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दलहनी फसलों पर हो सकता है कीट-व्याधि का प्रकोप

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पौधा संरक्षण विभाग ने बाढ़ के मद्देनजर जिले में दलहनी फसलों पर कीट-व्याधि का प्रकोप बढ़ने को लेकर अलर्ट जारी किया. पौधा संरक्षण विभाग के संयुक्त निदेशक सतीश कुमार के निर्देश के बाद सहायक निदेशक सुजीत कुमार पाल ने जिले के सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारी को पत्र भेजा और जरूरी दिशा-निर्देश दिया.

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पौधा संरक्षण विभाग ने बाढ़ के मद्देनजर जिले में दलहनी फसलों पर कीट-व्याधि का प्रकोप बढ़ने को लेकर अलर्ट जारी किया. पौधा संरक्षण विभाग के संयुक्त निदेशक सतीश कुमार के निर्देश के बाद सहायक निदेशक सुजीत कुमार पाल ने जिले के सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारी को पत्र भेजा और जरूरी दिशा-निर्देश दिया.

सहायक निदेशक सुजीत कुमार पाल ने कहा कि दलहनी फसलों जैसे चना, मसूर, मटर, खेसारी इत्यादि की खड़ी फसल में कीट- व्याधि का सर्वेक्षण करने एवं सतत् निगरानी बनाये रखने की जरूरत है. दरअसल नालंदा के विभिन्न प्रखंडों में दलहन फसल पर कीट-व्याधि का प्रकोप बढ़ने की सूचना मिली है. चना, मसूर व खेसारी पर अधिक असर दिख रहा है.

इन कीटों से बचाव को लेकर किसान रहे सावधान

उन्होंने बताया कि दलहनी फसलों में मुख्य रूप से कजरा कीट, जाला कीट, फली छेदक कीट, उखड़ा रोग, मुल गांठ सुत्र कृमि रोग आदि कीट-व्याधि का प्रकोप होने की संभावना बनी रहती है. जो क्षेत्र पानी में डूबा रहता है. पानी निकलने के बाद वैसे क्षेत्र में कजरा कीट, जाला कीट, उखड़ा रोग एवं अन्य कीट-व्याधि का प्रकोप हाने की संभावना बढ़ जाती है. प्रायः टाल क्षेत्रों में ऐसा ज्यादा देखा जाता है. जिसकी पहचान एवं प्रबंधन व नियंत्रण किया जाना जरूरी है. उन्होंने सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारी, किसान सलाहकार व किसानों को अपने क्षेत्र अंतर्गत लगने वाले दलहनी फसलों विशेषकर टाल क्षेत्रों में निरंतर सर्वेक्षण करने के साथ-साथ सतत् निगरानी बनाये रखने का सुझाव दिया है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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