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Pitru Paksha 2024: पितृ पक्ष में जानें श्राद्ध का मुहूर्त, कैसे करें पितरों का तर्पण

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Pitru Paksha 2024: इस साल पितृपक्ष की शुरुआत मंगलवार, 17 सितंबर 2024 से हो चुकी है, जिसका समापन बुधवार, 02 अक्टूबर को होगा. आइए जानें पितृपक्ष श्राद्ध के महत्व के बारे में

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Pitru Paksha 2024: श्राद्ध कर्म में सही समय और विधि का विशेष महत्व होता है. इस साल श्राद्ध करने के लिए 11:36 से 12:24 तक का समय सबसे उत्तम माना गया है. इस दौरान किया गया श्राद्ध पितरों की तृप्ति और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए सबसे अधिक फलदायी होता है.

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पवित्र स्थल और श्राद्ध का महत्व

श्राद्ध करने के लिए गया, पुष्कर, प्रयाग और हरिद्वार जैसे चार प्रमुख धार्मिक स्थलों को सबसे पवित्र माना जाता है. इसके साथ ही गौशाला, देवालय, और नदी के तट पर किया गया श्राद्ध भी अत्यंत शुभ और लाभकारी होता है.

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बर्तन और भोजन की विधि

श्राद्ध में सोना, चांदी, तांबा और कांसे के बर्तनों का उपयोग सबसे उत्तम माना जाता है.पलाश के पत्तल में भी भोजन कराना एक पवित्र और परंपरागत तरीका है.हालांकि, लोहे और मिट्टी के बर्तनों का प्रयोग श्राद्ध में वर्जित है क्योंकि इनका उपयोग अशुभ माना जाता है.

शांति और संयम का महत्व

श्राद्ध के समय शांत रहना और जल्दबाजी से बचना बेहद जरूरी है. कम लोगों को श्राद्ध में शामिल करना चाहिए ताकि पूरा ध्यान पितरों की तृप्ति पर केंद्रित रहे. सफेद, सुगंधित फूलों का उपयोग श्राद्ध के दौरान पवित्रता का प्रतीक माना जाता है, जबकि लाल, काले और बिना सुगंध वाले फूलों से बचना चाहिए.

श्राद्ध का महत्व और फल

श्राद्ध कर्म हमारे पूर्वजों के प्रति सम्मान और श्रद्धा का प्रतीक है. यह माना जाता है कि सही विधि और श्रद्धा से किया गया श्राद्ध पितरों को मुक्ति दिलाता है और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है. श्राद्ध कर्म के दौरान सभी नियमों और विधियों का पालन करके ही इसका पूर्ण फल प्राप्त होता है.

जन्मकुंडली, वास्तु, तथा व्रत त्यौहार से सम्बंधित किसी भी तरह से जानकारी प्राप्त करने हेतु दिए गए नंबर पर फोन करके जानकारी प्राप्त कर सकते है .

ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847

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