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Banka News : वर्षा होते ही कृषि कार्य में आयी तेजी, धान की नर्सरी तैयार करने में जुटे किसान

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बांका जिले में बारिश होने के बाद खेती के काम में तेजी आयी है. किसान बिचड़ा की तैयारी कर रहे हैं. रजौन प्रखंड में 12640 हेक्टेयर धान अच्छादन व 1264 हेक्टेयर धान की नर्सरी बनाने का लक्ष्य रखा गया है. इस वर्ष मोटे अनाज की खेती करने वाले किसानों को दो हजार रुपये प्रोत्साहन राशि दी जायेगी.

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Banka News : अविनाश सिंह, रजौन. मौसम की पहली बरसात ने गर्मी से बेहाल जनजीवन को बड़ी राहत दी है. इसके साथ ही बारिश का इंतजार भी खत्म हो गया. मंगलवार से जारी झमाझम व मूसलाधार बारिश से किसानों को काफी फायदा हुआ. बारिश के इंतजार में बैठे किसान आकाश में घने बादलों को देखते ही मचल उठे और आनन- फानन में खेत की तैयारी में जुट गये. खेतों को पानी मिलते ही धान के साथ मक्का, मडुआ, ज्वार, कोनी, चीना आदि की खेती का काम शुरू हो गया है. किसानों का कहना है कि देर से ही सही बारिश ने खेती की मुश्किल को आसान कर दिया है.

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जानकारी हो कि बांका जिले में बारिश के अभाव के कारण किसान रोहिणी नक्षत्र में धान के बीज खेतों में नहीं डाल पाये थे. आद्रा नक्षत्र में मॉनसून की बारिश से किसान धान की नर्सरी तैयार करने में तत्परता के साथ जुट गये हैं. बारिश में देर होने से धान की रोपनी में विलंब हो रही थी. वहीं दूसरी तरफ धान की नर्सरी को बचाना किसान के लिए चुनौती थी. धान की नर्सरी को बचाने के लिए किसान पटवन की तैयारी में लगे थे कि ऊपरवाले ने किसानों के दुख को समझ कर समस्या दूर कर दी. जिन किसानों ने आद्रा नक्षत्र में धान का बीज खेत में डाले हैं, उनके लिए यह बारिश काफी फायदेमंद साबित हुई है.

मरने के कगार पर थे पौधे, बारिश से आयी जान

किसान संतोष कुमार ने बताया कि लगातार हो रही बारिश से सभी खेतों को तैयार करने में आसानी होगी. धान की रोपनी के लिए अब नयी उम्मीद जगीहै. विभाग से मांग है कि समय पर यूरिया खाद उपलब्धता करायीजाये. किसान उमाशंकर सिंह ने कहा कि 15 दिन पहले अगर वर्षा होती तो और चार चांद लग जाते. लेकिन लंबे इंतजार के बाद वर्षा होने से हम लोग काफी खुश हैं. कतरनी धान का बिचड़ा तैयार करने में काफी मदद मिली है. किसान शहर मंडल ने बताया कि वर्षा धान की फसल के लिए फायदेमंद है. वर्षा नहीं होने के कारण धान के पौधे मरने के कगार पर थे. इनमें फिर से जान आ गयी है. वर्षा होने से रोपाई व पौधों में खाद देने का कार्य भी शुरू हो चुका है. किसान प्रभाष चंद्र सिंह ने कहा कि खेतों को तैयार कर वर्षा के इंतजार में रुके थे. वर्षा होते ही उन्होंने धान की रोपनी शुरू करा दी है. उम्मीद है कि इस वर्षा के बाद उपज भी काफी अच्छी होगी.

मोटा अनाज की खेती पर मिलेगी प्रोत्साहन राशि

बरसात में देर हुई, लेकिन दुरुस्त हुई है. दो दिन की बारिश में उम्मीद से कहीं ज्यादा वर्षा हो गयी है. यह खेती के लिए काफी फायदेमंद साबित होगी. इस वर्ष 12640 हेक्टेयर धान अच्छादन व 1264 हेक्टेयर धान का बिचड़ा तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है. साथ ही इस वर्ष मोटे अनाज मक्का, मडुआ, ज्वार, कोनी चीना की खेती को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जा रहा है. मोटा अनाज की खेती करने वाले किसानों को 2000 रुपये प्रोत्साहन राशि भी दी जायेगी. किसानों के बीच आज तक में धान 180 क्विंटल, मडुआ लगभग 100 किलो, मक्का 15 क्विंटल, ज्वार 3 क्विंटल वितरित किया जा चुका है.
-संजय निराला, प्रभारी प्रखंड कृषि पदाधिकारी

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