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बिहार में अब डिजिटल कुंडली से होगा शिक्षकों का प्रोमोशन व तबादला, हाजिरी के लिए भी हुई अलग तैयारी..

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बिहार में शिक्षकों का प्रमोशन और तबादला अब डिजिटल कुंडली से होगा. हाजिरी को लेकर भी अब अलग तैयारी की गयी है. वहीं अब एक क्लिक पर शिक्षक की पूरी कुंडली सामने आ जाएगी. जानिए शिक्षा विभाग के इस पहल से क्या फायदा मिलेगा और पूरी तैयारी क्या है..

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बिहार: शिक्षा विभाग राज्य के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की प्रोफाइल (डिजिटल कुंडली) तैयार करवा रहा है. एप/ पोर्टल पर तैयार की जा रही प्रोफाइल में शिक्षकों की शैक्षिक योग्यता, ट्रेनिंग, सेवा पुस्तिका, प्रमोशन, आधार कार्ड और ट्रांसफर आदि की जानकारियां अपडेट करनी है. आने वाले समय में शिक्षकों को प्रमोशन और ट्रांसफर आदि के लिए अलग से न आवेदन करने की जरूरत नहीं होगी और न ही नियोजन इकाई से इसकी जानकारी तलब की जायेगी. केवल एक क्लिक पर विभाग को पता चल जायेगा कि किस शिक्षक का कब तबदला हुआ. तबादले की ड्यूटाइम लाइन क्या है? किसको प्रमोशन दिया जाना है. यही बात वेतन वृद्धि आदि पर लागू होती है. हालांकि, शिक्षकों की प्रोफाइल से जुड़ी जानकारियों का उपयोग कैसे किया जाना है, इस संदर्भमें सरकार को औपचारिक तौर पर निर्णय लेना बाकी है.

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हाजिरी के संबंध में भी होगा प्रोफाइल का इस्तेमाल

इस प्रोफाइल का सबसे पहला उपयोग शिक्षकों की हाजिरी में होगा. शिक्षा विभाग को राज्य के 77880 सरकारी स्कूलों के 4.11 लाख शिक्षकों की प्रोफाइल अपडेट करानी है. अब तक 38669 स्कूलों के 1.40 लाख से अधिक शिक्षक प्रोफाइल अपडेट कर चुके हैं. शिक्षकों को अपनी प्रोफाइल खुद अपडेट करनी है, इसलिए उनकी अपडेट जानकारी कोबीइओ और डीपीओ अप्रूव करते हैं. शिक्षकों की यह प्रोफाइल इ शिक्षा कोष पर अपडेट करनी है.

शिक्षकों को 11 पन्नों के फार्मेट में देनी है जानकारी

  • टीचर रजिस्ट्रेशन इंफार्मेशन : आधार नंबर, डेट ऑफ बर्थ और नियुक्ति का नेचर और डेट ऑफ ज्वाइनिंग सहित 15 प्रकार की जानकारियां देनी हैं.

  • पोस्टिंग डिटेल : इसमें नियुक्ति का लेवल, अप्वाइंटमेंट अथॉरिटी, सहित सात जानकारियां

  • पर्सनल इंफार्मेशन : इसमें पारिवारिक व परमानेंट एड्रेस से जुड़ी 22 जानकारियां

  • मैनेज अपॉइंटमेंट एंड करेंट सैलरी स्टेटमेंट :बैंक एकाउंट से जुड़ी 19 जानकारियां

हिस्ट्री ऑफ पोस्टिंग

प्री सर्विस की शैक्षणिक योग्यता, एजुकेशनल क्वालिफिकेशन इन सर्विस, प्रोफेशनल एंड वोकेशनल क्वालिफिकेशन, एनसीसी, एनएसएस आदि की जानकारी, किस क्लास तक विज्ञान, गणित और कंप्यूटर आदि पढ़ी है, सर्विस के दौरान की ट्रेनिंग का ब्यौरा

प्रोमोशन और तबादले में कुछ इस तरह मिलेगा फायदा

दरअसल देखा जाता रहा है कि काफी संख्या में शिक्षक बिना ट्रेनिंग के सालों नौकरी कर लेते हैं. चूंकि इस प्रोफाइल में शिक्षकों का तबादला कितनी बार हुआ? ट्रेनिंग कितनी बार ली ? आदि की जानकारियां समाहित होंगी. इसके माध्यम से राज्य सरकार तबादला व ट्रेनिंग नीति कोप्रभावी तौर पर लागू कर सकेगी. दरअसल, विभाग को यह जानकारी बार-बार किसी से मांगनी नहीं होगी. इससे ग्रामीण व पिछड़े इलाकों के स्कूलों को भी अच्छे शिक्षक मिल सकेंगे.

प्राध्यापक के खाली पदों पर अतिथि शिक्षक होंगे बहाल

शिक्षा विभाग ने राज्य के परंपरागत विश्वविद्यालयों और उनके अंगीभूत कॉलेजों में प्राध्यापक, सह-प्राध्यापक और सहायक प्राध्यापकों के रिक्त पदों के विरुद्ध अतिथि / अंशकालिक शिक्षकों की नियुक्ति शुरू करने के आदेश जारी कर दिये हैं. यह आदेश शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव की सहमति से विभागीय संयुक्त सचिव संजय कुमार ने जारी किया है. शिक्षा विभाग की तरफ से जारी आधिकारिक आदेश के मुताबिक राज्य के विश्वविद्यालयों में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाना आवश्यक हो गया है. प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों को दो टूक निर्देश दिये हैं कि वह नियुक्ति से पहले समेकित रूप में खाली पदों की गणना कर लें. इस तरह इस आदेश के बाद विश्वविद्यालयों और उनके अंगीभूत कॉलेजों में अतिथि शिक्षक और अशंकालिक शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है.

विश्वविद्यालयों में सहायक प्राध्यापक के 4638 रिक्त पदों पर नियुक्ति

आधिकारिक जानकारी के मुताबिक राज्य के विश्वविद्यालयों में सहायक प्राध्यापक के 4638 रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग को जिम्मेदारी दी गयी है. 461 पदों पर नियुक्ति के लिए अनुशंसा भी मिल चुकी है. शेष पदों के लिए नियुक्ति की कार्यवाही पटना उच्च न्यायालय के आदेश से अभी लंबित है. लिहाजा इन नियुक्तियों के होने में अभी समय लगेगा.

नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने का मामला

नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के मामले पर राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि इसपर फैसला जल्द किया जाना चाहिए और सरकार को घोषणा करनी चाहिए कि जिन नियोजित शिक्षकों ने बीपीएससी परीक्षा के लिए आवेदन किया है, उन्हें परीक्षा में बैठने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि नियोजित शिक्षकों को बिना किसी जांच परीक्षा के राज्यकर्मी का देने की मांग के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं ने लाठी खायी और बलिदान किया, पर अब तक सरकार ने कुछ नहीं किया. सरकार एक तरफ सत्तारूढ़ दलों से विचार-विमर्श का नाटक कर टाइम पास कर रही है, तो दूसरी तरफ 1.70 लाख नियमित शिक्षकों की नियुक्ति बीपीएससी से कराने के लिए परीक्षा कार्यक्रम भी घोषित कर चुकी है. नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के मुद्दे सर्वदलीय बैठक बुलायी जानी चाहिए और इसमें पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को अब और कोई परीक्षा लिये बिना नियुक्ति पत्र देने के मुद्दे पर भी निर्णय लिया जाना चाहिए. सुशील मोदी ने कहा कि वेतनमद में केंद्र सांकेतिक सहायता ही करता है.

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