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बाबा साहब के सामाजिक न्याय का अर्थ है व्यक्तित्व विकास का समान अवसर प्रदान करना : प्रो. अभय

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राम लखन सिंह यादव महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के तत्वावधान में ''''डॉ. आंबेडकर और सामाजिक न्याय'''' विषयक वैचारिक मंथन संगोष्ठी का आयोजन बुधवार को किया गया.

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बेतिया. राम लखन सिंह यादव महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के तत्वावधान में ””””डॉ. आंबेडकर और सामाजिक न्याय”””” विषयक वैचारिक मंथन संगोष्ठी का आयोजन बुधवार को किया गया.अपने अध्यक्षीय संबोधन में प्राचार्य प्रो. (डॉ.) अभय कुमार के ””””डॉ. आंबेडकर के सामाजिक न्याय”””” का विस्तार से विवेचन करते हुए भारत रत्न डॉ. आंबेडकर को आधुनिक राष्ट्र का निर्माता बताया गया. प्राचार्य प्रो. कुमार ने कहा कि बाबा साहब के सामाजिक न्याय का अर्थ है समानता और सामाजिक अधिकारों से जुड़े सभी लोगों को उनके व्यक्तित्व के विकास के लिए समान सामाजिक अवसर प्रदान करना. प्रत्येक राज्य में न्याय पर आधारित सामाजिक व्यवस्था को सुरक्षित करना और सभी के लिए समान अवसर उपलब्ध कराना महत्वपूर्ण हो जाता है. क्योंकि आज भी भारतीय समाज की ज्यादातर लोग अशिक्षित या अल्प शिक्षित हैं. उनका मानना था कि शैक्षिक,सामाजिक और आर्थिक लिहाज से समाज के हाशिए पर रहने वाले वर्गों के बीच एक सामाजिक अव्यवस्था और असमानता को दूर करता है.इस लिहाज से उन्होंने कहा था कि भारत जैसे विविधतापूर्ण सामाजिक परिवेश वाले देश में समतावादी सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक व्यवस्था स्थापित करना महत्वपूर्ण हो जाता है. महाविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग के वरीय सहायक प्राध्यापक डॉ. प्रदीप प्रसाद नें डॉ. आंबेडकर को समकालीन भारत का कबीर बताया और बौद्ध धर्म के ऊपर भी दृष्टिपात किया गया. कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. संजय कुमार हाजरा (सहायक आचार्य, एमकेएस. कॉलेज चंदौना, दरभंगा) द्वारा डॉ. आंबेडकर के सामाजिक न्याय के सिद्धांत को प्रारम्भ से अंत तक बताते हुए आंबेडकर के समानता, स्वतंत्रता, न्याय के साथ बंधुता को अनिवार्य बताया गया. महाविद्यालय के हिन्दी विभाग के वरिष्ठ प्राध्यापक प्रो. (डॉ)संत साह नें आंबेडकर के सामाजिक न्याय और उनकी प्रासंगिकता पर अपनी बात रखी. कार्यक्रम संचालन का कार्य हिन्दी विभाग के सहायक आचार्य डॉ. संजय कुमार यादव ने किया. एनएसएस के कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. शशि कान्त यादव ने विद्यार्थी व सभासद का धन्यवाद किया. अन्य वक्ताओं में बरसर डॉ. विनोद कुमार, डॉ दिग्विजय प्रसाद यादव, डॉ अजय पासवान, डॉ सौरभ रंजन, डॉ राकेश राय, डॉ धनञ्जय पाण्डेय, डॉ श्याम सुंदर महतो, डॉ राजेश कुशवाहा, डॉ. प्रकाश राय डॉ. सारिका सोनम, डॉ पुष्पेंद्र, डॉ गीतांजलि, डॉ विनोद कुमार यादव आदि प्रमुख रहे.

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