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बीएड स्पेशल एजुकेशन डिग्रीधारी भी अब बन सकेंगे 5वीं तक के शिक्षक, 80 हजार सरकारी स्कूलों में मिलेगा मौका

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बीएड स्पेशल एजुकेशन डिग्रीधारी भी अब कक्षा एक से पांच तक के शिक्षक बन सकेंगे. एनसीटीइ ने इसकी अधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी है. एनसीटीइ के इस फैसले से अब राज्य के लगभग 80 हजार सरकारी स्कूलों में स्पेशल एजुकेटर्स को शिक्षक बनने का मौका मिलेगा.

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पटना. बीएड स्पेशल एजुकेशन डिग्रीधारी भी अब कक्षा एक से पांच तक के शिक्षक बन सकेंगे. एनसीटीइ ने इसकी अधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी है. एनसीटीइ के इस फैसले से अब राज्य के लगभग 80 हजार सरकारी स्कूलों में स्पेशल एजुकेटर्स को शिक्षक बनने का मौका मिलेगा.

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इससे पहले एनसीटीइ ने बीएड स्पेशल एजुकेशन डिग्रीधारियों को छठी से 8वीं कक्षा के शिक्षक बनने के लिए योग्य घोषित किया था. बीएड स्पेशल एजुकेशन की डिग्री भारतीय पुनर्वास परिषद (आरसीआइ) से मान्यता प्राप्त होनी चाहिए.

इसके लिए एनसीटीइ से मान्यता हासिल करने की कोई आवश्यकता नहीं है. लेकिन एनसीटीइ ने एक शर्त भी रखा है कि सरकारी स्कूल में नियुक्ति के छह महीने के भीतर ऐसे शिक्षकों को एनसीटीइ द्वारा मान्यता प्राप्त छह महीने का कोर्स भी पूरा करना होगा.

समावेशी शिक्षा के एक्सपर्ट और पटना यूनिवर्सिटी के सीनेट सदस्य डॉ कुमार संजीव ने कहा है कि राज्य के सभी प्रारंभिक स्कूलों में 2006 से ही समावेशी शिक्षा नीति लागू है. इसके तहत सरकार सामान्य एवं दिव्यांग बालकों को एक ही स्कूल के छत के नीचे पठन-पाठन की सुविधा उपलब्ध करवा रही है ताकि दिव्यांग बालकों के साथ किसी तरह का भेद-भाव नहीं हो सके.

डॉ संजीव ने कहा है कि वर्ष 2016 से ही पूरे देश में दिव्यांग जन अधिकार अधिनियम भी पूरे देश में लागू है. एनसीटीइ के इस पहल से अब स्कूलों में पठन-पाठन कर रहे 21 तरह के दिव्यांग बालक-बालिकाओं को समावेशी शिक्षा ग्रहण करने का मौका मिलेगा.

वे मुख्यधारा के विद्यालयों में शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे. डॉ संजीव ने कहा है कि बीएड स्पेशल एजुकेशन डिग्रीधारकों को भी शिक्षक पात्रता परीक्षा में शामिल होने का मौका राज्य सरकार को देनी चाहिए.

Posted by Ashish Jha

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