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Bara Massacre: बारा नरसंहार में 35 लोगों की हत्या करने का मुख्य आरोपित को उम्रकैद, पांच लाख का आर्थिक दंड भी

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अदालत ने नरसंहार के मुख्य अभियुक्त किरानी यादव को उम्रकैद की सजा सुनाई है. इसके साथ ही आरोपी पर पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया. बारा नरसंहार को लेकर गया जिले के टिकारी थाना में कांड संख्या 19/92 दर्ज है.

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गया. बिहार के बहुचर्चित बारा नरसंहार कांड का फैसला आ गया है. गया जिले के टिकारी प्रखंड के बारा गांव में नरसंहार में जान गंवाने वाले 35 मृतकों को 31 साल बाद गुरुवार को न्याय मिला. अदालत ने नरसंहार के मुख्य अभियुक्त किरानी यादव को उम्रकैद की सजा सुनाई है. इसके साथ ही आरोपी पर पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया. बारा नरसंहार को लेकर गया जिले के टिकारी थाना में कांड संख्या 19/92 दर्ज है. लगभग तीन दशक पूर्व 12 फरवरी 1992 को बिहार में गया जिले के टिकारी प्रखंड के बारा गांव में नक्सली संगठन एमसीसी के सैकड़ों हथियारबंद उग्रवादियों ने धावा बोल दिया था. नक्सलियों ने गांव पर हमला कर एक ही जाति के 35 लोगों की गला रेतकर हत्‍या कर दी थी.

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पहले ही हो चुके थे दोषी करार 

जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी की अदालत में पिछले शनिवार को चर्चित बारा नरसंहार कांड के मुख्य अभियुक्त किरानी यादव उर्फ सूर्यदेव यादव उर्फ रामचंद्र यादव को दोषी करार दिया गया था. दोषी करार दिए जाने के बाद इस कांड में सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए 2 मार्च की तरीख तय की गयी थी. इस मामले में कोर्ट में अभियोजन पक्ष की ओर से 21 लोगों की गवाही कराई गई. मामले के विशेष लोक अभियोजक प्रभात कुमार ने अभियोजन की ओर से अपना पक्ष रखा. वहीं, बचाव पक्ष की ओर से वकील तारिक अली और सुरेंद्र नारायण ने बहस की.

35 लोगों की हुई थी हत्या 

31 साल पूर्व 12 फरवरी, 1992 को गया जिले के बारा प्रखंड में एक दिल दहला देने वाली यह घटना हुई थी. जब 35 लोगों की गला रेत कर हत्या कर दी गई थी. वर्ष 1992 में गया जिले के टिकारी थाना के बारा में ग्रामीणों को हथियार के बल पर कब्जे में कर लिया गया था. इस घटना में कई घरों में आग लगा दी गई थी. वहीं गांव के पुरुषों को बारा गांव में नहर के समीप ले जाकर पसूली से गला रेत कर हत्या कर दी गई थी.

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