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ट्रैफिक थाना खुलने के बाद भी बदलाव नहीं, होमगार्ड जवानों के भरोसे है यातायात

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चौक-चौराहों पर ट्रैफिक सिपाही दिखेंगे. लेकिन सात माह बाद भी व्यवस्थाएं जस की तस है.

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बेतिया . करीब सात माह पूर्व शहर में जब ट्रैफिक थाना का शुभारंभ हुआ तो लगा कि अब शहर में व्यवस्थाएं बदल जाएंगी. बेतरबीब पॉर्किंग, नो- इंट्री में वाहनों का परिचालन, जुगाड़ गाड़ियों की बढ़ती संख्या इत्यादि पर पाबंदी लगेगी. शहर में ट्रैफिक सिग्नल लगेंगे, व्यस्त मार्ग वन वे होगा, चौक-चौराहों पर ट्रैफिक सिपाही दिखेंगे. लेकिन सात माह बाद भी व्यवस्थाएं जस की तस है. शहर में आज भी अप्रिशिक्षित होमगार्ड जवानों के भरोसे ट्रैफिक व्यवस्था है. महज गश्ती तक यातायात थाने की कार्यवाही सिमटी है. नतीजा हर रोज शहर में भीषण ट्रैफिक जाम की समस्या से लोग जूझ रहे हैं. जबकि ट्रैफिक थाने में इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी की तैनाती थानाध्यक्ष के रुप में हुयी है. एक डीएसपी का भी पदस्थापन राज्य सरकार ने कर दिया है, लेकिन शहर की यातायात व्यवस्था अभी भी गैर प्रशिक्षित होमगार्ड जवानों के हाथ में रहने के कारण शहर की ट्रैफिक का कंट्रोल संभव नहीं दिख रहा है. बता दें कि नवंबर माह के प्रथम दिन ही बेतिया में ट्राफिक थाना का उदघाटन किया गया. जिसकी स्वीकृति राज्य सरकार ने दी है, लेकिन छह माह बीतने को है. अभी तक यातायात व्यवस्था के लिए तैनात होमगार्ड जवानों को प्रोपर प्रशिक्षण भी नहीं दिया जा सका है. नतीजतन होमगार्ड जवान शहर की ट्राफिक व्यवस्था कंट्रोल कर पाने में अक्षम साबित हो रहे हैं और शहर जाम की चपेट में है. शहर का लालबाजार, मीनाबाजार, अस्पताल रोड, बस स्टैंड रोड की हालत एकदम पस्त है. यदि सोवाबाबू चौक से जंगीमस्जिद होते हुए या राजडयोढ़ी होते हुए अस्पताल रोड में निकलना हो तो एक किलोमीटर की दूरी तय करने में घंटो लग जा रहे है. बता दें कि शहर में बनाये गये ट्राफिक पोस्ट पर दो शिफ्ट में होमगार्ड जवानों को ही तैनात किया गया है, लेकिन वाहन चालक इनकी बात सुनते ही नहीं हैं. वैसे जब से यातायात थाना बना है तबसे शहर में यातायात थाना का वाहन गश्त लगाते रहता है. उसपर सवार जवान माइकिंग के माध्यम से वाहन अलग रखने की बात करते है. कभी कभार वें चौक चौराहों पर खड़ा होकर बिना हेलमेट वाले वाहन चालकों की फोटो खिंचकर चालान काटते रहते है,लेकिन यदि जाम लग जाय तो उन्हें भी घंटो मशक्कत करनी पड़ती है. ट्रैफिक थाने में एक इंस्पेक्टर, आठ दारोगा , एक स्टेनो, के अलावे 120 कांस्टेबल व 30 हवलदार के पदस्थापना की व्यवस्था की गयी है, लेकिन अभी शहर में ट्राफिक कंट्रोल के लिए होमगार्ड जवानों की तैनाती की गयी है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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