Magh Gupt Navratri 2021: हिंदू धर्म में माघ महीने का विशेष महत्व है. क्योंकि इस महीने की नवरात्र को बहुत ही खास माना जाता है. इस नवरात्र में व्यक्ति ध्यान-साधना करके दुर्लभ शक्तियों की प्राप्ति करते है. माघ मास की नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि के नाम से जाना जाता है. गुप्त नवरात्र को खासतौर से तंत्र-मंत्र और सिद्धि-साधना आदि के लिए बहुत ही खास माना जाता है.
साल में चार नवरात्र को खास माना गया है. लेकिन साल की दो नवरात्रि को ही अधिकांश लोग जानते है. जो चैत्र और शारदीय नवरात्र कहलाते है. वहीं, इन दो नवरात्र के अलावा भी दो नवरात्र होते है. जिन्हें गुप्त नवरात्र कहा जाता है. यह गुप्त नवरात्र माघ और आषाढ़ मास में आते हैं. माघ महीने में पड़ने के कारण इन नवरात्र को माघी नवरात्र भी कहा जाता है.
हिन्दू कलेंडर के अनुसार माघ महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से लेकर नवमी तिथि तक माघ गुप्त नवरात्र मनाए जाते हैं. ये नवरात्रि भी नॉर्मल नवरात्रियों की तरह नौ दिन ही मनाई जाती हैं. गुप्त नवरात्रियों में मां भगवती की पूजा की जाती है. गुप्त नवरात्रियों का महत्व चैत्र और शारदीय नवरात्रियों से ज्यादा होता है. क्योंकि गुप्त नवरात्रियों में मां दुर्गा शीघ्र प्रसन्न होती हैं. गुप्त नवरात्र को खासतौर से तंत्र-मंत्र और सिद्धि-साधना आदि के लिए बहुत ही खास माना जाता है। इस दौरान व्यक्ति ध्यान-साधना करके दुर्लभ शक्तियों की प्राप्ति करते है.
इस नवरात्र को करने में साधक को पूर्ण संयम और शुद्धता के साथ मां भगवती की आराधना करनी चाहिए. गुप्त नवरात्रि की पूजा के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरुपों के साथ-साथ दस महाविद्यियाओं की भी पूजा का विशेष महत्व है. ये दस महाविद्याएं मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां धूमावती, मां बगुलामुखी, मातंगी और कमला देवी हैं.
इस दौरान मां की आराधना गुप्त रुप से की जाती है, इसलिए इन्हें गुप्त नवरात्र कहा जाता है. यह नवरात्र भी चैत्र और शारदीय नवरात्रियों की तरह मनाये जाते है. गुप्त नवरात्रों के नौ दिनों में देवी के नौ स्वरुपों की पूजा की जाती है. मां दुर्गा के नौ स्वरुपों की पूजा नवरात्र के भिन्न-भिन्न दिन की जाती है.
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प्रतिपदा तिथि शुरू 11 फरवरी 2021 की रात 12 बजकर 34 मिनट पर
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प्रतिपदा तिथि समाप्त 12 फरवरी 2021 की रात 02 बजकर 29 मिनट पर
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नवरात्रि शुरू 12 फरवरी 2021 दिन शुक्रवार
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नवरात्रि समाप्त 21 फरवरी 2021 दिन रविवार
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कलश स्थापना मुहूर्त सुबह 08 बजकर 34 मिनट से 09 बजकर 59 मिनट तक
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अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 13 मिनट से 12 बजकर 58 मिनट तक
12 फरवरी दिन शुक्रवार को मां शैलपुत्री, 13 फरवरी दिन शनिवार को मां ब्रह्मचारिणी, 14 फरवरी दिन रविवार को मां चंद्रघंटा, 15 फरवरी दिन सोमवार को मां कुष्मांडा, 16 फरवरी दिन मंगलवार को मां स्कंदमाता, 17 फरवरी दिन बुधवार को मां कात्यानी, 19 फरवरी दिन गुरुवार को मां कालरात्रि, 20 फरवरी दिन शनिवार को मां महागौरी, दुर्गा अष्टमी, 21 फरवरी दिन रविवार को मां सिद्धिदात्री, व्रत पारण
Posted by: Radheshyam Kushwaha