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HomeReligionचैत्र नवरात्र : जानिए किस दिन देवी के किस स्वरूप की करें पूजा,कलश स्थापना और शुभ मुहूर्त

चैत्र नवरात्र : जानिए किस दिन देवी के किस स्वरूप की करें पूजा,कलश स्थापना और शुभ मुहूर्त

पौराणिक मान्यता के अनुसार चैत्र नवरात्रि chaitra navratri 2020 के पहले दिन मां दुर्गा का जन्म हुआ था. देवी दुर्गा के आदेश पर ही जगतपिता ब्रह्मा ने सृष्टि का निर्माण किया था.इसलिए इस शुभ तिथि chaitra navratri को चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से हिन्दू नववर्ष का प्रारंभ होता है. इसीलिए नवरात्रि के दौरान नव दुर्गा के नौ रूपों का ध्‍यान, उपासना व आराधना की जाती है तथा नवरात्रि के प्रत्‍येक दिन मां दुर्गा के एक-एक शक्ति रूप का पूजन किया जाता है.

Chaitra Navratri 2020 Start And End Date (Navratri Kab Se Hai ) :

नवरात्रि के सभी नौ दिन की तिथि :

25 मार्च : प्रतिपदा प्रथमा तिथि, नवरात्रि आरंभ, घटस्थापना और मां शैलपुत्री की पूजा, हिंदू नववर्ष की शुरुआत

26 मार्च : द्वितीया तिथि, मां ब्रह्मचारिणी की पूजा

27 मार्च : तृतीया तिथि, मां चंद्रघंटा की पूजा

28 मार्च : चतुर्थी तिथि, मां कुष्मांडा की पूजा

29 मार्च : पंचमी तिथि, मां स्कंदमाता की पूजा

30 मार्च : षष्ठी तिथि, मां कात्यायनी की पूजा

31 मार्च : सप्तमी तिथि, मां कालरात्रि की पूजा

1 अप्रैल : अष्टमी तिथि, मां महागौरी की पूजा

2 अप्रैल : नवमी तिथि, मां सिद्धिदात्रि की पूजा

कब है चैत्र घटस्थापना मुहूर्त –

चैत्र घटस्थापना बुधवार, मार्च 25, 2020 को

घटस्थापना मुहूर्त – 06:19 AM से 07:17 AM

घटस्थापना मुहूर्त प्रतिपदा तिथि पर निर्भर करता है और इस साल चैत्र नवरात्र 2020 का घटस्थापना मुहूर्त द्वि-स्वभाव मीन लग्न के दौरान है .

प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ – मार्च 24, 2020 को 02:57 PM बजे

प्रतिपदा तिथि समाप्त – मार्च 25, 2020 को 05:26 PM बजे

मीन लग्न प्रारम्भ – मार्च 25, 2020 को 06:19 AM बजे

मीन लग्न समाप्त – मार्च 25, 2020 को 07:17 AM बजे

घट स्थापना पूर्वाह्न के अलावा अभिजित मुहूर्त में भी :

चैत्र नवरात्र Chaitra Navratri 2020 पूजन का आरंभ घट स्थापना से शुरू हो जाता है. शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के दिन प्रात: स्नानादि से निवृत्त हो कर संकल्प किया जाता है. व्रत का संकल्प लेने के पश्चात मिट्टी की वेदी बनाकर जो बोया जाता है. इसी वेदी पर घट स्थापित किया जाता है. घट के ऊपर कुल देवी की प्रतिमा स्थापित कर उसका पूजन किया जाता है. तथा ‘दुर्गा सप्तशती’ का पाठ किया जाता है. पाठ पूजन के समय दीप अखंड जलता रहना चाहिए.

कलश स्थापन पूर्वाह्न में करें.

घट स्थापना मार्च 25, 2020 को सुबह 6 बजकर 19 मिनट से लेकर 7 बजकर 17 मिनट तक रहेगा. इसके पश्चात अभिजित मुहूर्त में भी स्थापना की जा सकती है.

नवरात्रि का महत्व :

नवरात्रि chaitra navratri उत्सव देवी अंबा (विद्युत) का प्रतिनिधित्व है. वसंत की शुरुआत और शरद ऋतु की शुरुआत को जलवायु और सूरज के प्रभावों के हिसाब से महत्वपूर्ण माना जाता है. और इसे मां दुर्गा की पूजा के लिए पवित्र अवसर माना जाता है. त्योहार की तिथियाँ चंद्र कैलेंडर के अनुसार निर्धारित होती हैं .नवरात्रि पर्व, माँ-दुर्गा की अवधारणा भक्ति और परमात्मा की शक्ति (उदात्त, परम, परम रचनात्मक ऊर्जा) की पूजा का सबसे शुभ और अनोखा अवधि माना जाता है. यह पूजा वैदिक युग से पहले, प्रागैतिहासिक काल से होती आ रही है

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