21.2 C
Ranchi
Saturday, February 8, 2025 | 07:34 pm
21.2 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Agriculture News: शीतलहर ने बिगाड़ी खेती-किसानी की सेहत, आलू को मारा पाला, सरसों पर लाही ने किया हमला

Advertisement

सैकड़ो एकड़ में लगी आलू की फसल शीतलहर से बीमार होने के कारण किसानों को पूंजी डूबने की चिंता सताने लगी है. दरअसल, कोहरा व कनकनी से फसलों पर आफत आ गई है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

कड़ाके की ठंड व शीतलहर ने खेती-किसानी की सेहत बिगाड़ दी है. शीतलहर के कारण अमूमन रबी की कमोबेश सभी फसलें प्रभावित हैं. आलू की फसलों को जहां पाला मारने लगा है, वहीं सरसों की फसल को लाही कीट ने जकड़ना शुरू कर दिया है. इधर, मौसम में अभी बदलाव के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं. इससे किसानों की चिंता बढ़ी हुई है. हालांकि किसान बीमार हो रही फसलों के उपचार की पूरी कोशिश कर रहे हैं, पर इस बार मौसम का तेवर देख उन्हें पूंजी डूबने की चिंता भी सता रही है. यह अलग बात है कि विभागीय स्तर पर ठंड से फसलों के बचाव के लिए किसानों को जानकारी देकर जागरूक भी किया जा रहा है.

- Advertisement -

दरअसल, इस साल ठंड ने प्रचंड रूप ले लिया है, जो आम इंसानों के साथ फसलों के लिए भी बड़ा खतरा बन गया है. आलम यह है कि जिले में पिछले एक पखवारे से मौसम अधिक खराब चल रहा है. इस मौसम का असर अब खेती पर भी दिखाई दे रहा है. आलू की फसलों में कहीं पाला मार दिया है, तो कहीं झुलसा जैसा रोग लग गया है. इधर सरसों की फसल पर लाही का हमला शुरू हो गया है, तो सब्जी में गलवा जैसे रोग का प्रकोप देखा जा रहा है. किसानों की मानें, तो इन फसलों में आलू की फसल सबसे ज्यादा लागतवाली मानी जाती है और किसानों को सबसे ज्यादा इसी की चिंता है. याद रहे कि शहर से हटकर हरदा, रानीपतरा, दीवानगंज आदि इलाकों में आलू की सर्वाधिक खेती होती है. इसमें सबसे अधिक खाद यूरिया एवं कीटनाशक का प्रयोग करना होता है. इससे मेहनत के साथ-साथ व्यय भी बढ़ जाता है.

ब्रेक नहीं लगा, तो होगा बड़ा नुकसान

रानीपतरा और दीवानगंज के किसानों की मानें तो अगर ठंड की रफ्तार पर ब्रेक नहीं लगा, तो आलू को बचा पाना बहुत मुश्किल होगा. तब किसानों की पूंजी डूबनी तय है, पर यदि आलू किसी तरह बच भी गया तो उसकी गुणवत्ता पर असर हो जाएगा. एक तो इसका ग्रोथ अपेक्षाकृत कम होगा और फिर इसका स्वाद भी बदल जायेगा. इससे आलू के दाम बाजार में नहीं मिलेंगे और फिर लागत निकालना कठिन हो जायेगा. किसानों की मानें, तो औसतन 50 फीसदी फसलें रोग की चपेट में आ गयी हैं. आलू का पौधा मुरझा कर सूखने लगा है, जो अच्छा संकेत नहीं है. किसानों ने इस स्थिति में 30 फीसदी तक तक उत्पादन में कमी आने की आशंका जतायी है. उधर, सरसों फसल को लाही ने प्रभावित करना शुरू कर दिया है. किसानों ने बताया कि लाही के कारण सरसों में भी नुकसान देखा जा रहा है.

फफूंदीनाशक का इस्तेमाल: डाॅ पारसनाथ

भोला पासवान शास्त्री कृषि काॅलेज के प्राचार्य डाॅ पारसनाथ बताते हैं कि आलू के लिए झुलसा रोग सबसे ज्यादा नुकसानदायक होता है. ठंड बढ़ने एवं पश्चिम की ओर से चलनेवाली ठंडी हवा के कारण आलू फसल में झुलसा रोग का प्रकोप बढ़ सकता है. इस समय अगेती अंगमारी रोग हो जाता है, जो आल्टरनेरिया सोलेनाई नामक कावक से होता है. इसके लक्षण 3-4 हफ्ते बाद प्रकट होने के कारण ही इसे अगेती अंगमारी रोग कहा जाता है. इसमें सबसे पहले पौधों की निचली पत्तियों पर छोटे-छोटे दूर-दूर बिखरे हुए कोणीय आकार के चकत्ते या धब्बे के रूप में दिखायी देते हैं, जो बाद में कवक की गहरी हरीवृद्धि से ढक जाते हैं.

यह धब्बे तेजी से बढ़ते हैं और ऊपर की पत्तियों पर भी बन जाते हैं. रोग का जबरदस्त प्रकोप होने पर पत्तियां सिकुड़कर जमीन पर गिर जाती हैं. किसानों को इसमें फफूंदीनाशक का इस्तेमाल करना चाहिए. इसके तहत डाइथेन एम-45 (2.5 से 3 ग्राम प्रति लीटर पानी में या जिनेव या डाइथे जेड-78 दो ग्राम प्रति लीटर पानी में अथवा रिडोमिल एम जेड (2.5 से 3 ग्राम प्रति लीटर पानी में ) देकर छिड़काव करना चाहिए. अगर सिंचाई की आवश्यकता है, तो किसान हल्की सिंचाई करें. अगर फसल पर कीट जैसे लाही, कजरा इत्यादि का प्रकोप दिखाई दे तो इमिडाक्लोप्रीड (1 एम०एल० / 3 लीटर पानी में) का छिड़काव करना चाहिए .

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें