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वाल्मीकिनगर में एनडीए का छक्का रोकने के लिए फील्डिंग मजबूत करने में जुटा महागठबंधन

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साल 2008 में हुए परिसीमन के बाद अस्तित्व में आयी वाल्मीकिनगर लोकसभा सीट पर उप चुनाव की घोषणा हो चुकी है. विधानसभा चुनाव के साथ ही यहां सात नवंबर को वोट डाले जायेंगे.

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गणेश वर्मा, वाल्मीकिनगर(बेतिया) : साल 2008 में हुए परिसीमन के बाद अस्तित्व में आयी वाल्मीकिनगर लोकसभा सीट पर उप चुनाव की घोषणा हो चुकी है. विधानसभा चुनाव के साथ ही यहां सात नवंबर को वोट डाले जायेंगे. सियासी दलों में एनडीए जहां इस सीट पर लगातार छठवीं बार जीत के लिए उतरने की तैयारी में है, वहीं एनडीए का छक्का रोकने के लिए महागठबंधन अभी से अपनी फील्डिंग मजबूत करने में जुट गया है. पप्पू यादव की अगुआई वाली पीडीए गठबंधन यहां त्रिकोणीय संघर्ष देने के मूड में है. ऐसे में वाल्मीकिनगर लोकसभा का उप चुनाव बेहद ही दिलचस्प होने वाला है.

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एनडीए में यह सीट जदयू के कोटे में गयी

बात 2019 के चुनाव की करें तो एनडीए में यह सीट जदयू के कोटे में गयी थी. भाजपा के सीटिंग सांसद सतीश चंद्र दूबे का टिकट काटकर जदयू के वैद्यनाथ महतो को मैदान में उतारा गया. महागठबंधन की तरफ से कांग्रेस के उम्मीदवार पूर्व मुख्यमंत्री केदार पांडेय के पोते शाश्वत केदार से टक्कर थी. हालांकि तब बसपा के नेता रहे उद्योगपति दीपक यादव ने मुकाबले को रोचक बना दिया था. हालांकि भारी भरकम वोटों से जीतकर वैद्यनाथ महतो यहां से सांसद निर्वाचित हुए, लेकिन साल भर केयी है. लिहाजा सियासी दलों के अंदरखाने गहमागहमी है. विधानसभा के सीट बंटवारे में एनडीए व महागठबंधन से जुड़े दलों के बीच वाल्मीकिनगर लोस सीट का भी गुणा गणित बैठाया जा रहा है.

विस चुनाव का दिखेगा असर, हावी होंगे लोकल मुद्दे

2019 के मुकाबले इस बार वाल्मीकिनगर लोकसभा उप चुनाव की लड़ाई सियासी दलों के लिए आसान नहीं होगी. अमूमन लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय व विधानसभा चुनाव में लोकल मुद्दे हावी होते हैं, जिसका चुनाव परिणाम पर सीधा असर पड़ता है. हालांकि इस बार विधानसभा चुनाव के साथ वाल्मीकिनगर लोस का उप चुनाव होना है. ऐसे में लोकल मुद्दों पर ही लोस उप चुनाव के भी वोट डाले जाएंगे.

दिग्गजों के नामों की है चर्चा, रोचक होगा मुकाबला

सीट बंटवारे में उलझीं सियासी दलों ने अभी तक अपना पत्ता नहीं खोला है. लेकिन 2019 के बंटवारे के मुताबिक एनडीए में यह सीट जदयू और महागठबंधन में कांग्रेस के खाते में जाना तय है. फिलहाल उम्मीदवारों के नाम को लेकर सस्पेंस है. कांग्रेस के उम्मीदवार रहे शाश्वत केदार अपनी सक्रियता बढ़ाये हुए हैं, जबकि जिला परिषद के अध्यक्ष शैलेंद्र गढ़वाल भी कांग्रेस के टिकट को लेकर सक्रिय हैं. जदयू से चनपटिया का चुनाव लड़ चुके डॉ एनएन शाही लोस उप चुनाव के लिए सक्रिय दिख रहे हैं. 2019 में बसपा से चुनाव लड़े दीपक यादव अब भाजपा के साथ हैं. इसी बीच कुछ दिग्गजों के नामों की भी क्षेत्र में जोरदार चर्चा है. जाप के नेता पप्पू यादव भी यहां से उप चुनाव लड़ने का एलान कर चुके हैं.

थारू वोटर बनेंगे निर्णायक

वाल्मीकिनगर थारू बाहुल्य इलाका हैं. वाल्मीकिनगर से लेकर मैनाटांड़ तक करीब डेढ़ से दो लाख की संख्या में यहां थारू वोटर हैं. ऐसे में राजनीतिक दल थारू वोटरों को रिझाने में लगे हैं. इसके अलावा ब्राह्मण, यादव, मुस्मिल और कुशवाहा वोटों की भी यहां अच्छी खासी संख्या है.

2019 का हाल

विजेता : वैद्यनाथ महतो(जदयू) : 602660

हारे : शाश्वत केदार (कांग्रेस) : 248044

जीत का अंतर : 354616

मतदाता की संख्या

पुरूष : 882111

महिला : 759491

थर्ड जेंडर : 99

स्थानीय मुद्दे

1. गंडक और पहाड़ी नदियों से हर हाल आने वाली बाढ़ से बचाव

2. पर्यटन का विकास होने के बाद भी रोजगार नहीं

3. जंगल किनारे के इलाकों में नीलगायों से फसल बर्बाद

4. थरूहट में वनाधिकार कानून का पूर्णत: अनुपालन नहीं

अब तक के सांसद

1952: विपिन बिहारी वर्मा

1957: विभूति मिश्र (कांग्रेस)

1962: कमलनाथ तिवारी (कांग्रेस)

1967: भोला राउत (कांग्रेस)

1971: भोला राउत (कांग्रेस)

1977: जगन्नाथ प्र. स्वतंत्र (बीएलडी)

1980: भोला राउत (कांग्रेस)

1984: भोला राउत (कांग्रेस)

1989: महेंद्र बैठा (जनता दल)

1991: महेंद्र बैठा (जनता दल)

1996 : महेंद्र बैठा (समता पार्टी)

1998: महेंद्र बैठा (समता पार्टी)

1999: महेंद्र बैठा (जदयू)

2004: कैलाश बैठा (जदयू)

2009: बैद्यनाथ प्रसाद महतो (जदयू)

2014: सतीश चंद्र दूबे (भाजपा)

2019: वैद्यनाथ महतो(जदयू)

posted by ashish jha

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