बगहा में नदी में मिला 30 किलो का विशालकाल काला कछुआ, लोग विष्णु भगवान का अवतार मान करने लगे पूजा

बगहा के पिपरासी प्रखंड के पिपरासी गांव के समीप नदी के किनारे शुक्रवार की देर शाम मछुआरों ने 30 किलो के विशालकाय काला कछुए को कांटी में फंसा लिया. मछुआरे उसे पकड़ कर ले जाने की फिराक में थे. इतनी देर में वहां ग्रामीणों की भीड़ एकत्र हो गयी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 15, 2023 3:23 AM
an image

बगहा के पिपरासी प्रखंड के पिपरासी गांव के समीप नदी के किनारे शुक्रवार की देर शाम मछुआरों ने 30 किलो के विशालकाय काला कछुए को कांटी में फंसा लिया. मछुआरे उसे पकड़ कर ले जाने की फिराक में थे. इतनी देर में वहां ग्रामीणों की भीड़ एकत्र हो गयी. ग्रामीण इसे भगवान विष्णु के कच्छप अवतार का रुप मानकर पूजा कर रहे थे. हालांकि, तब तक कुछ ग्रामीणों ने इसकी सूचना थाना प्रभारी को दी. पुलिस ने कछुए को कब्जे में लेकर बगहा वन क्षेत्र कार्यालय को सूचना दी. बगहा वन अधिकारी सुनील कुमार पिपरासी पहुंच कर कछुए को वन क्षेत्र कार्यालय लाये. उन्होंने बताया कि कछुआ काला रंग है. इसको वरीय अधिकारी के निर्देश पर गंडक नदी के गहरे पानी में छोड़ दिया गया.

दुर्लभ प्रजाति के छिपकली की मौत के बाद वन विभाग के अधिकारियों से शोकॉज

पूर्णिया में बीते 29 नवंबर की रात्रि बायसी थाना के पुलिस के द्वारा पकड़ी गई दुर्लभ प्रजाति के छिपकली की मौत 16 दिसंबर की देर रात्रि को हो गयी. इस मामले को लेकर न्यायालय के द्वारा वन विभाग के वरीय अधिकारियों से शोकॉज किया गया है. न्यायालय ने कहा है कि आखिर किस परिस्थिति में छिपकली को रखा गया था, जो उसकी मौत हो गयी. इस मामले को लेकर न्यायालय ने पूर्णिया कॉलेज स्थित प्रयोगशाला में छिपकली को सुरक्षित रखने का भी आदेश जारी किया है. बताया जाता है कि केस के अनुसंधानकर्ता सुरुचि कुमारी के द्वारा इस आशय की सूचना न्यायालय को दी गयी थी. गौरतलब है कि बरामद की गयी दुर्लभ प्रजाति की इस छिपकली की तब खूब चर्चा हुई थी और इसकी तस्करी बाजार में कीमत करीब एक करोड़ बतायी गयी थी. इधर, इस मामले को लेकर पूर्णिया कॉलेज के प्रिंसपल डॉ मोहमद कमाल ने बताया कि न्यायालय के आदेश पर मृत छिपकली को कॉलेज के प्रयोगशाला में रखा गया है.

Exit mobile version