32.1 C
Ranchi
Thursday, March 13, 2025 | 12:03 pm
32.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

सुलतानगंज से कहलगांव तक गंगा को कम से कम तीन मीटर किया जायेगा गहरा

Advertisement

सुलतानगंज से कहलगांव तक गंगा को कम से कम तीन मीटर गहरा किया जायेगा. इसका निर्णय हो चुका है. इस कार्य को करने के लिए भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण ने भारत सरकार के वन मंत्रालय से अनुमति मांगी है. लेकिन भागलपुर के वन प्रमंडल पदाधिकारी के स्तर से प्रस्ताव लंबित होने के कारण वन मंत्रालय की ओर से कार्रवाई आगे नहीं बढ़ पा रही है. इस बाबत जलमार्ग प्राधिकरण के निदेशक वी मुरुगेसन ने डीएम को पत्र लिखा है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

सुलतानगंज से कहलगांव तक गंगा को कम से कम तीन मीटर गहरा किया जायेगा. इसका निर्णय हो चुका है. इस कार्य को करने के लिए भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण ने भारत सरकार के वन मंत्रालय से अनुमति मांगी है. लेकिन भागलपुर के वन प्रमंडल पदाधिकारी के स्तर से प्रस्ताव लंबित होने के कारण वन मंत्रालय की ओर से कार्रवाई आगे नहीं बढ़ पा रही है. इस बाबत जलमार्ग प्राधिकरण के निदेशक वी मुरुगेसन ने डीएम को पत्र लिखा है. अनुरोध किया है कि लंबित एनओसी प्रस्ताव का शीघ्र निष्पादन के लिए आवश्यक पहल अपने स्तर से की जाये, ताकि व्यवहार्यता अध्ययन (फिजिबिलिटी स्टडी) के बाद संबंधित नदी खंड में करवाई की जा सके. …इसलिए जरूरी है गंगा को गहरा करना

सुलतानगज-कहलगांव नदी खंड राष्ट्रीय जलमार्ग संंख्या एक (गंगा नदी) का एक भाग है. इसे भारत सरकार द्वारा वर्ष 1986 में अधिसूचित किया गया है. इसमें जहाजों के सतत आवागमन के लिए नौवाहन चैनल (फेयरवे) में जलमार्ग प्राधिकरण के नियम के अनुसार तीन मीटर न्यूनतम गहरा कराये जाने का प्रावधान है. ऐसा होने के बाद ही जहाजों का सुलभता के साथ परिचालन हो सकेगा.

डॉल्फिन क्षेत्र होने के कारण अनुमति है जरूरी

सुलतानगंज-कहलगांव (60 किलोमीटर) तक वन्यप्राणी (संरक्षण) अधिनियम 1972 के तहत विक्रमशिला गांगेय डॉल्फिन आश्रयणी क्षेत्र घोषित किया गया है. यह क्षेत्र पूरी दुनिया में गांगेय डॉल्फिन के लिए एकमात्र आश्रयणी क्षेत्र है. इसके अलावा इस क्षेत्र में अन्य वन्य जीव का भी प्राकृतिक निवास स्थल है. इस कारण यहां कोई भी कार्य नहीं किया जा सकता है. ऐसा करने से वन्यजीव को खतरा हो सकता है. कार्य तभी किया जा सकता है, जब वन विभाग की मंजूरी हो. यही नहीं वन विभाग द्वारा निर्धारित की गयी शर्तों को ध्यान में रखते हुए ही कार्य किया जा सकता है. इसी वजह से इस क्षेत्र में ड्रेजिंग करने के लिए वन मंत्रालय को जलमार्ग प्राधिकरण ने आवेदन दिया गया है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें
Home होम Videos वीडियो
News Snaps NewsSnap
News Reels News Reels Your City आप का शहर