22.1 C
Ranchi
Thursday, February 6, 2025 | 01:16 pm
22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Bihar News: बक्सर की इस जगह पर लगता है लिट्टी-चोखा का मेला! जानिए भगवान राम से क्या है कनेक्शन…

Advertisement

Bihar News: बक्सर भगवान श्रीराम की शिक्षा स्थली है. ऋषि-मुनियों के यज्ञ में विघ्न पहुंचाने वाली राक्षसी ताड़का का भी वध भगवान श्रीराम ने यहीं पर किया था. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यहां भगवान श्रीराम और लक्ष्मण त्रेतायुग में लिट्टी-चोखा खाने आए थे.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Bihar News: बिहार का बक्सर एक धार्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक नगरी है. यहां दूर दराज से भक्त आए दिन लगने वाले मेले में शामिल होने के लिए भारी संख्या में आते हैं. बक्सर भगवान श्रीराम की शिक्षा स्थली है, तो ऋषि-मुनियों के यज्ञ में विघ्न पहुंचाने वाली राक्षसी ताड़का का भी वध भगवान श्रीराम ने यहीं पर किया था. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यहां भगवान श्रीराम और लक्ष्मण त्रेतायुग में लिट्टी-चोखा खाने आए थे. गोईंठा (उपला) पर बनने वाला लिट्टी और उसी आग पर पकने वाले आलू-बैंगन-टमाटर का लजिज चोखा बड़ा ही स्वादिष्ट होता है. इस दिन का भक्तों को बेसब्री से इंतजार रहता है.

- Advertisement -

लिट्टी-चोखा का है विश्व स्तर पर पहचान

लिट्टी-चोखा अपनी पहचान विश्व स्तर पर बना चुका है, आज की तारीख में यह किसी परिचय का मोहताज नहीं है. बिहार और उत्तर प्रदेश के कई जिलों से लोग इस मेले में शामिल होने के लिए आते हैं. जबकि शाहाबाद जिला (अब भोजपुर, बक्सर, भभूआ,रोहतास जिला), बलिया, गाजीपुर के लोगों के लिए यह मेला किसी त्योहार से कम नहीं है. यहां आकर लोग पहले गंगा स्नान करते हैं फिर लिट्टी-चोखा बनाकर खाते हैं.

त्रेतायुग से चलती आ रही है यह परंपरा

धार्मिकवेताओं की मानें तो यह परंपरा त्रेतायुग से चली आ रही है. बक्सर को सिद्धाश्रम के नाम से भी जाना जाता है. महर्षि विश्वामित्र द्वारा कराए गए नारायणमख यज्ञ के समापन के बाद भगवान राम-लक्ष्मण कुछ दिनों के लिए यहां रुके थे. इस यात्रा के दौरान भगवान राम ने ऋषि-महर्षियों के हाल-चाल जाने और उनसे आशीर्वाद लेने के लिए पांच महर्षियों के आश्रम भी गए. इस दौरान ऋषियों के य़हां भ्रमण के दौरान विभिन्न तरह के व्यंजनों को खाया था. उसी परंपरा को यहां के लोग आज भी जीवंत बनाकर पंचकोश का लिट्टी-चोखा जरुर खाते हैं.

Also Read: बिहार के इस विधानसभा सीट पर टूटे कई रिकॉर्ड, यहां से पहली बार चुनी गईं महिला विधायक

राम और लक्ष्मण सबसे पहले अहिरौली गौतम मुनी के आश्रम पहुंचे थे

पंचकोश के बारे कई मत हैं लेकिन त्रिदंडी स्वामी लिखित ‘सिद्धाश्रम महात्म्य’ में विस्तार से चर्चा मिलती है. बक्सर के रामरेखा घाट से भगवान श्री राम और लक्ष्मण सबसे पहले अहिरौली गौतम मुनी के आश्रम में पहुंचे. रात बिताए और उनलोगों ने यहां पुआ, पूड़ी, ठेकुआ खाया था. दूसरे दिन नदांव के नारद आश्रम पहुंचे, जहां देवर्षि नारद ने उन्हे खिचड़ी प्रसाद के रुप में खिलाया था.

पांचवे दिन भगवान राम को खिलाया गया था लिट्टी-चोखा

पंचकोशी मेला के तीसरे दिन भभुअर स्थित भार्गव मुनी के आश्रम में पहुंचे, वहां भोजन के तौर पर चुड़ा-दही खिलाया गया था. यात्रा के चौथे दिन उद्धालक ऋषि के आश्रम में नुआंव पहुंचे, अंजनी सरोवर में स्नान करने के बाद सत्तू और मूली खिलाया गया था. जबकि पांचवे दिन वापस विश्वामित्र मुनी के आश्रम में लौटने पर भगवान श्रीराम और लक्ष्मण जी को लिट्टी-चोखा खिलाया गया था.

-मुरली मनोहर श्रीवास्तव का लेख

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें