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Vijayadashami 2024: दशहरा 12 अक्तूबर को, जानें क्या है रावण दहन का मुहूर्त और इसका महत्व

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Vijayadashami 2024: दशहरा का पर्व सम्पूर्ण भारत में उत्साह और धूमधाम के साथ मनाया जाता है, जो असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक है. यह पर्व हिंदू पंचांग के अनुसार हर वर्ष आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है.

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Vijayadashami 2024: दशहरा हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है. इस दिन विभिन्न परंपराओं का पालन किया जाता है, जैसे रावण का दहन, शस्त्रों की पूजा और जवारे का विसर्जन. ये सभी कार्य शुभ मुहूर्त के अनुसार संपन्न किए जाते हैं. इस बार ये उत्सव 12 अक्टूबर, शनिवार को किया जाएगा. यहां जानिए ज्योतिषाचार्य डॉ एन के बेरा से इस वर्ष के शस्त्र पूजन, जवारे विसर्जन और रावण दहन के लिए शुभ मुहूर्त क्या हैं

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रावण दहन का मुहूर्त क्या है ?

इस वर्ष दशहरा के दिन रावण दहन का समय सूर्यास्त के पश्चात, अर्थात् शाम 5 बजकर 54 मिनट के बाद निर्धारित किया गया है, जो कि ढाई घंटे तक चलेगा. रावण दहन का यह समय सूर्यास्त से प्रारंभ होकर ढाई घंटे तक जारी रहता है, और इसे प्रदोष काल में संपन्न किया जाता है. सूर्यास्त के बाद जब अंधेरा छा जाएगा, उसी समय रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतलों का दहन किया जाएगा.

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दशहरा या विजयादशमी का महत्व

दशहरा केवल भगवान राम द्वारा रावण को पराजित करने का दिन नहीं है, बल्कि इसका एक गहरा महत्व भी है. यह दिन सद्गुणों को प्रोत्साहित करता है, बुराइयों को समाप्त करता है और सफलता के नए मार्ग प्रशस्त करता है. इस दिन भगवान राम की आराधना करने से आत्मविश्वास और नैतिक बल में वृद्धि होती है, साथ ही आध्यात्मिक, मानसिक और शारीरिक शुद्धि भी होती है. दशहरा का मुख्य संदेश असत्य पर सत्य की विजय है, जिसमें भगवान राम बुराई पर अच्छाई की अंतिम जीत के प्रतीक हैं.

दशहरा केवल भगवान राम की विजय का ऐतिहासिक पुनरावृत्ति नहीं है. यह एक ऐसा अवसर है जो आंतरिक बुराइयों के नाश और व्यक्तियों के भीतर सकारात्मकता और सद्गुणों के विकास का प्रतीक है. रावण दहन की परंपरा को शुभ माना जाता है, जो नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करने का संकेत है, जिससे व्यक्ति के जीवन में दिव्य गुणों का उदय होता है. यह पर्व अच्छाई और बुराई के बीच के संघर्ष का प्रतीक है.

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