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हृदय रोग का इलाज कराने अहमदाबाद जा रहे 10 बच्चों के परिजनों से मिले डीएम

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डीएम ने की जल्द स्वस्थ्य होने की कामना

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जिलाधिकारी ने बच्चों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हुए बेहतर भविष्य की दीं शुभकामनाएं फोटो-24-बच्चे व परिजन से मिलते जिलाधिकारी.

प्रतिनिधि, अररिया

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत हृदय रोग से ग्रसित जिले के 10 बच्चों को जरूरी इलाज के लिए अहमदाबाद भेजा गया है. शुक्रवार को जिलाधिकारी अनिल कुमार सभी बीमार बच्चों के परिजनों से मिले. जिलाधिकारी ने बच्चों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की. राजधानी पटना स्थित इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी में जरूरी जांच के बाद सभी बीमार बच्चे गुजरात के अहमदाबाद स्थित सत्य साई हॉस्पिटल के लिए रवाना होंगे. बच्चों के इलाज से लेकर परिवहन संबंधी सारा खर्च राज्य सरकार वहन करेगी. इस मौके पर जिलाधिकारी अनिल कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत संचालित बाल हृदय योजना का मुख्य उद्देश्य हृदय रोग से ग्रसित 0 से 18 साल तक के बच्चों को उच्चतर स्तर की चिकित्सा सुविधा प्रदान करना है. जिलाधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार आर्थिक तंगी या किसी अन्य कारणों से बच्चों का इलाज कराने में असक्षम लोगों को जरूरी मदद उपलब्ध कराने के प्रति प्रतिबद्ध है. हमारा उद्देश्य बच्चों को समय पर उचित इलाज उपलब्ध कराना है. ताकि वे जल्द स्वस्थ हो सकें व सामान्य जीवन जी सकें. बच्चों को रवाना करते हुए जिलाधिकारी अनिल कुमार ने सभी बच्चों को उनके बेहतर भविष्य की शुभकामनाएं दी. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत 0 से 18 साल तक के चर्मरोग, दांत, आंख, श्वसन संबंधी विकार, जन्मजात विकलांगता, बच्चे के कटे होंठ व तालू सहित कई अन्य रोगों नि:शुल्क इलाज का प्रावधान है. आम लोगों को इसके प्रति जागरूक होने व दूसरे को भी इसके प्रति जागरूक करने की जरूरत है. सरकार की ये पहल ना सिर्फ बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने का प्रयास है, बल्कि समाज के कमजोर वर्ग को ये एहसास दिलाता है उनके बच्चों का भविष्य सुरक्षित हाथों में है. सरकार का ये कदम उन परिवारों के लिये आशा की किरण है. जो अपने बच्चों के इलाज के लिये संघर्ष कर रहे हैं. मौके पर सिविल सर्जन डॉ केके कश्यप, डीपीएम संतोष कुमार, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला समन्वयक डॉ प्रशांत कुमार सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मी मौजूद थे. सिविल सर्जन डॉ केके कश्यप ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत संचालित मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के तहत हृदय रोग से ग्रसित ग्रसित बच्चों के नि:शुल्क इलाज का प्रावधान है. जिले में अब तक दर्जनों बच्चे योजना का लाभ उठाते हुए सामान्य जीवन जी रहे हैं.

विभिन्न स्तरों पर होती है जांच

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला समन्वयक प्रशांत कुमार ने बताया कि बीमार बच्चों को चिह्नित करने के लिए आरबीएसके की टीम नियमित अंतराल पर विभिन्न स्तरों पर बच्चों के स्वास्थ्य की जांच करती है. टीम में दो चिकित्सक, एक फार्मासिस्ट व एक एएनएम शामिल होते हैं. इसके लिए 0 से 6 साल तक के बच्चों में रोग का पता लगाने के लिये आंगनबाड़ी स्तर पर व 6 से 18 साल तक के बच्चों में रोग का पता लगाने के लिए विद्यालय स्तर पर नियमित अंतराल पर स्वास्थ्य जांच शिविर आयोजित किये जाने की जानकारी उन्होंने दी.

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डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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