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संभावित बाढ़ से निबटने की तैयारी शुरू

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हर वर्ष बाढ़ मचाता है तबाही

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अररिया. जिले में संभावित बाढ़ खतरों के मद्देनजर प्रशासनिक महकमा सक्रिय हो चुका है. गौरतलब है कि जिले में मानसून के आगमन के साथ ही बाढ़ का संकट गहराने लगता है. इस वर्ष 10 से 15 जून के बीच जिले में माॅनसून के आगमन का पूर्वानुमान है. ज्ञात हो कि राज्य के बाढ़ प्रभावित 29 जिलों में 15 जिले अतिसंवेदनशील व 14 जिले संवेदनशील जिलों की सूची में शामिल हैं. अररिया बाढ़ प्रभावित राज्य के अतिसंवेदनशील जिलों की सूची में शामिल है. जिला आपदा प्रबंधन विभाग से मिली जानकारी मुताबिक जिले के 09 में से 07 प्रखंडों में हर साल बाढ़ से प्रभावित होते हैं. कुल 211 पंचायतों में 72 पंचायतों में बाढ़ का पूर्ण असर देखा जाता है. वहीं शेष 61 पंचायतों में हर साल बाढ़ का आंशिक असर देखा जाता है. प्रशासनिक रिपोर्ट के मुताबिक जिले का 35 प्रतिशत क्षेत्र हर साल बाढ़ से गंभीर रूप से प्रभावित होता है. बाढ़ प्रभावित जिला होने के कारण प्रशासनिक स्तर से समय रहते सभी जरूरी तैयारियों को पूरा करने पर विशेष जोर दिया जा रहा है. विभागीय स्तर से संभावित बाढ़ के दौरान राहत व बचाव संबंधी पहले से उपलब्ध इंतजाम का आकलन किया जा रहा है. वहीं इसे लेकर खाद्य सामग्रियों की दर का निर्धारण, ऊंचे स्थलों का चयन, राहत शिविरों में ठहरने वाले बाढ़ पीड़ितों के रहने, खाने, पीने सहित अन्य जरूरी इंतजामों के साथ मवेशियों के लिये सुरक्षित आश्रय स्थल को चिह्नित किये जाने संबंधी कार्य को अंतिम रूप दिया जा रहा है. वहीं बाढ़ की आशंका वाले चिह्नित इलाकों में राहत व बचाव संबंधी सभी जरूरी इंतजाम समय रहते पूरा करने पर जोर दिया जा रहा है. अपर समाहर्ता सह जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकारी जन्मजेय कुमार ने बताया कि संभावित बाढ़ के दौरान जान-माल की क्षति को नियंत्रित करने को लेकर जरूरी तैयारियां जिले में की जा रही है. सभी प्रखंडों में लगाये गये वर्षा मापक यंत्र को अद्यतन किये जाने का निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिया गया है. इसके अलावा बाढ़ प्रभावित इलाकों में रहने वाले दिव्यांग, गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति, गर्भवती महिलाएं, की सूची तैयार करने के लिये निर्देशित किया गया है. बाढ़ पूर्व सभी जरूरी तैयारियों को इस माह के अंत तक पूरा करने को लेकर जरूरी पहल किये जाने की जानकारी उन्होंने दी. जिले में संभावित बाढ़ खतरों के मद्देनजर प्रशासनिक महकमा सक्रिय हो चुका है. गौरतलब है कि जिले में मानसून के आगमन के साथ हीं बाढ़ का संकट गहराने लगता है. इस वर्ष 10 से 15 जून के बीच जिले में माॅनसून के आगमन का पूर्वानुमान है. ज्ञात हो कि राज्य के बाढ़ प्रभावित 29 जिलों में 15 जिले अतिसंवेदनशील व 14 जिले संवेदनशील जिलों की सूची में शामिल हैं. अररिया बाढ़ प्रभावित राज्य के अतिसंवेदनशील जिलों की सूची में शामिल है. जिला आपदा प्रबंधन विभाग से मिली जानकारी मुताबिक जिले के 09 में से 07 प्रखंडों में हर साल बाढ़ से प्रभावित होते हैं. कुल 211 पंचायतों में 72 पंचायतों में बाढ़ का पूर्ण असर देखा जाता है. वहीं शेष 61 पंचायतों में हर साल बाढ़ का आंशिक असर देखा जाता है. प्रशासनिक रिपोर्ट के मुताबिक जिले का 35 प्रतिशत क्षेत्र हर साल बाढ़ से गंभीर रूप से प्रभावित होता है. बाढ़ प्रभावित जिला होने के कारण प्रशासनिक स्तर से समय रहते सभी जरूरी तैयारियों को पूरा करने पर विशेष जोर दिया जा रहा है. विभागीय स्तर से संभावित बाढ़ के दौरान राहत व बचाव संबंधी पहले से उपलब्ध इंतजाम का आकलन किया जा रहा है. वहीं इसे लेकर खाद्य सामग्रियों की दर का निर्धारण, ऊंचे स्थलों का चयन, राहत शिविरों में ठहरने वाले बाढ़ पीड़ितों के रहने, खाने, पीने सहित अन्य जरूरी इंतजामों के साथ मवेशियों के लिये सुरक्षित आश्रय स्थल को चिह्नित किये जाने संबंधी कार्य को अंतिम रूप दिया जा रहा है. वहीं बाढ़ की आशंका वाले चिह्नित इलाकों में राहत व बचाव संबंधी सभी जरूरी इंतजाम समय रहते पूरा करने पर जोर दिया जा रहा है. अपर समाहर्ता सह जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकारी जन्मजेय कुमार ने बताया कि संभावित बाढ़ के दौरान जान-माल की क्षति को नियंत्रित करने को लेकर जरूरी तैयारियां जिले में की जा रही है. सभी प्रखंडों में लगाये गये वर्षा मापक यंत्र को अद्यतन किये जाने का निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिया गया है. इसके अलावा बाढ़ प्रभावित इलाकों में रहने वाले दिव्यांग, गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति, गर्भवती महिलाएं, की सूची तैयार करने के लिये निर्देशित किया गया है. बाढ़ पूर्व सभी जरूरी तैयारियों को इस माह के अंत तक पूरा करने को लेकर जरूरी पहल किये जाने की जानकारी उन्होंने दी.

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डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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