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केके पाठक के विभाग ने भागलपुर के को-एड एजुकेशन के ताबूत में ठोक दी आखिरी कील

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भागलपुर के बरारी स्थित आरएचएमटीबी हाईस्कूल में अब लड़कियां नहीं पढ़ेंगी. इसकी जगह छात्राओं को अब मदनलाल हाई स्कूल में एडमिशन कराना होगा.

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ऋषव मिश्रा कृष्णा, भागलपुर. भागलपुर नगर निगम में केके पाठक के शिक्षा विभाग ने उच्च माध्यमिक शिक्षा में (नवम एवं दशम वर्ग) को-एड एजुकेशन के ताबूत में आखिरी कील ठोक दिया है. मालूम हो कि उच्च माध्यमिक शिक्षा में भागलपुर शहर की स्थिति पूर्व से भी अच्छी नहीं रही है. यहां के महत्वपूर्ण शैक्षणिक संस्थान लड़कों के लिए अलग है और लड़कियों के लिए अलग. वर्षों से बरारी स्थित आरएचएमटीबी हाईस्कूल में सह शिक्षा चल रही थी. लेकिन इस बार इस स्कूल में भी को एड एजुकेशन को समाप्त कर दिया गया है. इस बार यहां पर लड़कियों का नामांकन नमवीं कक्षा में नहीं होना है.

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छात्र पढ़ेंगे घर के पास वाले स्कूल में और छात्राएं जाएंगी तीन किलोमीटर दूर

बरारी मोहल्ले में वैसे बच्चियां जो आठवीं पास कर गयी हैं, उनके अभिभावक परेशान दिख रहे हैं. घर के पास वाले स्कूल में उनका नामांकन नहीं हो सकेगा. शिक्षा विभाग का निर्देश है कि इस बार आरएचएमटीबी हाईस्कूल बरारी में आरएएमएस सेंट्रल जेल, आरएसएमएस गर्ल्स बरारी, आरएमएस बरारी और आरएमएस गर्ल्स विद्युत नगर बरारी से आठवीं पास लड़कों का ही नवमीं कक्षा में नामांकन होगा. जबकि लड़कियों का नामांकन मदनलाल हाई स्कूल तिलकामांझी में कराने का निर्देश दिया गया है. उक्त विद्यालय बरारी से तीन किलोमीटर की दूरी पर है.

रोजाना खर्च करने होंगे 20 रुपये, फिर स्कूल पहुंचेंगी बच्चियां

बरारी कटहलबारी की छात्रा आशिका कुमारी के पिता शैलेंद्र कुमार पासवान, कोमल कुमारी के दादा योगेंद्र दास, छोटी कुमारी के पिता पवन कुमार, रिया राज के पिता पवन कुमार यादव, पल्लवी कुमारी के पिता राजू यादव ने बताया कि बरारी हाईस्कूल उनके घर से तीन सौ से चार सौ मीटर की दूरी पर है. जबकि मदन लाल हाईस्कूल उनलोगों के घर से तीन किलोमीटर की दूरी पर है.

ऐसी स्थिति में रोजाना छात्राओं को विद्यालय जाने में 20 रूपये खर्च करना होगा. बच्चियों ने बताया कि उनलोगों ने हाल ही में साइकिल चलाना सीख लिया है लेकिन सड़क पर अच्छी तरह से साइकिल नहीं चला सकती हैं. फिलहाल उनलोगों को अपनी साइकिल भी नहीं है. अभिभावकों ने कहा कि वे लोग तिलकामांझी स्थित मदनलाल स्कूल में नामांकन नहीं कराएंगे. शिक्षा विभाग जा कर मामले की शिकायत करेंगे.

को एजुकेशन है जरूरी

सह शिक्षा वर्तमान समय की जरूरत है. जानकारों की मानें बच्चे को एक बेहतर और सुलझा हुआ इंसान बनाने, फिजिकल और मेंटर डेवलपमेंट के लिए को एजुकेशन जरूरी है. सह शिक्षा में बच्चों का संपूर्ण विकास में काफी साहायक होता है.

एक विद्यालय में है उम्मीद बांकी

शहर के कंपनीबाग स्थित जगलाल हाई स्कूल में को एजुकेशन की अंतिम उम्मीद बांकी है. यहां पर नवम और दशम में को एजुकेशन की पढ़ाई होती रही है. लेकिन इस बार मध्य विद्यालय उर्दू बाजार के लड़कों का नामांकन कराने का निर्देश दिया गया है. जबकि साहेबगंज मध्य विद्यालय की छात्राओं को जगलाल हाई स्कूल में नामांकन कराने का निर्देश दिया गया है. लेकिन छात्राएं यहां पर नामांकन कराने को तैयार नहीं हैं. वे शारदा झुनझुनवाला विद्यालय में नामांकन कराना चाह रही हैं. अब तक विद्यालय में आठवीं पास एक लड़के का ही नवमीं में नामांकन हुआ है.

अभिभावकों के लिए सिरदर्द बना नवमीं में नामांकन

जिले के प्रत्येक पंचायत और शहर के प्रत्येक मोहल्लों में आठवीं पास छात्र – छात्राओं के अभिभावकों के लिए नामांकन सिर दर्द बना हुआ है. मालूम हो कि जिले में ऐसी स्थिति तब उत्पन्न हुई है जब शिक्षा विभाग द्वारा पंचायत या निकाय के ही अधिकृत किए गये स्कूलों में आठवीं कक्षा पास छात्र – छात्राओं का नामांकन कराने का निर्देश दिया गया है.

शिक्षा विभाग में इस तरह के 15 से 20 आवेदन आये हैं. जिसमें अधिकांश आवेदन छात्र छात्राओं के अभिभावकों ने सामुहिक रूप से दिया है. शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अब आवेदन पर विचार किया जा रहा है. राज्य स्तर से इस दिशा में स्थानीय पदाधिकारियों को निर्देशित भी किया गया है.

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