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Aurangabad News : भक्तों ने लगायी आस्था की डूबकी

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Aurangabad News:दोमुहान बतरे-बटाने संगम व जम्होर रढ़ुआ धाम पुनपुन में स्नान कर किया पूजन-दर्शन

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औरंगाबाद/कुटुंबा. श्रद्धा, आस्था व विश्वास का त्योहार कार्तिक पूर्णिमा भक्तिमय वातावरण में संपन्न हुआ. गांव से शहर तक लोग उत्साहित दिखे. श्रद्धालु अहले सुबह से ही नदी, तालाब आदि में स्नान कर मंदिरों में दर्शन पूजन के लिए पहुंचने लगे. सदर प्रखंड के जम्होर रढ़ुआ धाम, दोमुहान संगम, देव सूर्यकुंड तालाब व पातालगंगा, पुनपुन नदी आदि में स्नान-पूजन व दान के लिए भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ा. जम्होर रढ़ुआ धाम में श्रद्धालुओं ने पहले आस्था की डुबकी लगायी और फिर पूजा-अर्चना की. कुटुंबा प्रखंड के श्रीकृष्ण पुरी ठाकुर बाड़ी कल्पवृक्ष धाम परता में श्रद्धालुओं की अच्छी भीड़ लगी रही. यहां हजारों श्रद्धालुओं ने बटाने नदी में स्नान कर कल्पवक्ष की परिक्रमा किया. इसके साथ धाम परिसर में स्थापित देवी-देवताओं का पूजन किया. पूजन व दर्शन का दौर सुबह से देर शाम तक जारी रहा. मान्यताओं के अनुसार कल्प वृक्ष धरा की अलौकिक है. वृक्ष की परिक्रमा करने से भक्तों को सुख शांति व मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. धाम समिति के अध्यक्ष अशोक सिंह, प्रवक्ता शैलेंद्र कुमार के साथ समिति सदस्य व उक्त गांव के दर्जनों ग्रामीण विधि व्यवस्था बनाये रखने में जुटे रहे. इधर, सैकड़ों श्रद्धालुओं ने बतरे- बटाने के संगम स्थल दोमुहान में डुबकी लगाकर सूर्य मंदिर में पूजन किया. सूर्य मंदिर समिति के सदस्य श्रद्धालुओं को आवश्यक सुविधा मुहैया कराने में जुटे रहे. वहीं प्रसिद्ध सतबहिनी मंदिर, पंचदेव धाम चपरा, सूर्य मंदिर पिपरा बगाही आदि धार्मिक स्थलों पर भी दर्शन पूजन को लेकर श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी रही. कई जगह श्रद्धालुओं ने सत्यनारायण भगवान की कथा सुनकर मिष्ठान भोजन किया. ज्योतिर्विद डॉ हेरम्ब कुमार मिश्र, पंडित चंदन पाठक व आचार्य राधेकृष्ण पांडेय ने बताया कि सनातन संस्कृति में कार्तिक पूर्णिमा का खास महत्व है.

जम्होर रढ़ुआ धाम में पहुंचे लाखों श्रद्धालु

जम्होर के विष्णु धाम पुनपुन-बटाने संगम तट पर लाखों श्रद्धालुओं स्नान-दान व पूजन किया. यहां कार्तिक पूर्णिमा मेला का भी आयोजन किया गया. सुबह से ही भक्तों ने आस्था की डुबकी लगायी. लाखों भक्तों ने संगम तट में स्नान व विष्णु धाम में पूजा पाठ किया. मेले का परिभ्रमण किया व कार्तिक पूर्णिमा के निमित धार्मिक कार्यों को मूर्त रूप प्रदान किया. लोग विष्णु धाम दर्शन के लिए हर्षान्वित दिखे. शास्त्रों में वर्णित है कि कार्तिक माह में भगवान विष्णु पवित्र नदियों के जल में अपने सूक्ष्म स्वरूप को प्रवेश कर लेते हैं. कार्तिक माह में गंगा स्नान, पुनपुन स्नान का बड़ा ही महत्व है. यदि पुनपुन का प्रथम संगम तट हो तो उस तट पर स्नान करने का और भी महत्व बढ़ जाता है. विष्णु धाम के महंत बालकानंद ब्रह्मचारी ने बताया कि पिछले 30 दिनों से लगातार लोग कार्तिक स्नान करते आ रहे थे और पूर्णिमा के दिन इसकी पूर्णाहुति हुई. लोग परिसर में सत्यनारायण भगवान की कथा सुनते हुए भी नजर आये. न्यास समिति के कोषाध्यक्ष सुरेंद्र प्रसाद गुप्ता, सदस्य अशोक प्रसाद शौंडिक सहित अन्य सदस्यों ने सहभागिता निभायी. विष्णु धाम परिसर में आने-जाने वाले श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो इसका ख्याल रखा गया. जम्होर मेले में धान एवं अन्य फसलों के काटने के लिए लोहे के उपकरण की खरीदारी किसानों ने की. शादी-विवाह के मौसम को देखते हुए फर्नीचर की खरीदारी भी हुई. लोहे के सारा सामान इस मेला में बिकता है जो हर किसी के लिए प्रयुक्त होता है. साथ ही साथ नींबू, आंवला थोक मात्रा में लोग खरीदते हैं. इस मेले का आकर्षण इस बार भी कचरी ही रही. सर्वोत्तम कचरी 600 प्रति किलो बिकी तो साधारण कचरी की बिक्री 200 प्रति किलो रही. इस मेले को राजकीय मेला घोषित करने की मांग उठी.

कथा सुनकर की सुख-समृद्धि की कामना

मदनपुर.

मदनपुर प्रखंड क्षेत्र की विभिन्न नदियों में स्नान करने वाले लोगों की भीड़ शुक्रवार को उमड़ पड़ी. लोग सुबह से नदी किनारे पहुंचे. स्नान के बाद पूजा करते हुए दीपदान किया. माना जाता है कि इस अवसर पर नदी में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. प्रखंड मुख्यालय के अवधपुरम स्थित कियान इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल में विद्यालय के निदेशक आलोक कुमार समेत सभी शिक्षकों ने शालिग्राम भगवान की विधिपूर्वक पूजा अर्चना की. इस दौरान आचार्य रामकेश्वर पांडेय ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा को देव दीपावली और त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहा जाता है. यह दिन भगवान विष्णु और तुलसी माता के पूजन के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है. कार्तिक पूर्णिमा का दिन पवित्रता और पुण्य का प्रतीक माना जाता है. जिसमें विशेष रूप से तुलसी माता के पूजन से सभी दुखों का नाश होता है और समृद्धि की प्राप्ति होती है.

ओबरा में पुनपुन नदी में स्नान के लिए लगा रहा तांता

ओबरा.

कार्तिक पूर्णिमा पर शुक्रवार को श्रद्धालुओं ने पुनपुन दोमुहन पर पहुंच कर पहुंच किया और सूर्य भगवान की अराधना की. प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना की तथा इसके बाद श्रद्धालुओं ने दान किया. पुनपुन नदी में महिलाओं के साथ-साथ श्रद्धालुओं का तांता पूरे दिन लगा रहा. अनु कुमारी, प्रिया देवी, किरण देवी, राखी देवी ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा की काफी महत्ता है. पूर्णिमा पर स्नान व पूजन के साथ-साथ दान का विशेष महत्व है.

श्रद्धालुओं ने सोन नदी में लगायी आस्था की डुबकी

दाउदनगर.

कार्तिक पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने सोन नदीकाली घाट पर आस्था की डुबकी लगायी. जमालपुर घाट पर भी श्रद्धालु पहुंचे. अहले सुबहसे ही सोन नदी काली घाट पर श्रद्धालुओं का पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया. सूर्य की पहली किरण धरती पर आने से पहले सोन नदी में श्रद्धालुओं ने स्नान करना शुरू करदिया. सोन नदी के लगभग सभी घाटों पर श्रद्धालुओं ने स्नान करने के बाद पूजा अर्चना की. कार्तिक पूर्णिमा का स्नान करने के लिए काफी संख्या में महिला पुरुष श्रद्धालु पहुंचे हुए दिखे. सोन नदी काली घाट तक आवागमन करते श्रद्धालुओं की काफी भीड़ देखी गयी. पूर्णिमा का स्नान करने के बाद श्रद्धालुओं ने काली घाट सूर्य मंदिर में पूजाअर्चना की. इसके बाद बाबा भूतनाथ मंदिर के पास पहुंचे. यहां स्थित बाबा भूतनाथ मंदिर, राधा –कृष्ण मंदिर समेत अन्य मंदिरों में श्रद्धालुओं ने पहुंचकर पूजा अर्चना की. परंपरानुसार मेला भी लगा. मेला में खेल तमाशा से लेकर चाट-पकौड़े तक की दुकानें लगी रही. मेला परिसर में भी काफी भीड़ देखने को मिली. एक अनुमान में अनुसार लगभग 25 हजार से भी अधिक श्रद्धालु पूर्णिमा स्नान करने एवं मेला परिसर में पहुंचे. ज्ञात हो कि ऐसी मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान करने से जीवन के सारे पाप धुल जाते है तथा स्वास्थ्य एवं समृद्धि में वृद्धि होती है. इस दिन स्नान दान का विशेष महत्व है.

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