![एमएस धोनी ने दी खास सलाह और हरभजन सिंह ने की कमाल की गेंदबाजी, टर्बनेटर ने सुनायी 2011 विश्व कप की कहानी 1 Undefined](https://pkwp1.prabhatkhabar.com/wp-content/uploads/Prabhatkhabar/2022-08/0a6fa183-9230-4448-9cb7-cadd1466a161/MS_Dhoni.jpg)
2011 विश्व कप में टीम इंडिया के अभियान को अक्सर प्रशंसकों और पूर्व क्रिकेटरों द्वारा सम्मान के रूप में देखा जाता है. एमएस धोनी की कप्तानी में, भारत ने दूसरी बार विश्व कप का खिताब जीता और महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर को एक आदर्श विदाई दी. सचिन के लिए 2011 का संस्करण उनके छह विश्व कप प्रदर्शनों में से अंतिम था. अपने वर्ल्ड कप विजेता अभियान के रास्ते में, भारत ने क्वार्टर फाइनल में गत चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को हराया था. हालांकि, उनकी सबसे यादगार जीत में से एक अगले दौर में आई जब उन्होंने मोहाली में कट्टर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान से मुकाबला किया.
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तेंदुलकर खेल के दौरान बल्ले से चमके. उनके 115 गेंदों में 85 रन की मदद से भारत ने 260/9 का प्रतिस्पर्धी स्कोर बनाया. रन चेज़ में, पाकिस्तान ने शुरुआती विकेट खो दिये, लेकिन फिर से मजबूत हो गया जब कप्तान मिस्बाह उल हक ने उमर अकमल के साथ एक खतरनाक दिखने वाला स्टैंड बनाना शुरू कर दिया. तब एक 21 वर्षीय युवा, अकमल शानदार फॉर्म में दिख रहा था, क्योंकि उसने 24 गेंदों में 28 रन की पारी खेली, जिसमें उसने एक चौका और दो छक्के लगाये.
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यह तब था, जब कप्तान महेंद्र सिंह धोनी स्पिनर हरभजन सिंह के लिए एक सुझाव लेकर आये थे. भारत के पूर्व ऑफ स्पिनर ने धोनी द्वारा उन्हें बतायी गयी बातों का खुलासा किया, जिसके बाद हरभजन ने अपने अगले ओवर की पहली ही गेंद पर एक विकेट लिया. हरभजन ने स्टार स्पोर्ट्स के दिल से इंडिया के पल को याद करते हुए कहा, यह उन खेलों में से एक था जहां मुझे लगा कि मैं थोड़ा सुन्न हो रहा हूं. मैंने पांच ओवर फेंके थे, लगभग 26-27 रन दिये.
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हरभजन बताते है कि धोनी ने मुझसे कहा, ‘भज्जू पाजी, आप वहां से डालोगे’ (विकेट के आसपास). कामरान (उमर) अच्छा खेल रहा था, मिस्बाह भी. और वे रन बना रहे थे और साझेदारी खतरनाक हो रही थी. हरभजन ने कहा, तो मैं गेंदबाजी करने आया, मुझे भगवान की याद आयी. मैंने सिर्फ जीत के लिए प्रार्थना की. और भगवान ने मेरी बात सुनी. पहली ही गेंद पर मुझे कामरान (उमर) अकमल का विकेट मिला, जैसे ही मैंने विकेट के आसपास गेंदबाजी की, वह पूरी तरह से गेंद से चूक गये.
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अकमल के विकेट के बाद, पाकिस्तान का बल्लेबाजी क्रम चरमरा गया क्योंकि टीम ने अपने स्टार ऑलराउंडर अब्दुल रज्जाक (3) और शाहिद अफरीदी (19) को सस्ते में खो दिया. मिस्बाह (56) ने अकेले लड़ाई का नेतृत्व किया, लेकिन अंत में मेन इन ग्रीन के लिए यह पर्याप्त नहीं था, क्योंकि टीम 49.5 ओवर में 231 पर आउट हो गयी थी.