21.1 C
Ranchi
Saturday, February 8, 2025 | 11:30 am
21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

एनएनएम डीम्ड यूनिवर्सिटी के नये कुलपति बने प्रो सिद्धार्थ सिंह

Advertisement

राजगीऱ नव नालंदा महाविहार सम विश्वविद्यालय, नालंदा के नये कुलपति प्रो सिद्धार्थ सिंह बनाये गये हैं। प्रो सिंह देश के जाने माने साहित्य संस्कृति के हस्ताक्षर स्वर्गीय नामवर सिंह के भतीजे हैं.

Audio Book

ऑडियो सुनें

राजगीऱ नव नालंदा महाविहार सम विश्वविद्यालय, नालंदा के नये कुलपति प्रो सिद्धार्थ सिंह बनाये गये हैं। प्रो सिंह देश के जाने माने साहित्य संस्कृति के हस्ताक्षर स्वर्गीय नामवर सिंह के भतीजे हैं. बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू ) वाराणसी के पालि और बौद्ध अध्ययन विभाग में इसके पहले वे कार्यरत थे. इनकी नियुक्ति अगले पांच वर्षों के लिए नव नालन्दा महाविहार में बतौर कुलपति किया गया है. विश्वविद्यालय की कुलसचिव डाॅ मिता ने वीसी नियुक्ति की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि प्रो सिद्धार्थ सिंह का नाम पालि एवं बौद्ध अध्ययन के क्षेत्र में विख्यात नाम है. वे 2018 से 2022 तक एक राजनयिक और भारतीय सांस्कृतिक केंद्र, भारतीय दूतावास, टोक्यो (जापान) के निदेशक भी रहे हैं. उन्होंने जापान में भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने और भारत-जापान राजनयिक संबंधों को मजबूत करने के लिए बड़े पैमाने पर काम किया है. उन्हें जापान फाउंडेशन फेलोशिप, जापान (2003-04), फुलब्राइट सीनियर रिसर्च फेलोशिप, यूएसए (2011-2012) और वादरायण व्यास राष्ट्रपति पुरस्कार, भारत (2005) अवार्ड दिया गया है. प्रो. सिद्धार्थ उप्साला विश्वविद्यालय, स्वीडन (भारतीय अध्ययन के आई.सी.सी.आर. अध्यक्ष, 2014-2015), कार्लस्टेड विश्वविद्यालय, स्वीडन (धर्मों के इतिहास के संकाय सदस्य 2006 और 2008) और हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में भारतीय अध्ययन के विजिटिंग प्रोफेसर रह चुके हैं। उनकी चार पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं, जिनमें सद्धम्मसंगाहो, 13वीं शताब्दी तक बौद्ध धर्म का इतिहास, मोतीलाल बनारसीदास, द्वारा प्रकाशित, जिनाकारिता बुद्ध की जीवनी, पिलग्रिम्स पब्लिशिंग हाउस, दिल्ली द्वारा प्रकाशित, जैन बौद्ध धर्म-संगीती, साहित्य भंडार, इलाहाबाद द्वारा प्रकाशित और रिमॅबरिंग द लेजेंड: कोसेत्सु नौसु, महाबोधि सोसाइटी ऑफ इंडिया द्वारा प्रकाशित। उनके द्वारा भारतीय संस्कृति और बौद्ध धर्म के विभिन्न पहलुओं को शामिल करते हुए हिंदी, अंग्रेजी और जापानी में 72 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित हुए है. उन्होंने भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान, चीन, स्वीडन, एस्टोनिया जैसे देशों में विभिन्न अवसरों पर व्याख्यान दिया है और कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में शोध पत्र प्रस्तुत किया है. थाईलैंड, सिंगापुर, श्रीलंका, म्यांमार, वियतनाम और नेपाल जैसे देशों में अंतराष्ट्रीय सम्मेलनों में लगातार सम्मिलित होते रहे हैं. कुलसचिव डाॅ मिता ने बताया कि प्रो. सिंह की प्रमुख रुचि का क्षेत्र भारतीय सनातन परंपरा, भारतीय संस्कृति, विश्व धर्म और दर्शन, पालि और संस्कृत साहित्य तथा भारतीय और जापानी बौद्ध धर्म के व्यावहारिक पहलू हैं. महाविहार की कुलसचिव डॉ मीता के अनुसार नव नियुक्त कुलपति बहुत जल्द कार्यभार संभाल सकते हैं.

- Advertisement -

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें