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Bihar Chunav 2020: 15 सालों में बने 100 से ज्यादा राजनीतिक दल, रिजल्ट में अधिकतर खोल भी नहीं सके खाता

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राज्य में विधानसभा चुनावों के दौरान नये राजनीतिक दलों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. वर्ष 2000 में निर्दलीयों को छोड़कर राजनीतिक दलों की संख्या 51 थी. 2015 के विधानसभा चुनाव में राजनीतिक दलों की संख्या बढ़कर 157 हो गयी. इस प्रकार इनकी संख्या में करीब ढाई गुना बढ़ोतरी दर्ज की गयी. हालांकि, केवल आठ-दस राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों को ही किसी- न- किसी सीट पर जीत मिली. अन्य दलों के खाते भी नहीं खुले और उनके उम्मीदवारों के जमानत जब्त हो गये थे.

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राज्य में विधानसभा चुनावों के दौरान नये राजनीतिक दलों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. वर्ष 2000 में निर्दलीयों को छोड़कर राजनीतिक दलों की संख्या 51 थी. 2015 के विधानसभा चुनाव में राजनीतिक दलों की संख्या बढ़कर 157 हो गयी. इस प्रकार इनकी संख्या में करीब ढाई गुना बढ़ोतरी दर्ज की गयी. हालांकि, केवल आठ-दस राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों को ही किसी- न- किसी सीट पर जीत मिली. अन्य दलों के खाते भी नहीं खुले और उनके उम्मीदवारों के जमानत जब्त हो गये थे.

2005 के विधानसभा चुनाव में 58 राजनीतिक दल

चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार 2005 के विधानसभा चुनाव में भी निर्दलीयों को छोड़कर 58 राजनीतिक दलों ने अपने-अपने उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे थे. वहीं, 2010 के विधानसभा चुनाव में 90 राजनीतिक दलों ने चुनाव मैदान में अपने-अपने उम्मीदवार उतारे थे. इस तरह 2000 के बाद 2015 तक के विधानसभा चुनावों में राजनीतिक दलों की संख्या में बढ़ोतरी हुई.

2000 का विधानसभा चुनाव

2000 के विधानसभा चुनाव में तत्कालीन आठ राष्ट्रीय दलों ने अपने-अपने उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा था. इनमें भाजपा, बसपा, भाकपा, माकपा, कांग्रेस, जद (एस), जदयू और एनसीपी शामिल थे. इनमें से एनसीपी का एक भी उम्मीदवार चुनाव नहीं जीत सका. वहीं, तत्कालीन 12 क्षेत्रीय दलों ने भी अपने-अपने उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा था. इनमें भाकपा माले, फॉरवर्ड ब्लॉक, जेएमएम, जनता पार्टी, राजद, आरपीआइ, अारएसपी, समता पार्टी, एसएचएस, एसजेपी (आर), समाजवादी पार्टी और यूजीडीपी शामिल थे. इनमें से फाॅरवर्ड ब्लॉक, जनता पार्टी, आरपीआइ, आरएसपी, एसएचएस, एसजेपी (आर) और समाजवादी पार्टी का खाता तक नहीं खुला था. इन राजनीतिक दलों के अलावा अन्य 31 रजिस्टर्ड दलों सहित निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनाव मैदान में थे. हालांकि, 1482 निर्दलीयों में से 20 को जीत मिली थी.

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2005 का विधानसभा चुनाव

2005 के विधानसभा चुनाव में तत्कालीन छह राष्ट्रीय दलों के उम्मीदवार मैदान में थे. इनमें भाजपा, बसपा, भाकपा, माकपा, कांग्रेस और एनसीपी शामिल थे. वहीं, राज्य के क्षेत्रीय दलों में शामिल भाकपा- माले, जदयू, लोजपा और राजद के भी उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे. इन सभी राजनीतिक दलों का खाता खुला. इसके साथ ही दूसरे राज्यों के आठ क्षेत्रीय दलों में से समाजवादी पार्टी और 40 रजिस्टर्ड दलों में से केवल अखिल जन विकास दल का ही खाता खुला.

2010 का विधानसभा चुनाव

2010 के विधानसभा चुनाव में तत्कालीन छह राष्ट्रीय दलों में भाजपा, बसपा, भाकपा, माकपा, कांग्रेस और एनसीपी के उम्मीदवार मैदान में थे. इनमें से बसपा, माकपा और एनसीपी का खाता नहीं खुला. वहीं , तीन क्षेत्रीय दलों में जदयू, लोजपा और राजद के उम्मीदवार जीते, लेकिन अन्य राज्यों के क्षेत्रीय दलों में शामिल नौ दलों में से केवल जेएमएम के एक उम्मीदवार को जीत मिली. इसके अलावा 72 रजिस्टर्ड दलों का खाता भी नहीं खुला, जबकि 1342 में से छह निर्दलीय उम्मीदवार जीते थे.

2015 का विधानसभा चुनाव

2015 के विधानसभा चुनाव में तत्कालीन छह राष्ट्रीय दलों में भाजपा, बसपा, भाकपा, माकपा, कांग्रेस और एनसीपी के उम्मीदवार मैदान में थे. इनमें से बसपा, भाकपा, माकपा और एनसीपी का खाता तक नहीं खुला. वहीं, राज्य के क्षेत्रीय दलों में शामिल बीएलएसपी, जदयू, लोजपा और राजद के उम्मीदवार जीते, लेकिन अन्य राज्यों के नौ क्षेत्रीय दलों और 138 रजिस्टर्ड दलों का खाता तक नहीं खुला.

Posted by : Thakur Shaktilochan

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