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बिहार पुलिस एक जनवरी से मिशन इन्वेस्टिगेशन@75 करेगी लॉन्च, अब 60 से 75 दिनों में पूरी होगी केसों की जांच

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नये साल के लिए डीजीपी आरएस भट्टी ने बिहार पुलिस को 10 मिशन सौंपे हैं, जिसकी शुरुआत एक जनवरी को मिशन इन्वेस्टिगेशन@ 75 दिन से होगी. इसके तहत थानों में प्राथमिकी दर्ज होने के 75 दिनों के अंदर पुलिस को हर हाल में जांच पूरी करनी होगी.

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पटना. पुलिसकर्मियों की कमी धीरे-धीरे दूर होते ही बिहार पुलिस ने नागरिक केंद्रित पुलिसिंग एवं बेहतर सुरक्षा-व्यवस्था की दिशा में कदम बढ़ाना शुरू कर दिया है. नये साल के लिए डीजीपी आरएस भट्टी ने बिहार पुलिस को 10 मिशन सौंपे हैं, जिसकी शुरुआत एक जनवरी को मिशन इन्वेस्टिगेशन@ 75 दिन से होगी. इसके तहत थानों में प्राथमिकी दर्ज होने के 75 दिनों के अंदर पुलिस को हर हाल में जांच पूरी करनी होगी.

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सीआइडी करेगी इसकी मानीटरिंग

बिहार पुलिस का कहना है कि अभी कांड के अनुसंधान में औसत 261 दिनों का समय लगता है. अनुसंधान के प्रदर्शन के आधार पर जिला और थानावार रैंकिंग बनायी जायेगी. सीआइडी को इसकी मानीटरिंग की जिम्मेदारी दी गयी है. बिहार पुलिस एडीजी मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार ने शुक्रवार को नियमित ब्रीफिंग में इसकी जानकारी दी.

कांडों की जांच में संख्या और गुणवत्ता दोनों पर होगा ध्यान

एडीजी ने बताया कि एक जनवरी से सभी थानों को कांडों की जांच अधिकतम 75 दिनों के अंदर पूरी करनी होगी. अगर महिला अपराध, अनुसूचित जाति-जनजाति या पाक्सो जैसी गंभीर धाराओं में कांड दर्ज है, तो समय-सीमा 60 दिन होगी. पुलिस को निर्धारित समय-सीमा में यह बताना होगा कि कांड में अभियुक्त दोषी हैं या नहीं? कांडों की जांच में संख्या और गुणवत्ता दोनों पर ध्यान देना होगा. पुलिस अनुसंधान में विधि-विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) का अधिक से अधिक इस्तेमाल करने, कानूनी समझ व साक्ष्य की गुणवत्ता पर ध्यान देने का निर्देश दिया गया है.

आइओ की कमी काफी हद तक हुई दूर

उन्होंने बताया कि नयी पुलिस नियुक्ति, प्रशिक्षण और कार्यकारी उच्चतर प्रभार के बाद अनुसंधान पदाधिकारी (आइओ) की कमी को काफी हद तक पूरा कर लिया गया है. राज्य के पुलिस थानों में करीब 27 हजार 500 आइओ की जरूरत थी, मगर जनवरी, 2023 तक महज 9200 आइओ ही उपलब्ध थे. हवलदार से इंस्पेक्टर रैंक तक दिये गये उच्चतर प्रभार के बाद अब आइओ की संख्या 15 हजार हो गयी है. जनवरी में पुलिस ट्रेनिंग कोर्स (पीटीसी) उत्तीर्ण पांच हजार पुलिस पदाधिकारी और मिलेंगे, जिसके बाद कुल संख्या 20 हजार हो जायेगी. थानों में पुराने लंबित कांडों की प्राथमिकता सूची तैयार कर अनुसंधान का काम पूरा किया जायेगा.

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जनवरी में नौ अन्य मिशन भी होंगे लांच

एडीजी ने बताया कि बिहार पुलिस की कार्यप्रणाली में सुधार के लिए 10 अलग-अलग मिशन तैयार किये गये हैं. इन्वेस्टिगेशन @ 75 दिन इसका पहला मिशन होगा जो एक जनवरी को लांच होगा. इसके अलावा अपराध नियंत्रण, नागरिक सेवा, यातायात, पुलिस प्रशिक्षण आदि विषयों पर अन्य नौ मिशन तैयार किये जा रहे हैं. इन सभी की लांचिंग जनवरी माह में अलग-अलग की जायेगी.

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