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9300 करोड़ रुपये की लागत से तैयार मुंगेर रेल पुल पर दौड़ रहीं सिर्फ तीन जोड़ी रेगुलर ट्रेनें

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दिन था 11 अप्रैल 2016, जब तत्कालीन रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा एवं बेगूसराय के सांसद डॉ भोला सिंह ने नवनिर्मित मुंगेर पुल के लिए डेमू ट्रेन को बेगूसराय से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था.

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बेगूसराय. दिन था 11 अप्रैल 2016, जब तत्कालीन रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा एवं बेगूसराय के सांसद डॉ भोला सिंह ने नवनिर्मित मुंगेर पुल के लिए डेमू ट्रेन को बेगूसराय से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था. वहीं 11 अप्रैल 2024 को मुंगेर रेल पुल पर डेमू ट्रेन का परिचालन शुरू हुए आठ वर्ष पूरे हो गये, लेकिन वर्तमान समय तक महत्वपूर्ण ट्रेनो का परिचालन शुरू नहीं हो सका है. मुंगेर रेल पुल सिर्फ मालगाड़ियों के परिचालन के प्रचलित हो गया है. मुंगेर पूल से स्थानीय लोगों एवं भागलपुर तक के लोगों को आशाएं थी. बेगूसराय-खगड़िया के लोगों को मुंगेर से जोड़ने के लिये 93 सौ करोड़ की लागत से मुंगेर रेल सह सड़क पूल का निर्माण कराया गया था. मुंगेर पूल की 03.750 किलोमीटर की लंबाई एवं 12.25 मीटर की चौड़ाई है. करीब 14 वर्षो तक चले निर्माण कार्य के बाद 11 अप्रैल 2016 को पुल पर तत्काल ट्रेन का परिचालन शुरू किया गया. जिसके बाद 11 फरवरी 2022 को सड़क मार्ग का कार्य भी पूरा कर आवगमन शुरू कर दी गयी थी. 93 सौ करोड़ रुपये की लागत से तैयार मुंगेर पूल पर महज ही तीन जोड़ी रेगुलर एवं दो साप्ताहिक ट्रेनें का परिचालन होता है. उद्घटान के आठ वर्ष पूरे होने के बावजूद रेलवे ने इस महत्वपूर्ण पूल पर दूरगामी ट्रेनों को आवागमन के लिये उचित नहीं समझा है. 11 अप्रैल 2016 को तिलरथ से जमालपुर के बीच डेमू ट्रेन का परिचालन शुरू हुआ था.जिसके बाद दो साप्ताहिक ट्रेन 09452/51 भागलपुर-गांधीधाम एवं 15089/90 गोमतीनगर-गोड्डा ट्रेन के परिचालन तक सीमित रह गया. वहीं भागलपुर से बेगूसराय के रास्ते जयनगर तक एक ट्रेनें ही दी गयी. मुंगेर पुल के नहीं बनने से बेगूसराय के लोगों को मुंगेर जाने के लिये पहले राजेंद्र पूल,फिर लखीसराय उसके बाद मुंगेर तक का सफर तय करना होता था.यानी बेगूसराय से मुंगेर जाने में करीब 110 किलोमीटर की दूरी तय होती थी. अब मुंगेर जाने में महज ही 54 किलोमीटर की दूरी तय करनी होती है. बावजूद मुंगेर पूल पर इन आठ वर्षों में तीन जोड़ी रेगुलर ट्रेन के अलावे अन्य ट्रेनों का परिचालन शुरू नहीं करवाना विभाग के अधिकारियों का सौतेलापन दर्शता है. स्थानीय लोगों के अनुसार अगर ट्रेनों की संख्या बढ़ी तो बेगूसराय के लोग मुंगेर के साथ ही सिल्क नगरी के नाम से मशहूर भागलपुर जिला के व्यवसायिक कार्य कर सकते हैं. वहीं श्रावणी मेला 2024 को लेकर मुंगेर रेल पुल पर दो अतिरिक्त ट्रेनों का आवागम दिया गया है. यह ट्रेन एक सीमित समय के लिये है. इधर, पूर्व मध्य रेल दैनिक रेल यात्री संघ के महासचिव राजीव कुमार ने कहा कि एक साजिश के तहत मुंगेर पूल पर गाड़ियों की संख्या नहीं बढ़ाई जा रही है. जनता के रुपये से लागत 93 सौ करोड़ रुपये का पूल परिचालन के लिये तरस रहा है.

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डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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