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Bihar News: शराब मामले में अब तक 808 कर्मियों पर कार्रवाई, पिछले वर्ष की अपेक्षा शराब की रिकवरी दर अधिक

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पटना. शराबंबदी कानून को लेकर मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक के बाद डीजीपी एसके सिंघल ने बताया कि पिछले वर्षों की तुलना में इस बार शराब की रिकवरी दर काफी बढ़ गयी है. पिछले वर्षों की तुलना में 85 फीसदी देसी और 45 फीसदी विदेशी शराब की रिकवरी बढ़ी है. उन्होंने कहा कि शराब की होम डिलेवरी पर खासतौर नजर रखी जा रही है. पटना में विशेष चौकसी है.

जेल से वापस आकर फिर करते यही धंधा : डीजीपी ने कहा कि शराब तस्करी या अवैध धंधे में शामिल जो लोग पकड़े जाते हैं, वे जेल से बेल पर बाहर आकर फिर इसी धंधे में लग जाते हैं. गोपालगंज वाले मामले में भी गिरफ्तार एक व्यक्ति कुछ दिनों पहले ही जेल से छूट कर आया था और फिर से इस अवैध धंधे में जुट गया था. ऐसे लोगों पर खासतौर से नजर रखने के लिए सभी थानों को कहा गया है.

सरकारी कर्मियों के खिलाफ अब तक 400 एफआइआर

शराबबंदी कानून का उल्लंघन करने के आरोप में अब तक सभी विभागों में सभी रैंक के 808 अधिकारियों एवं कर्मियों पर कार्रवाई हो चुकी है. सरकारी कर्मियों के खिलाफ अब तक 400 एफआइआर हो चुकी है. 259 को सेवा से बर्खास्तगी, जेल जैसे वृहद दंड दिये जा चुके हैं. डीजीपी ने बताया कि अब तक 60 थानेदारों को डिबार कर दिया गया है और उनकी 10 सालों तक किसी थाने में पोस्टिंग नहीं होगी. 206 पुलिस कर्मियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है, जिसमें दो इंस्पेक्टर, 30 दारोगा, 37 जमादार, 128 सिपाही और नौ चौकीदार शामिल हैं.

मंत्रियों ने कहा, और सख्ती की जरूरत

समीक्षा बैठक के दौरान कई मंत्रियों ने और ज्यादा सख्ती बरतने की जरूरत बतायी. उत्तर बिहार क्षेत्र से आने वाले कुछ मंत्रियों ने कहा कि थाने की मदद से उनके क्षेत्र में दारू खुलेआम मिलती है. इस पर तुरंत सख्ती बरतने की जरूरत है. उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा कि उनके क्षेत्र भागलपुर में शराब के अलावा ड्रग्स का प्रसार तेजी से बढ़ता जा रहा है. वहीं, पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि पटना और आसपास के इलाकों में रेलवे लाइनों के किनारे अवैध शराब के अलावा ड्रग्स का बड़े स्तर पर कारोबार पसरता जा रहा है. इस पर नकेल कसने की जरूरत है.

‘लालू शराबबंदी के मुद्दे पर लड़ें अगला चुनाव’

राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि लालू प्रसाद में यदि हिम्मत हो तो घोषणा करें कि उनकी पार्टी अगला चुनाव शराबबंदी के मुद्दे पर लड़ेगी. अगर उन्हें गलती से सत्ता मिल ही गयी, तो पहली घोषणा पूर्ण मद्य निषेध को खत्म करने की होगी.सांसद ने कहा कि जिन राज्यों में शराबबंदी नहीं है, वहां भी जहरीली शराब से मौत की दुखद घटनाएं हुई हैं.

‘शराबबंदी को बना दिया थानेदारों के गले की फांस’

पटना. बिहार में शराबबंदी को लेकर सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में चली मैराथन बैठक के बाद लिये गये निर्णय ने थानेदारों के गले की फांस बन गया है. प्रदेश कांग्रेस मीडिया कमेटी के चेयरमैन राजेश राठौड़ ने कहा कि मैराथन बैठक के बाद सरकार ने जो निष्कर्ष प्रस्तुत किया है उसमें सिर्फ पॉलिटिकल ड्रामेबाजी ही करार दिया जा सकता है.

Posted by: Radheshyam Kushwaha

पटना. शराबंबदी कानून को लेकर मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक के बाद डीजीपी एसके सिंघल ने बताया कि पिछले वर्षों की तुलना में इस बार शराब की रिकवरी दर काफी बढ़ गयी है. पिछले वर्षों की तुलना में 85 फीसदी देसी और 45 फीसदी विदेशी शराब की रिकवरी बढ़ी है. उन्होंने कहा कि शराब की होम डिलेवरी पर खासतौर नजर रखी जा रही है. पटना में विशेष चौकसी है.

जेल से वापस आकर फिर करते यही धंधा : डीजीपी ने कहा कि शराब तस्करी या अवैध धंधे में शामिल जो लोग पकड़े जाते हैं, वे जेल से बेल पर बाहर आकर फिर इसी धंधे में लग जाते हैं. गोपालगंज वाले मामले में भी गिरफ्तार एक व्यक्ति कुछ दिनों पहले ही जेल से छूट कर आया था और फिर से इस अवैध धंधे में जुट गया था. ऐसे लोगों पर खासतौर से नजर रखने के लिए सभी थानों को कहा गया है.

सरकारी कर्मियों के खिलाफ अब तक 400 एफआइआर

शराबबंदी कानून का उल्लंघन करने के आरोप में अब तक सभी विभागों में सभी रैंक के 808 अधिकारियों एवं कर्मियों पर कार्रवाई हो चुकी है. सरकारी कर्मियों के खिलाफ अब तक 400 एफआइआर हो चुकी है. 259 को सेवा से बर्खास्तगी, जेल जैसे वृहद दंड दिये जा चुके हैं. डीजीपी ने बताया कि अब तक 60 थानेदारों को डिबार कर दिया गया है और उनकी 10 सालों तक किसी थाने में पोस्टिंग नहीं होगी. 206 पुलिस कर्मियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है, जिसमें दो इंस्पेक्टर, 30 दारोगा, 37 जमादार, 128 सिपाही और नौ चौकीदार शामिल हैं.

मंत्रियों ने कहा, और सख्ती की जरूरत

समीक्षा बैठक के दौरान कई मंत्रियों ने और ज्यादा सख्ती बरतने की जरूरत बतायी. उत्तर बिहार क्षेत्र से आने वाले कुछ मंत्रियों ने कहा कि थाने की मदद से उनके क्षेत्र में दारू खुलेआम मिलती है. इस पर तुरंत सख्ती बरतने की जरूरत है. उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा कि उनके क्षेत्र भागलपुर में शराब के अलावा ड्रग्स का प्रसार तेजी से बढ़ता जा रहा है. वहीं, पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि पटना और आसपास के इलाकों में रेलवे लाइनों के किनारे अवैध शराब के अलावा ड्रग्स का बड़े स्तर पर कारोबार पसरता जा रहा है. इस पर नकेल कसने की जरूरत है.

‘लालू शराबबंदी के मुद्दे पर लड़ें अगला चुनाव’

राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि लालू प्रसाद में यदि हिम्मत हो तो घोषणा करें कि उनकी पार्टी अगला चुनाव शराबबंदी के मुद्दे पर लड़ेगी. अगर उन्हें गलती से सत्ता मिल ही गयी, तो पहली घोषणा पूर्ण मद्य निषेध को खत्म करने की होगी.सांसद ने कहा कि जिन राज्यों में शराबबंदी नहीं है, वहां भी जहरीली शराब से मौत की दुखद घटनाएं हुई हैं.

‘शराबबंदी को बना दिया थानेदारों के गले की फांस’

पटना. बिहार में शराबबंदी को लेकर सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में चली मैराथन बैठक के बाद लिये गये निर्णय ने थानेदारों के गले की फांस बन गया है. प्रदेश कांग्रेस मीडिया कमेटी के चेयरमैन राजेश राठौड़ ने कहा कि मैराथन बैठक के बाद सरकार ने जो निष्कर्ष प्रस्तुत किया है उसमें सिर्फ पॉलिटिकल ड्रामेबाजी ही करार दिया जा सकता है.

Posted by: Radheshyam Kushwaha

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