28.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Vishwakarma Puja 2020 Date: कब है विश्वकर्मा पूजा, जानें पूजा विधि और इस पर्व का धार्मिक महत्व

Advertisement

Vishwakarma Puja: विश्वकर्मा पूजा हर साल 17 सितंबर के दिन की जाती है. इस दिन जगह-जगह आयोजन भी किया जाता है. विश्वकर्मा पूजा प्रतिवर्ष सितंबर के महीने में उल्लास के साथ मनाया जाता है. विश्वकर्मा पूजा कन्या संक्रांति को मनाई जाती है, बता दें कि इसी दिन भगवान विश्वकर्मा का जन्म हुआ था. विश्वकर्मा को दुनिया का पहला इंजीनियर और वास्तुकार माना जाता है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Vishwakarma Puja 2020, Shubh Muhurat, Puja Vidhi: विश्वकर्मा पूजा हर साल 17 सितंबर के दिन की जाती है. इस दिन जगह-जगह आयोजन भी किया जाता है. विश्वकर्मा पूजा प्रतिवर्ष सितंबर के महीने में उल्लास के साथ मनाया जाता है. विश्वकर्मा पूजा कन्या संक्रांति को मनाई जाती है. विश्वकर्मा एक महान ऋषि के साथ ही शिल्पकार और ब्रह्मज्ञानी थे. मान्यता है कि उन्होंने ही देवताओं के घर, नगर, अस्त्र-शस्त्र आदि का निर्माण विश्वकर्मा भगवान ही किया था. हस्तिनापुर, द्वारिका, इंद्रपुरी, पुष्पक विमान, भगवान शिव का त्रिशूल जैसे कई भवनों और वस्तुओं के निर्माता विश्वकरमा भगवान ही हैं. कर्ण का कुंडल, विष्णु का सुदर्शन चक्र आदि का निर्माण भी उन्होंने ही किया था. बता दें कि इसी दिन भगवान विश्वकर्मा का जन्म हुआ था. विश्वकर्मा को दुनिया का पहला इंजीनियर और वास्तुकार माना जाता है.

- Advertisement -

इस दिन उद्योगों, फैक्ट्र‍ियों और हर तरह के मशीन की पूजा घर-घर में की जाती है. इस बार विश्वकर्मा जयंती 17 सितंबर 2020 दिन बुधवार को मनाई जाएगी. मान्यता है कि भगवान विश्वकर्मा ने ही देवताओं के लिए अस्त्रों, शस्त्रों, भवनों और मंदिरों का निर्माण किया था. विश्वकर्मा ने सृष्टि की रचना में भगवान ब्रह्मा की सहायता की थी, ऐसे में इंजीनियरिंग काम में लगे लोग उनकी पूजा करते हैं. यह पूजा सभी कलाकारों, बुनकर, शिल्पकारों और औद्योगिक घरानों द्वारा की जाती है.

विश्कर्मा पूजा विधि

विश्वकर्मा की पूजा करने के लिए सुबह अच्छे कपड़े पहनें और भगवान विश्वकर्मा की पूजा करें. विश्वकर्मा की पूजा में इन चीजों को साथ में लेकर रखें जैसे, अक्षत, हल्दी, फूल, पान, लौंग, सुपारी, मिठाई, फल, धूप, दीप और रक्षासूत्र से पूजा शुरु करें. आप जिन चीजों की पूजा करना चाहते हैं उन पर हल्गी और चावल लगाएं. इसके बाद कलश को हल्दी और चावल के साथ रक्षासूत्र चढ़ाएं, इसके बाद पूजा करते वक्त मंत्रों का उच्चारण करें. जब पूजा खत्म हो जाए उसके बाद सभी लोगों में प्रसाद का वितरण करें.

कैसे हुई भगवान विश्वकर्मा की उत्पत्ति

पौराणिक कथा के अनुसार भगवान विष्णु सागर में शेषशय्या पर प्रकट हुए. कहते हैं कि धर्म की ‘वस्तु’ नामक स्त्री से उत्पन ‘वास्तु’ के सातवें पुत्र थें, जो शिल्पशास्त्र के प्रवर्तक थे. वास्तुदेव की ‘अंगिरसी’ नामक पत्नी से विश्वकर्मा का जन्म हुआ था, अपने पिता की तरह विश्वकर्मा भी वास्तुकला के अद्वितीय आचार्य बने.

क्या है पूजा महत्व

विश्वकर्मा की पूजा इसलिए की जाती है क्योंकि उन्हें पहला वास्तुकार माना गया था, मान्यता है कि हर साल अगर आप घर में रखे हुए लोहे और मशीनों की पूजा करते हैं तो वो जल्दी खराब नहीं होते हैं. मशीनें अच्छी चलती हैं क्योंकि भगवान उनपर अपनी कृपा बनाकर रखते हैं. भारत के कई हिस्सों में हिस्से में बेहद धूम धाम से मनाया जाता है.

News Posted by: Radheshyam Kushwaha

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें