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बिहार: पैक्स में वोटर बनने के लिए अब होगा ऑनलाइन आवेदन, अध्यक्षों को अब आवेदन रद्द करने का बताना होगा कारण

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पूर्व में पैक्स अध्यक्ष अपने चहेते वोटरों को ही वोटर बनाने की अनुशंसा करते थे. नापसंद वोटरों के आवेदन को रद्द कर देते थे. लेकिन अब ऐसा करने पर पैक्स अध्यक्षों को कारण बताना पड़ेगा.

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बिहार में पैक्स चुनावों के लिए वोटर बनाने के नियम में सहकारिता विभाग ने बदलाव कर दिया है. वोटर बनने के लिए अब ऑफलाइन आवेदन नहीं होगा. वोटर बनने की चाहत रखने वाले किसानों को अब ऑनलाइन आवेदन करना होगा. वोटरों की पूरी जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध रहेगी. पैक्स अध्यक्ष अगर ऑनलाइन आवेदन करने वाले वोटरों के आवेदन को रद्द करते हैं, तो इसका उन्हें कारण भी बताना होगा. बिना कारण बताये ऑनलाइन आवेदन करने वाले आवेदकों के आवेदन रद्द नहीं होंगे.

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सहकारिता मंत्री की बैठक में लिया गया निर्णय

पूर्व में पैक्स अध्यक्ष अपने चहेते वोटरों को ही वोटर बनाने की अनुशंसा करते थे. नापसंद वोटरों के आवेदन को रद्द कर देते थे. इसी कारण अब पैक्स में वोटर बनने के लिए यह निर्णय लिया गया है. यह निर्णय सहकारिता मंत्री सुरेंद्र यादव की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया. बैठक में सहकारिता सचिव बंदना प्रेयषी, रजिस्ट्रार राजेश मीणा आदि मौजूद थे.

आवेदन रद्द होने पर सहकारिता कोर्ट जा सकते हैं वोटर

आवेदन रद्द होने पर भी अब वोटरों के पास सहकारिता कोर्ट जाने का अधिकार होगा. पूर्व में वोटरों के पास यह अधिकार नहीं था. अगर पैक्स अध्यक्ष ऑनलाइन आवेदन को रद्द करने की अनुशंसा करते हैं, तो वोटर सहकारिता सचिव या सहकारिता मंत्री के न्यायालय में जा सकते हैं. इसके बाद मामले की जांच होगी. जांच में अगर पैक्स अध्यक्ष दोषी पाये जायेंगे तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी.

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वित्तीय अनियमितताओं की जांच तेज करने का आदेश

सहकारिता विभाग की ओर से जिलों में पैक्स भवनों का निर्माण हो रहा है. इसमें कहीं जमीन तो कहीं अन्य विवादों के कारण निर्माण कार्य रुक गये हैं. मंत्री ने विवादों का निबटारा कर शीघ्र कार्यों को पूर्ण करने का निर्देश दिया. वित्तीय अनियमितता करने वाले पैक्स अध्यक्षों की जांच तेज करने की बात कही. इसके साथ ही बीते वर्ष हुई धान की खरीद की मंत्री ने समीक्षा की.

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