16.1 C
Ranchi
Saturday, February 8, 2025 | 12:43 am
16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Agriculture News बिहार की शान ‘मर्चा धान’ का तीन वर्षों में बढ़ा डेढ़ गुना की खेती, जानिए क्या है इसकी विशेषता

Advertisement

मरचा धान की खेती से जुड़े मैनुद्दीन अंसारी का कहना है कि वह पिछले वर्ष इस प्रजाति के धान की खेती जैविक पद्धति से ही कर रहे हैं, लेकिन उपज में कोई अंतर नहीं आ रहा है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

अपने स्वाद एवं विशेष तरह की महक के लिए प्रसिद्ध मरचा धान (Marcha Rice) अब कई और किसानों का चहेता बन गया है. मैनाटांड़ प्रखंड में इस धान की खेती का रकबा लगातार बढ़ने लगा है. खेती का रकबा बढ़ने का मुख्य कारण कम लागत में अधिक आमदनी है.पश्चिम चंपारण के मरचा धान को जीआइ टैग मिलने के बाद प्रखंड में इसकी खेती का रकबा बढ़ गया है. अधिसूचना जल्द ही आएगी.आधिकारिक जानकारी मिलने के बाद से ही इसकी खेती करने वाले किसानों में उत्साह है. पिछले तीन वर्षों में इस धान की खेती करीब डेढ़ गुना बढ़ गयी है.

- Advertisement -

तीन वर्ष पहले किसानों ने 75 एकड़ रकबा में मरचा धान की खेती की थी. अब यह बढ़कर 125 एकड़ हो गयी है.  छह की जगह 20 किसानों ने इसकी खेती की. मैनाटांड़ में इस धान का उत्पादन काफी तादाद में हो गया है. पारंपरिक तौर पर मरचा धान की खेती से जुड़े सिंगासनी के प्रगतिशील किसान व मरचा धान उत्पादक समूह के अध्यक्ष लक्ष्मी प्रसाद कुशवाहा की माने तो मरचा धान की खेती करने वाले किसानों की संख्या आने वाले समय में और अधिक बढ़ने वाली है. इसका मुख्य कारण खेती की लागत में कमी और ज्यादा आमदनी है.

जैविक पद्धति से हो रही मरचा धान की खेती

इस धान की खेती की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि मरचा धान की खेती जैविक पद्धति से ही होने लगी है. मरचा धान की खेती से जुड़े मैनुद्दीन अंसारी का कहना है कि वह पिछले वर्ष इस प्रजाति के धान की खेती जैविक पद्धति से ही कर रहे हैं, लेकिन उपज में कोई अंतर नहीं आ रहा है. उनके अनुसार इस धान की खेत में रासायनिक खाद का इस्तेमाल किया जाता है, तो इसमें अप्रत्याशित बढ़वार होगा, जो उत्पादन के हिसाब से बेहतर नहीं है. किसान यदि चाहे, तो धान की रोपाई के समय 10 फीसदी डीएपी का इस्तेमाल कर सकते हैं.

किसानों को मिल रही अधिक आय

पिछले वर्ष मरचा धान की खेती से जुड़े मैनाटांड़ सिंगासनी के किसान राघव प्रसाद कुश्वाहा की माने, तो मरचा धान की खेती में लागत कम आती है और उसकी तुलना में आमदनी ज्यादा. मरचा धान अन्य धान से तीन गुना अधिक रुपये में बिकता है. प्रखंड के पिराड़ी, सकरौल, बहुअरवा, झझरी, पिपरपाती, बरवा, दिउलिया एवं सिसवा गांव के ईश्वर चंद्र प्रसाद, मैनुद्दीन अंसारी, चंद्रिका पटेल, मुनिलाल, वीरेन्द्र यादव, जसौली के हरक थारू बताते हैं कि मरचा धान की खेती इस क्षेत्र के किसानों के हित में है.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें