25.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

सरकार ने नगरपालिका संशोधन बिल में किया बदलाव, निगम प्रशासन का पुनः बढ़ा अधिकार

Advertisement

नगर निगम महापौर पिंकी देवी ने बिहार के नगर निगमों के महापौरों की मांगों को मंत्री नगर विकास एवं आवास विभाग एवं बिहार सरकार द्वारा माने जाने पर प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बधाई दी है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

बेगूसराय. नगर निगम महापौर पिंकी देवी ने बिहार के नगर निगमों के महापौरों की मांगों को मंत्री नगर विकास एवं आवास विभाग एवं बिहार सरकार द्वारा माने जाने पर प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बधाई दी है. महापौर ने बताया कि पिछले दिनों जुलाई माह में प्रकाशित गजट के माध्यम से बिहार सरकार के द्वारा नगर निकायों के अधिकारों में कटौती कर दी गयी थी.इसको लेकर नगर निकायों के मुख्य पार्षद/महापौर में खासी नाराजगी देखी जा रही थी. मुख्यालय में आयोजित कार्यशाला तक का महापौरों ने विरोध किया था. माननीय मंत्री, नगर विकास एवं आवास विभाग से मिलकर विभिन्न नगर निगमों के मेयर ने प्रतिरोध जताया था. मंत्री ने आश्वासन दिया था कि आपकी अधिकांश मांगे मानी जायेगी.महापौर ने कहा कि मनसा वाचा कर्मणा को आत्मसात करने वाली नीतीश कुमार की सरकार के मंत्री नितिन नवीन जी जिस तत्परता से मेयरों की मांगों को माना है, वह काबिले तारीफ है. इसके लिए बिहार सरकार बधाई के पात्र हैं. विधानमंडल में नगरपालिका संशोधन विधेयक को लेकर मेयर एवं मुख्य पार्षद के विरोध के बाद राज्य सरकार ने नगरपालिका संशोधन बिल में बदलाव किया है.बिल संशोधन के बाद पर्यवेक्षण का अधिकार पुनः सशक्त स्थायी समिति के अध्यक्ष को दिया गया है. अर्थात् मेयर/मुख्य पार्षद की अध्यक्षता में होनेवाली सशक्त स्थायी समिति की बैठक के निर्णयों को ही अधिकारी शहरी निकायों में लागू करेंगे. इसके अलावा पहले मुख्यालय स्तर पर ठोस अपशिष्ट प्रबंधन का दर का निर्धारण और क्रियान्वयन का अधिकार दिया गया था. जिसे संशोधित करते हुए यह अधिकार पुनः नगर निकायों को ही दी गयी है. निकायों के पास फैसले रोकने का अधिकार सरकार ने अपने पास रखा था. जिस अधिकार को नगर निकाय को वापस कर दिया गया है. पूर्व के संशोधन में सशक्त स्थायी समिति और बोर्ड की कार्यवाही सात दिनों में जारी की जानी थी. जिसमें बदलाव कर कार्यवाही 15 दिनों के अंदर जारी किया जाना है तथा कार्यवाही को अगली बैठक में रखना अनिवार्य किया गया है. संशोधन विधेयक में नगर निकायों के कार्य संचालन को जनसाधारण द्वारा देखने पर रोक लगा दी गई थी. परन्तु उसे पुनः विनियमित करते हुए सीमित संख्या में लोगों को देखने की अनुमति दी गयी है. जिसकी संख्या नगर निगम में 20, नगर परिषद में 15 और नगर पंचायत में 10 रखी गयी है.

- Advertisement -

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें