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बिहार में अगले साल से फॉग से ठनके तक का अलर्ट हो सकेगा जारी, अमेरिकी वैज्ञानिकों ने लिया तैयारियों का जायजा

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योजना यह है कि फॉग अलर्ट कम से कम पांच दिन पहले जारी किया जा सके. इसके लिए पंचायत स्तर पर प्रति किलोमीटर क्षैतिज ग्रिड दूरी पर मौसम अनुसंधान और पूर्वानुमान मॉडल विकसित किया जाएगा. तैयारियों का जायजा लेने अमेरिकी मौसम वैज्ञानिकों की एक टीम सोमवार को बिहार पहुंची.

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पटना. बिहार में फॉग से अलर्ट जारी करने की तैयारी चल रही है. उम्मीद है कि अगले साल से फॉग अलर्ट जारी हो सकेगा. फॉग अलर्ट के लिए अमेरिका की एजेंसी नेशनल सेंटर फॉर एटमॉस्फेरिक रिसर्च (एनसीएआर) से मदद ली जा रही है. योजना यह है कि फॉग अलर्ट कम से कम पांच दिन पहले जारी किया जा सके. इसके लिए पंचायत स्तर पर प्रति किलोमीटर क्षैतिज ग्रिड दूरी पर मौसम अनुसंधान और पूर्वानुमान मॉडल विकसित किया जाएगा. तैयारियों का जायजा लेने अमेरिकी मौसम वैज्ञानिकों की एक टीम सोमवार को बिहार पहुंची. योजना एवं विकास मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव के साथ अमेरिकी अधिकारियों की बैठक भी हुई.इसमें पूरी योजना पर विस्तार से चर्चा हुई. इस साल ठंड के मौसम में इसका ट्रायल होगा और अगले साल से यह राज्य में पूरी तरह से कार्यान्वित होगी.

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कोहरे-धुंध को लेकर ऐसी कोई तकनीक नहीं

बिहार में इस समय बारिश, ठंड, तापमान, बिजली गिरने का पूर्वानुमान तो जारी किया जा रहा है, लेकिन कोहरे-धुंध को लेकर ऐसी कोई तकनीक नहीं है. ऐसे में इस विषय पर सरकार चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रही. लेकिन, पिछले दिनों विभाग ने अमेरिकी संस्था की मदद लेने का निर्णय लिया गया. इस प्रक्रिया में अमेरिकी उच्च तकनीक के आधार पर एक मशीन लर्निंग आधारित प्रणाली विकसित करना है जो इससे जुड़े डेटा को संग्रहित करती है और फिर उस आधार पर कोहरे का पूर्वानुमान जारी किया जाएगा. इसके लिए जमीनी स्तर के मौसम अवलोकन, मौसम पूर्वानुमान और उपग्रह-आधारित रिमोट सेंसिंग से प्रमाणिक पूर्वानुमान निर्धारित किया जाएगा.

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फरवरी में ही कैबिनेट ने दी थी मंजूरी

बिहार कैबिनेट ने फरवरी में ही यूएस नेशनल सेंटर फॉर एटमॉस्फेरिक रिसर्च (यूएस-एनसीएआर) के सहयोग से घने कोहरे और शीत लहर की स्थिति के लिए प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली विकसित करने के लिए 50,000 अमेरिकी डॉलर की मंजूरी दी थी. कैबिनेट ने राज्य सरकार और यूएस-एनसीएआर द्वारा संयुक्त रूप से किए जाने वाले कार्यों के तकनीकी समर्थन के लिए 50,000 अमेरिकी डॉलर (लगभग 41.41 लाख रुपये) को मंजूरी दी थी. इसके बाद राज्य सरकार और एनसीएआर के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये गये. इसमें कहा गया कि परियोजना के लिए 50,000 अमेरिकी डॉलर की मंजूरी का प्रस्ताव योजना और विकास विभाग द्वारा रखा गया.

कॉल सेंटर और एप के माध्यम से किया जायेगा अलर्ट

समझौता ज्ञापन में कहा गया है कि प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली जलवायु परिवर्तन अनुकूलन और आपदा जोखिम में कमी के प्रमुख तत्व हैं, और इसका उद्देश्य चरम मौसम की स्थिति से होने वाले नुकसान से बचना या कम करना है. बयान में कहा गया कि बिहार मौसम सेवा केंद्र (बीएमएसके) एक ऐप विकसित कर रहा है जिसके माध्यम से लोगों को घने कोहरे और शीत लहर की स्थिति की पूर्व चेतावनी दी जाएगी. इसके अलावा, बीएमएसके के कॉल सेंटर के माध्यम से भी लोगों को इस संबंध में जानकारी प्रदान की जाएगी.

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