21.1 C
Ranchi
Monday, February 10, 2025 | 08:50 pm
21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

बिहार: कटिहार में पुलिस ही शराब के खेल में शामिल! कई हो चुके सस्पेंड व बर्खास्त, जेल तक भेजे गये खाकीधारी

Advertisement

Bihar Sharab News: बिहार में शराबबंदी को लेकर सूबे की सरकार बेहद गंभीर दिख रही है. लेकिन कटिहार का हाल कुछ ऐसा है कि यहां पुलिस ही शराब के खेल में शामिल रहती है. कुछ कार्रवाई ही इस बात को प्रमाणित करती है कि यहां पुलिस की मिलीभगत से खेल होता है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Bihar Sharab News: शराबबंदी को लेकर बिहार सरकार के तेवर तल्ख है. बावजूद शराब बंदी की घोषणा के बाद भी कटिहार जिले में शराब की बिक्री बंद नहीं है. जिला पुलिस व उत्पाद विभाग की ओर से सख्ती से कार्रवाई के बाद भी जिले में शराब का खेल नहीं बंद हो रहा. शराब की बिक्री जिले के लगभग हर गली- मुहल्ले व चौक-चौराहों पर जारी है तथा शराब की होम डिलिवरी हो रही है. शराब कारोबारी, तस्कर, शराब निर्माता के साथ-साथ शराबियों में मानों पुलिस का कोई भय नहीं है. स्थानीय लोगों की माने तो पुलिस प्रशासन की मिली भगत से ही जिले में शराबबंदी सफल नहीं हो पा रही है.

- Advertisement -

आधा दर्जन पुलिस पदाधिकारी हुए बर्खास्त व निलंबित

मद्य निषेधाज्ञा में लापरवाही व शराब तस्करों व कारोबारियों से सांठगांठ को लेकर कटिहार जिले के पुलिस पदाधिकारियों पर पूर्व में कार्रवाई की गयी है. जबकि अब भी कुछ शेष बचे हुए है, जिनकी नौकरी जाने का खतरा अब भी बना हुआ है. इन मामलों में पुलिस पदाधिकारी के विरूद्ध मामला भी दर्ज है.

बर्खास्त तक हुए अधिकारी, FIR  दर्ज

फलका थाना में तैनात सुनील कुमार को शराब के नशे में आरोपित की गिरफ्तारी करने के आरोप में निलंबित व कार्रवाई के बाद बर्खास्त कर दिया गया. मनिहारी के तत्कालिन थानाध्यक्ष सुनील कुमार को शराब के नशे में पकड़ाये आरोपित से रुपये लेकर थाना से छोड़ने के मामले में तत्कालीन एसपी ने निलंबत करते हुए उसके विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश दिये थे.

Also Read: बिहार के नये DGP RS Bhatti पुराने तेवर में लौटे, मुख्यालय से लेकर थाने तक का जानें कैसे बदलेंगे रवैया..
शराब माफिया को छोड़ निर्दोष को पकड़ा, खुली पोल

आजमनगर थाना के तत्कालिन थानाध्यक्ष टुनटून पासवान को शराब माफिया को छोड़ निर्दोष को पकड़े जाने के मामले में निलंबित कर उनके विरूद्ध जांच के आदेश दिये गये थे. जबकि उत्पाद विभाग के एएसआई रवि कुमार का एक ऑडियो वायरल हुआ था जिसमें शराब कारोबारी को छोड़ने के एवज में पचास हजार रुपये की डिमांड की गयी थी.

पैंथर टीम से लेकर उत्पाद सिपाही तक लिप्त

पैंथर टीम में शामिल एएसआई संजय सिंह, सिपाही संतोष यादव को निलंबित कर जांच के आदेश दिये गये थे. नगर थाना क्षेत्र के फलपट्टी में एक व्यवसायी को शराब के झूठे केस में फंसाने के मामले में दो सिपाही की बर्खास्तगी हुई थी. वहीं एक उत्पाद सिपाही को निलंबित कर उसे जेल भेज दिया गया था.

ग्रामीणों ने सिपाही को ही बंधक बनाया, डिक्की से शराब बरामद

मुफस्सिल थाना क्षेत्र में उत्पाद पुलिस के एक जवान के द्वारा झूठे केस में फंसाने को लेकर स्थानीय ग्रामीणों ने सिपाही को बंधक बनाकर रखा था. मुफस्सिल पुलिस के हस्तक्षेप से सिपाही को छुड़ाया गया व उसके मोटरसाइकिल की डिक्की से विदेशी शराब बरामद की गई थी. जिस बाबत स्थानीय थाना में प्राथमिकी दर्ज कर उक्त सिपाही को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. आखिर जिनके कंधे पर शराबबंदी को सख्ती से लागू कराना है, अगर वही अधिकारी उस कारोबारी से सांठ-गांठ करे तो कैसे बंद होगा शराब का अवैध धंधा?

पुलिस की शराब कारोबारी से सांठगांठ का कई बार मामला आया सामने

स्थानीय लोगों का कहना है कि जिले में कई ऐसे मामले आये जिनमें पुलिस पदाधिकारी, उत्पाद पुलिस, जिला पुलिस बल आदि के सहयोग से ही जिलें में यह धंधा फल फूल रहा है. थाना व ओपी क्षेत्र के बगल में भी शराब की बिक्री होती है. गांव से लेकर पुलिस के लिए मुखबिरों की कोई कमी नहीं है. गांव में चौकीदार एवं शहरों में टाइगर मोबाइल एक-एक गली की छान मारते है तो क्या उन्हें शराब बिक्रेता की सूची नहीं मिलती है.

पुलिस पर कितना भरोसा?

स्थानीय लोगों की माने तो जिले में शराब बिक्रेता व कारोबारियों की सूचना पुलिस को रहती है, लेकिन उनके सांठगांठ रहने के कारण शराब का कारोबार जारी रहता है. वरीय पुलिस पदाधिकारी को अगर सूचना प्राप्त भी हो गयी तो जबतक बिक्रेता के पास पुलिस छापेमारी करने जाए उसे पहले ही जानकारी मिल जाती है, जिस कारण पुलिस को कम ही सफलता हाथ लगती है. ऐसे में जिले में पूर्ण शराब बंदी को सफल बनाना फिलहाल बेहद कठिन है.

Posted By: Thakur Shaktilochan

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें