26.4 C
Ranchi
Saturday, February 8, 2025 | 03:20 pm
26.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Bhagalpur: अब खुलेगा महर्षि मेंही की भूलभुलैया का राज, ह्वेनसांग ने किया है बुद्धकालीन गुफा का वर्णन

Advertisement

Bhagalpur: महर्षि मेंहीं की भूलैया गुफा का राज अब जल्दी ही खुलने वाला है. बुद्धकालीन इस गुफा का वर्णन चीनी यात्री ह्वेनसांग ने भी किया है. कुप्पाघाट स्थित इस ऐतिहासिक गुफा को संरक्षित कराने का काम शुरू हो गया है. इस दौरान इसके रहस्यों पर भी रोशनी पड़ने की संभावना है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Bhagalpur: दीपक राव, भागलपुर. महासभा के महामंत्री दिव्य प्रकाश ने बताया कि कुप्पाघाट का मूल अर्थ नदी के किनारे की गुफा होता है. इस गुफा का उपयोग संतमत के संस्थापक सद्गुरु महर्षि मेहीं परमहंस ने ध्यान के लिए किया था. मार्च 1933 से नवंबर 1934 तक इस गुफा में कठिन तपस्या उन्होंने की थी. यह गुफा आज भी लोगों के लिए एक रहस्य और कुप्पाघाट आस्था का केंद्र है. महर्षि को इसी गुफा में साधना के दौरान ईश्वर से साक्षात्कार हुआ. उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई. साधना के बल पर आत्मसाक्षात्कार किया. कुप्पाघाट बाद के सालों में महर्षि मेहीं आश्रम के रूप में परिवर्तित हो गया. अब यह देश ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में फैले करोड़ों फॉलोअर्स के आस्था का केंद्र बन गया है. यह एक ऐतिहासिक गुफा है.

- Advertisement -

पेड़ों की जड़ों व बारिश के पानी से हुआ प्रतिकूल असर

महामंत्री दिव्य प्रकाश ने बताया कि ऐतिहासिक महत्व वाला गुफा भागलपुर ही नहीं, बल्कि देश के लिए धरोहर है. गुफा के आसपास लगे पेड़ व ऊपर पर बारिश का प्रतिकूल असर देखने को मिल रहा था. पेड़ों की जड़ें अंदर तक पहुंच रही थी और नीचे नमी के कारण मिट्टी गिरने लगी थी.

10 लाख की राशि खर्च कर होगी संरक्षित

स्वामी प्रमोद जी महाराज निजी राशि से गुफा के ऊपरी एवं बाहरी हिस्सों को संरक्षित करने के लिए फोम कंक्रीट ढलाई एवं अलकतरा सीट का इस्तेमाल किया जायेगा. इसे लेकर कार्य प्रगति पर है. लगभग 10 लाख की राशि खर्च होने का अनुमान है. पटना के विशेषज्ञ ईं उज्जवल कुमार का मार्गदर्शन मिल रहा है. बालू, गिट्टी, सिमेंट की ढलाई काफी वजनदार ना हो. गुफा पर अनावश्यक पर दबाब नहीं बढ़े. इसका पूरा ख्याल रखा जा रहा है. इसलिए छः इंच मिट्टी हटाकर फोम कांक्रीट की ढलाई और अलकतरा शीट से इसे पूरी तरह पैक कर दिया जायेगा. फिर हल्की मिट्टी डालकर घास लगा दिया जायेगा.

Also Read: Sarhasa : बिहार के इस अनोखे मंदिर में ब्राह्मण नहीं होते पुरोहित, नाई कराते हैं पूजा

गुफा का रहस्य : भूलभुलैया सी दिखती है गुफा

इस गुफा को अक्सर बंद ही रखा जाता है. यह गुफा काफी रहस्यों को अपने अंदर समेटे हुए है. यह गुफा मुंगेर तक गयी है और अंदर प्रवेश करने के बाद लोग इसे आसानी से नहीं समझ पाते हैं कि कितनी जगहों पर ये अलग-अलग दिशा में निकली है. एक तरह यह भूलभुलैया ही है. बताया जाता है कि एक रास्ता इस गुफा के अंदर से विक्रमशिला तक भी जाता है. हालांकि इसका कोई प्रमाण नहीं है कि ये गुफा कब और किसने बनायी. इस कारण इस सुरंग की महत्ता काफी है. भगवान महावीर और भगवान बुद्ध के भी ध्यान करने की चर्चा है. जबकि इस गुफा के अंदर प्रवेश करने पर कोई घुटन वगैरह महसूस नहीं होता है. मिट्टी की सुरंग है। लेकिन अभी तक पूरी तरह ठीक है. हर जगह स्वच्छ है. भूकंप का भी प्रभाव इस गुफा पर नहीं होता है. फिर भी यहा कई महान विभूतियों के यहां रहने के प्रमाण मिले हैं.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें