15.1 C
Ranchi
Saturday, February 8, 2025 | 10:15 am
15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Purnia news : फोर स्टार के जमींदोज होने के साथ ही मिट गयी पूर्णिया की एक और पहचान

Advertisement

Purnia news : 25 नवंबर, 1984 को इस सिनेमाघर में शो की शुरुआत हुई थी. पहली फिल्म थी अमिताभ बच्चन और जयाप्रदा अभिनीत शराबी.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Purnia news : पूर्णिया का फोर स्टार सिनेमा शुक्रवार को एक झटके में जमींदोज हो गया. जमींदोज होने का वीडियो सोशल प्लेटफॉर्म पर वायरल होते ही लोगों की आहें निकल गयीं. जिस किसी ने भी यह वीडियो देखा, उनके लिए अपने बीते दिनों में इस सिनेमाघर से जुड़ी अपनी भावनाओं को रोक पाना संभव नहीं हो था. दरअसल, 1770 में स्थापित पूर्णिया जिले के प्राचीनतम इतिहास की बातें तो हमेशा से होती आयी हैं. जिले के नामकरण से लेकर, पर्यावरण, संस्कृति और जीवनशैली की बातें इतिहास के पन्नों में दर्ज हैं, लेकिन समय के साथ आये बदलावों की जब बात चलती है, तो उसमें शुरुआत के नामों में एक बड़ा नाम आता है, उस सिनेमाघर का जिसकी पहचान पूरे उत्तर बिहार के इकलौते सबसे बड़े और आधुनिकतम सिनेमा घर के रूप में थी. जिले में इस सिनेमाघर की स्थापना उन दिनों की गयी थी, जब पूरे देश में हिंदी सिनेमा अपने चरम पर था. 80 के दशक में ख्यातिलब्ध सर्जन डॉ मोहन राय द्वारा स्थापित इस सिनेमाघर का नाम था फोर स्टार. चूंकि डॉ मोहन राय ज्यादातर अमेरिका में ही रहा करते थे, तो यहां के कारोबार को गति देने के लिए उनके भाई कुमार राय ने बीड़ा उठाया और लगभग 30 वर्षों तक लगातार सिनेमा प्रदर्शन का दौर चलता रहा.

- Advertisement -

वर्ष 1984 में शराबी फिल्म के साथ शो की हुई थी शुरुआत

स्थानीय लोग बताते हैं कि 25 नवंबर, 1984 को इस सिनेमाघर में शो की शुरुआत हुई थी. पहली फिल्म थी अमिताभ बच्चन और जयाप्रदा अभिनीत शराबी. पहली बार बड़े-बड़े शहरों के तर्ज पर विशाल दो मंजिला और आलीशान सिनेमाघर में फिल्म देखनेवालों से ज्यादा सिनेमा हाल को देखने के लिए हर रोज भीड़ उमड़ती थी. सिनेमा देखनेवालों के लिए 70 एमएम के परदे, आरामदायक गद्देदार और आगे-पीछे मूव करनेवाली कुर्सियों के साथ साथ चौतरफा ऑडियो साउंड किसी रोमांच से कम महसूस नहीं होता था. लोग बताते हैं शुरुआती 15 दिनों तक हर शो के लिए चार से पांच घंटे पहले से ही फिल्म देखने वालों की कतार लग जाती थी.

मध्यमवर्गीय को सिनेमा हॉल तक खींचने में कामयाब रहा फोर स्टार

उन दिनों टेलीविजन अपनी शैशवावस्था में था. मनोरंजन का सहज, सुलभ और आकर्षक केंद्र बनकर फोरस्टार सिनेमा घर उत्तर बिहार के तकरीबन दर्जन भर जिलों में बहुत जल्द प्रसिद्ध हो गया. साथ ही इस जिले की चर्चा को इस सिनेमाघर ने दूर-दूर तक पहुंचाने का काम किया. इस सिनेमाघर ने वैसे मध्यमवर्गीय लोगों को अपनी ओर खींचने में कामयाबी हासिल की, जिनका तत्कालीन सिनेमाघरों में फिल्म देख पाना मुश्किल था.

वर्ष 2015 से फिल्मों का प्रदर्शन हुआ बंद

पूरे फिल्म इंडस्ट्री में आयी गिरावट का असर धीरे-धीरे यहां भी पहुंचा और घटती दर्शकों की संख्या और मनोरंजन के बदलते स्वरूप ने इसे घाटे का सौदा बना दिया और लगभग 30 वर्षों के सफर में वर्ष 2015 से यहां फिल्मों का प्रदर्शन पूरी तरह से बंद हो गया. इसके साथ ही यहां से जुड़े लगभग सौ से भी ज्यादा लोगों को रोजी-रोजगार के लिए कोई दूसरा रास्ता इख्तियार करना पडा. बाद के दिनों में सिनेमाघर समेत इसके संपूर्ण परिसर की बिक्री कर दी गयी और आखिरकार एक नयी शुरुआत को लेकर पूरी बिल्डिंग को ध्वस्त कर दिया गया. आज भले ही जिले की विकास यात्रा में शुरुआती मील का पत्थर ध्वस्त हो गया हो, लेकिन तीन पीढ़ियों का मनोरंजन करनेवाला यह सिनेमाघर हमेशा पूर्णियावासियों की यादों में जीवित रहेगा.

अब यादों में ही रहेग फोर स्टार

फोर स्टार को लेकर यहां के स्मृति दास बताते हैं कि मुख्य मनोरंजन केंद्र होने की वजह से घर आये मेहमानों को फिल्म दिखाकर यहां के निवासी खुद को गौरवान्वित महसूस करते थे. खास कर शादी ब्याह के सीजन में और नवविवाहितों के लिए इसमें फिल्म देखना किसी हिल स्टेशन की सैर जितना आनंददायक था. स्थानीय तपन विकास सिंह उन दिनों को याद कर भावुक हो जाते हैं. फिर कहते हैं कि कॉलेज लाइफ में मित्रों के साथ इस सिनेमाघर में काफी फिल्में देखी थीं. राजधानी के अलावा बड़े-बड़े शहरों में भी फिल्म देखने का मौका मिला, लेकिन उन दिनों यह सिनेमाघर किसी मेट्रोपोलिटन सिटी के सिनेमाघर की तुलना में कम नहीं था. एक तरह से उन दिनों यह जिले की पहचान था. पान दुकानदार अशोक कुमार साह कहते हैं कि सिनेमाघर के उद्घाटन के समय से ही पान की दुकान चला रहा हूं. अब सड़क के किनारे गुमटी में रोजगार चल रहा है. वर्ष 2013 से यहां की स्थिति गड़बड़ाने लगी थी. दो साल के बाद फिल्म प्रदर्शन बिलकुल बंद हो गया और मुझे भी कैंपस से हटना पडा.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें