि 61 लाख 29 हजार 820 रूपये दिनांक 27 अगस्त का ही जमा करा दिया गया है.शासी निकाय की क में जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में लिए गए निर्णय को सिविल सर्जन द्वारा पूरी तरीके से अजर अंदाज कर मनमाजी किया जा रहा है.

स्थानांतरण व पद का दुरूपयोग करने का लगा है आरोप

इटाढ़ी रोड स्थित मित्रलोक कॉलोनी के निवासी शंभुनाथ चौधरी ने सिविल सर्जन पर स्थानांतरण व पद का दुरूपयोग करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि सीएस ने नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए डॉ श्याम बाबू रजक को इटाढ़ी स्वास्थ्य केंद्र में स्थानांतरण कर दिया गया है. जबकि इटाढ़ी स्वास्थ्य केंद्र में डॉ श्री रजक के विरूद्ध वित्तीय गबन का आरोप है. इसके बाद भी अबतक डॉ श्री रजक के विरूद्ध कारवाई नहीं की गई है. इसी प्रकार डा० विन्ध्याचल सिंह को सदर अस्पताल बक्सर में आदेशित किया गया है. सिविल सर्जन द्वारा सेवानिवृति के ठिक पहले सक्षम प्राधिकार कि अनुमति के वैगर ही स्थानान्तरण आदेश निर्गत किया गया है. जिले में 100 से ज्यादा आनाधिकृत क्लिनिक संचालित है. परन्तु सिविल सर्जन महोदय के संरक्षण में यह सभी धड़ल्ले से काम कर रहे है. जिससे आम लोगों की जान का खतरा की संभावना हमेशा बना रहता है. यह पता चला है कि इस काम के लिए आनाधिकृत संस्थानों के मालिको द्वारा सिविल सर्जन को मोटी रकम दी जाती है. इसका प्रमाण है कि गत सप्ताह में शील हॉस्पिटल में शराब पार्टी के बाद जब यह ज्ञात हुआ कि यह अस्पताल अवैध रूप से संचालित है, तब सिविल सर्जन द्वारा आनन-फनन में खाना-पुर्ति के नाम पर 50000/-रुपये का जुर्माना शील अस्पताल के ऊपर लगाया गया. ऐसे कई और अस्पताल, जांच घर अवैध रूप से संचालित है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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