21.1 C
Ranchi
Monday, February 10, 2025 | 08:48 pm
21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Explainer: बिहार में कोसी बराज पर कब टांगा जाता है झंडा? जानिए पानी बढ़ने के दौरान क्या हैं इसके मायने..

Advertisement

Explainer Story: बिहार में कोसी बराज के ऊपर झंडा कब टांगा जाता है? पानी का दबाव बढ़ने पर झंडे की संख्या कैसे बढाई जाती है. इसके पीछे की वजह क्या है और क्यों ऐसा करना जरूरी होता है. वहीं बाढ़ की अभी स्थिति क्या है इसके बारे में भी जानिए..

Audio Book

ऑडियो सुनें

Explainer Story: नेपाल के जल ग्रहण क्षेत्र में लगातार बारिश होने से कोसी नदी उफान पर है. कोसी नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है. तटबंध सुरक्षा को लेकर इंजीनियर अब चिंतित नजर आ रहे हैं.हालांकि पूर्वी व पश्चिमी कोसी तटबंध के सभी स्पर सुरक्षित बताये जा रहे हैं. कोसी नदी का जलस्तर मंगलवार को ही इस साल के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया. जिसके बाद नदी के मुहाने और अंतिम छोर पर झंडा लगा दिया गया. ये झंडा बराज पर क्यों लगाया जाता है? इसके पीछे की वजह काफी रोचक है. जानिए इन झंडों से जुड़ी थ्योरी और किस तरह का इनसे मिलता है संकेत…

- Advertisement -

जलप्रवाह को सामान्य करने खोले गए फाटक

मंगलवार को सुपौल में कोसी नदी का जलस्तर इस साल के सबसे अधिक जलस्तर पर पहुंच गया.बुधवार को सुबह 06 बजे बराह क्षेत्र में 01 लाख 42 हजार 250 क्यूसेक पानी बढ़ते क्रम में जब मापा गया तो अभियंता भी चिंतित नजर आने लगे. लेकिन इसके बाद बराह क्षेत्र में धीरे-धीरे पानी घटने लगा तो अभियंता की टीम व कोसी प्रभावित लोग राहत की सांस ली. शाम 06 बजे बराह क्षेत्र में 01 लाख 22 हजार 650 क्यूसेक पानी मापा गया. वहीं कोसी बराज पर 02 लाख 05 हजार 370 क्यूसेक पानी मापा गया. जानकारी के अनुसार जलस्तर बढ़ने से नेपाल स्थित पूर्वी तटबंध के 25.25 और 24. 78 किलोमीटर स्पर पर दबाब बना हुआ है. वहीं भारतीय प्रभाग के पूर्वी कोसी तटबंध के 07.85 किमी, 16. 30 किमी, 22.40 किलोमीटर स्पर के साथ साथ 68. 30 किमी स्पर पर बढ़ते जलस्तर का दबाब बताया जा रहा है. जबकि पश्चिमी तटबंध के 39.75 एवं 40.995 किमी स्पर, सहरसा जिला के 117.15 पर दबाव के कारण सामान्य से अधिक दबाव है. जलप्रवाह को सामान्य करने के लिए नदी के 56 में से 27 फाटक को खोल दिये गए हैं.

कोसी की हुंकार से लोगों में बढ़ी चिंता

कोसी की हुंकार से तटबंध के अंदर बसे लोगों की रूंह कांपने लगी है.पिछले तीन दिनों से लगातार कोसी के जलस्तर में वृद्धि के कारण जहां तटबंध सुरक्षा को लेकर अभियंता चिंतित नजर आ रहें हैं. वहीं तटबंध के अंदर पानी फैलने के बाद गांव के लोग भयभीत नजर आ रहे हैं. लोग अपने परिवारों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने की तैयारी में जुट गये हैं.

Also Read: PHOTOS: बिहार की नदियों में उफान की तस्वीरें देखिए, घरों में घुसने लगा पानी, नाव की सवारी हो गयी शुरू..
बराज पर झंडा लगाने के पीछे की वजह क्या है?

मंगलवार की शाम को जब कोसी बराज पर 2 लाख क्यूसेक से अधिक पानी रिकॉर्ड किया गया तो झंडा लगाने की औपचारिकता भी पूरी की गयी. दरसअल, इसे लेकर एक नियम है जिसका पालन करना होता है. नियमानुसार बराज स्थित कंट्रोल रूम से हर एक घंटे पर नदी के मापांक को प्रसारित किया जाने लगा है. नदी के मुहाने और अंतिम छोर पर झंडा लगा दिया गया. यह झंडा इसलिए लगाया जाता है ताकि आम लोगों को यह जानकारी हो सके कि नदी के जलस्तर में बढोतरी हुई है. अमूमन जब नदी का जलस्तर डेढ़ लाख क्यूसेक को पार कर जाता है, तो कोसी बराज पर एक झंडे को लगाया जाता है. वहीं जब जलस्तर दो लाख क्यूसेक को पार करता है तो दो झंडे क्रमशः आगे और पीछे लगाया जाता है. यदि नदी का जलस्तर तीन लाख क्यूसेक को पार करता है तो कोसी बराज के तीन जगहों पर आगे पीछे और नदी के बीचों बीच यानी 28 नंबर फाटक के ऊपर झंडा लगा दिया जाता है.

वाल्मीकिनगर गंडक बराज पर भी वही स्थिति

पूर्वी चंपारण के भारत नेपाल सीमा पर स्थित गंडक बराज वाल्मीकिनगर के जलस्तर में मंगलवार की सुबह से ही तेजी से बढ़ोतरी दर्ज की जा रही थी. नेपाल समेत भारतीय क्षेत्र में बीते दो दिनों से हो रहे लगातार रुक रुक कर हो रही तेज बारिश के कारण नारायणी गंडक नदी के जलस्तर में तेजी से वृद्धि दर्ज की गयी. इसी क्रम में बुधवार की अहले सुबह लगभग दो बजे गंडक बराज का जलस्तर इस मानसून सीजन में अधिकतम दो लाख 94 हजार क्यूसेक पानी गंडक नदी में छोड़ा गया. वहीं सुबह तीन बजे से जलस्तर में गिरावट दर्ज की जा रही है. गंडक बराज पर तैनात अभियंताओं के कान खड़े हो चुके हैं. अभियंताओं द्वारा लगातार गंडक बराज पर कैंप किया जा रहा है. गंडक बराज के कर्मियों को पूरी तरह अलर्ट पर रखा गया है. वही बिजली सप्लाई के लिए जेनरेटर की व्यवस्था दुरुस्त कर ली गयी है. ताकि इमरजेंसी में फाटकों के उठाने और गिराने के कार्य में किसी तरह की बाधा उत्पन्न ना हो. वहीं कार्यपालक अभियंता रज्जन शमीम ने बताया कि बीते दो दिनों से नेपाल के क्षेत्र में लगातार तेज बारिश हो रही है. नारायण घाट नेपाल से पानी के डिस्चार्ज पर पैनी नजर रखी जा रही है. पानी बढ़ने की संभावना से अभी इंकार नहीं किया जा सकता. अगर मौसम का यही रुख रहा तो जलस्तर में और भी वृद्धि दर्ज की जा सकती है.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें