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पटना: सात वर्ष की उम्र में ट्रेन में परिवार से बिछड़ गया था सन्नी, सात साल बाद मिला, जानें पूरी कहानी

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लगभग 15 दिन पहले बाल कल्याण समिति साहिबगंज के सदस्य डॉ सुरेंद्र नाथ तिवारी ने मुझे मोबाइल पर बताया कि संदीप उर्फ सन्नी पिता कृष्णा दास माता संजू देवी हैं. यह बच्चा वर्ष 2016 से साहिबगंज बाल संरक्षण इकाई में रह रहा था

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पटना. लगभग सात वर्ष की उम्र में पटना साहिब स्टेशन पर मां से बिछड़े संदीप उर्फ सन्नी को जब मां की गोद मिली, तो उसके आंसू छलक गये. सात वर्ष दो माह के इंतजार के बाद आखिर वह मां-बाप और एक छोटे भाई से मिला था. परिजनों से बिछड़ने के बाद से यह बाल संरक्षण इकाई साहिबगंज झारखंड में रह रहा था. घटना के संबंध में वार्ड 60 की पार्षद शोभा देवी व पूर्व पार्षद बलराम चौधरी ने बताया लगभग 15 दिन पहले बाल कल्याण समिति साहिबगंज के सदस्य डॉ सुरेंद्र नाथ तिवारी ने मुझे मोबाइल पर बताया कि संदीप उर्फ सन्नी पिता कृष्णा दास माता संजू देवी हैं. यह बच्चा वर्ष 2016 से साहिबगंज बाल संरक्षण इकाई में रह रहा था.

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बाल संरक्षण इकाई की ओर से भेजे गये पते और फोटो के आधार पर पार्षद ने अपने स्तर से नून के चौराहा और उसके आसपास में खोजबीन शुरू की, लेकिन पता नहीं चला. इसी बीच में फेसबुक व व्हाट्सएप पर भी प्रचार-प्रसार किया., इसी खोजबीन में पता चला कि बच्चे के परिजन मेहंदीगंज थाना क्षेत्र के पूर्वी कस्बा स्थित पवन मेहता के मकान में किराये पर रह रहे हैं. इसके बाद परिजनों को बुला कर बाल संरक्षण इकाई के अधिकारियों से संवाद स्थापित कराया गया. इसके बाद परिजन वहां गये. इसके बाद सत्यापन के उपरांत बच्चे को परिजनों के हवाले किया गया. इस दौरान मां-बाप को देख बच्चे के आंखों से आंसू छलक उठे.

स्टेशन पर बिछड़ गया था बच्चा

चप्पल बनाने के कारखाना में कार्य कर जीवन यापन करने वाले कृष्णा दास और मां संजू देवी का कहना है कि वह मूल रूप से जुमई जिले के खैरा थाना के तिडिहां स्थित गमहरीया गांव निवासी है. मां ने बताया कि वर्ष 2016 में फरवरी-मार्च में वह मां के साथ जमुई स्थित गांव से पटना साहिब स्टेशन ट्रेन से आ रहा था. ट्रेन में अधिक भीड़ होने की वजह से वह उतर नहीं सका और खो गया. इसके बाद परिजनों ने अपने स्तर से लगातार दो वर्ष तक खोजबीन की, लेकिन पता नहीं चला. इसी बीच लापता बच्चा ट्रेन से भटकते हुए साहिबगंज पहुंच गया.

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मां-बाप से मिले बच्चे ने बताया कि साहिबगंज स्टेशन पर रो रहा था. उसी समय में नारायण गुप्ता नामक व्यक्ति आरपीएफ पुलिस स्टेशन की मदद से बाल सरंक्षण इकाई में ले जाकर छोड़ दिया. तब से वहीं रह कर पढ़ाई लिखाई कर रहा था. मां-बाप के साथ वापस लौटे सन्नी परिजनों के साथ मिलने के मिल पार्षद शोभा गुप्ता व पूर्व पार्षद बलराम चौधरी के कार्यालय पहुंचा. जहां पर पार्षद ने परिजनों व बच्चे को सम्मानित करते हुए पढ़ाई लिखाई का खर्च उठाने का दायित्व लिया. मौके पर मनोज सिंह, दीना ठाकुर, रवि कुमार, शशि कुमार समेत अन्य उपस्थित थे.

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